26 सितंबर सोमवार को माँ भगवती (गज) हांथी पर सवार होकर आ रही है।

*‼️शारदिय नवरात्र 2022‼️*
*इस वर्ष 26 सितंबर सोमवार को माँ भगवती (गज) हांथी पर सवार होकर आ रही है। और 5 अक्टूबर बुधवार को विजयादशमी के दिन गज (हांथी) से ही जाएंगी।*
*वैसे देवी दुर्गा का वाहन तो शेर होता है। लेकिन नवरात्र में मां पृथ्वी पर दिनों के अनुसार वाहन से आती हैं। और दिनों के अनुसार वाहन से जाती हैं। मान्यता है कि देवी माँ जिस वाहन से आती हैं और जिस वाहन से जाती हैं, उसीका विशेष प्रभाव पृथ्वी पर पड़ता है, और उसका विशेष महत्व होता है। देवीभागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा का आगमन एवं गमन आने वाले भविष्य की घटनाओं के बारे में संकेत देता है।*
*नवरात्र मे भगवती के आगमन और गमन के बारे मे देवीभागवत मे जो बताया गया है। वो इस प्रकार है-*
*देवी आगमन:*👇
*शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे।*
*गुरौ शुक्रे च डोलायां बुधे नौका प्रकीर्त्तिता ।।*
*जिसका फल इस प्रकार है।*👇
*गजे च जलदा देवी क्षत्र भंग स्तुरंगमे।*
*नोकायां सर्वसिद्धि स्या ढोलायां मरणं ध्रुवम्।।*
*इसी प्रकार भगवती के गमन के लिए ये श्लोक है।*👇
*शशि सूर्य दिने यदि सा विजया,* *महिषागमने रुज शोककरा।*
*शनि भौमदिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला।।*
*बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गज वाहन गा शुभ वृष्टिकरा।*
*सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा॥*
*इस बार हांथी पर माता का आगमन जनमानस लिये बहुत अच्छा माना जाएगा, हांथी पर आगमन और गमन जल, वृष्टि, अन्न धन की प्राप्ति तथा विभिन्न प्रकार के रोग शोक निवारक भी हो सकता है।*
*अतः इस वर्ष भी खास कर हाँथ में कलश लिए, शांत रूप में शेर के आगे खड़ी माता जी के स्वरूप का दर्शन पूजन करना सभी समस्याओं और सभी व्याधियों से छुटकारा दिलाने वाला होगा। इस रूप में माता जी की स्थापना, पूजन सबके लिए शुभद सुखद एवं मंगलमय होगा और माता जगदम्बा सबकी सभी मनोकामना पूर्ण करेंगी।*
*बडे ही सौभाग्य से इस बार सोमवार को प्रातः 7:03 के बाद हस्त युक्त प्रतिपदा एवं शुक्ल योग का संयोग व्यातिपात योग रहित अत्यंत ही शुभद है। और फिर 10 दिन का संपूर्ण नव रात की नवरात्र कर 5 अक्टूबर बुधवार को विजयादशमी सबके लिए शुभद एवं प्रसन्नतादायक होगा।*
*इस बार के शारदीय नवरात्र पूजन से भक्तों को अत्यंत ही शुभ फलों की प्राप्ति होगी । वहीं इस बार पूरे 10 दिनों पूर्ण नवरात्र में माँ अम्बे की पूजा-अर्चना अत्यंत ही शुभद् होगी, जबकि दसवें दिन बुधवार को माँ की विधि-विधान के साथ पूजन कर जयंती ग्रहण कर नवरात्र व्रत का पारण किया जाएगा।*
1, *शारदीय नवरात्र 2022 कलश स्थापना एवं माता शैलपुत्री पूजन :-26/09/ 2022 सोमवार को प्रातः 7:03 से सुर्यास्त तक अच्छा है। इसमे भी श्रेष्ठ मुहूर्त का विचार करना हो तो अभिजीत मुहूर्त :- दिन में – 11:35 से 12:23 तक उत्तम रहेगा।*
2, *द्वितीय दिन ब्रह्मचारिणी पूजन :- 27/09/2022 मंगलवार को शुभ होगा।*
3, *तृतीय दिन चन्द्रघण्टा पूजन :- 28/09/2022 बुधवार को शुभ है।*
4, *चतुर्थी कुष्मांडा पूजन :- 29/09/2022 गुरुवार को शुभ होगा।*
5,- *पंचमी स्कंदमाता पूजन :- 30/09/2022 शुक्रवार को शुभ है।*
6, *षष्ठी कात्यायनी पूजन:- 01/10/2022 शनिवार को शुभ है, और इसी अपराह्न 1 बजे से सायं 5 बजे तक कभी भी बिलवाभिमंत्रण पूजन सबके लिए शुभ होगा।*
7, *महासप्तमी कालरात्रि पूजन, डोली यात्रा, नवपत्रिका प्रवेश, मूर्ति प्राणप्रतिष्ठा एवं पट प्रदर्शन :- 02/10/2022 रविवार को किया जाएगा। आज रात्रि 11:30 से रात्रि 1:30 तक महानिशा पूजन किया जाएगा।*
8, *महाअष्टमी व्रत पूजन, महागौरी पूजन एवं कुमारिका पूजन:- 03/10/2022 सोमवार को किया जाएगा। जबकि आज ही दिन सायं 4 बजे से नवरात्र नवमी में दुर्गा मंत्र हवन प्रारंभ हो जायेगा।*
9, *महानवमी व्रत पूजन, दुर्गा नवमी एवं नवरात्र हवन:- 04/10/2022 मंगलवार को व्रत पूजन एवं प्रातः से दिन के 1:33 बजे तक नवरात्र हवन किया जाएगा।*
10, *विजया दशमी, जयंती ग्रहण एवं नवरात्र व्रत का पारण :- 5/10/2022, बुधवार को प्रातः से पूर्वाह्न 11 बजे तक दशमी पूजन, शमी पूजन, जयंती ग्रहण, देवी विसर्जन पूर्वक नवरात्र व्रत का पारण किया जाएगा।*
*इस वर्ष बुधवार के प्रातः हांथी पर माता जी का गमन उत्तम वृष्टि एवं अन्न धन की परिपूर्णता, सबके जीवन मे प्रसन्नता, उत्तम आयु आरोग्यता के साथ सबके मार्ग प्रसस्त करे और आने वाले समयों में सबका जीवन सुखमय तथा मंगलमय हो।*
*इस वर्ष का शारदीय नवरात्र सभी मातृ भक्तों के लिए सुखद , शुभद, एवं मंगलमय हो….!*
✒✒ *✍🏻 हरि ॐ गुरुदेव.. ज्योतिषाचार्य आचार्य राधाकान्त शास्त्री*
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