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किशनगंज : डीएम के द्वारा जिलांतर्गत जिला आपदा प्रबंधन के कार्यों के अंतर्गत की गई तैयारियों की समीक्षा की

सरकारी नावों का मरम्मती कराकर 18 नाव को परिचालन योग्य तैयार कर लिया गया है। साथ ही साथ 55 निजी नावों के मालिकों के साथ एकरारनामा भी करा लिया गया है

किशनगंज, 23 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव, बिहार के द्वारा गुरुवार को आपदा प्रबंधन विभाग अंतर्गत संभावित बाढ़ और सुखाड़ की समीक्षा सभी डीएम के साथ निर्धारित है। तदनुसार जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री के द्वारा जिलांतर्गत संभावित बाढ़, सुखाड़ के आलोक में जिला आपदा प्रबंधन के कार्यों के अंतर्गत की गई तैयारियों की समीक्षा समाहरणालय सभागार में सभी संबंधित विभागीय पदाधिकारियों के साथ आहूत की गई। सभी सीओ और बीडीओ भी उपस्थित रहे। बैठक में प्रभारी पदाधिकारी, आपदा प्रबंधन शाखा के द्वारा विभागवार एजेंडा प्रस्तुत किया गया। समीक्षात्मक बैठक में मुख्य रूप से संभावित बाढ़ में आपदा प्रबंधन के तहत एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) अंतर्गत की जाने वाली तैयारियों यथा जीआर सामग्री, समपूर्ती पोर्टल पर प्रविष्टि, राहत शिविर, प्लास्टिक शीट, खाद्य सामग्री, मानव दवा, आश्रय स्थल, पशु चारा, दवा, बाढ़ नियंत्रण, बाढ़ संधर्षात्मक कार्य, कृषि, प्रशिक्षित गोताखोर, वर्षा मापक यंत्र, तटबंधो की सुरक्षा, लाइफ जैकेट, सामुदायिक रसोई, मोटरबोट, शुद्ध पेयजल, महाजाल, राहत व बचाव दल, नाव उपलब्धता व निबंधन, नदियों का बहाव, आकस्मिक प्लान, गर्मी में विद्यालय संचालन, प्याऊ की व्यवस्था, नदियों का जल स्तर, नाला सफाई आदि पर विमर्श किया गया। बैठक में आपदा प्रबंधन के पदाधिकारियों के अतिरिक्त उप विकास आयुक्त, स्पर्श गुप्ता, सभी प्रखंड के वरीय नोडल पदाधिकारी, प्रभारी सिविल सर्जन, जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडलाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता बाढ़ नियंत्रण एवम जल निस्सरण, पथ निर्माण, ग्रामीण कार्य, भवन निर्माण, पुल निर्माण,जिला अग्निशाम पदाधिकारी, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, जिला प्रबंधक एसएफसी व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे। बैठक में जिला आपातकालीन संचालन केंद्र एवं उनके द्वारा क्रियान्वित योजनाओं समेत संभावित बाढ़, सुखाड़, कृषि, डीजल अनुदान इत्यादि से संबंधित समीक्षा उपरांत डीएम ने संबंधित पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही, सभी अधिकारियों को विभाग द्वारा आवंटित किए गए कार्यों का निष्पादन कर्तव्यनिष्ठा एवं समय सीमा के अंदर करने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के द्वारा आपदा की स्थिति में संवेदनशीलतापूर्ण कार्य करने का निर्देश दिया गया। सभी प्रखंड, अंचल में स्थानीय लोगो को तैराकी प्रशिक्षण हेतु एसडीआरएफ को निर्देश दिया गया ताकि डूबने की स्थिति में बचाव कार्य किया जा सके। प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन द्वारा बताया गया कि बाढ़ राहत एवं संबंधित सामग्रियों का दर निर्धारण एवं आपूर्तिकर्ता का चयन कर लिया गया है ताकि बाढ़ जैसे आपदा की स्थिति में राहत सामग्री लाभार्थियों को समय पर उपलब्ध करवाया जा सके। पॉलिथीन सीट्स की उपलब्धता को लेकर प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन द्वारा बताया गया कि जिला भंडार में 13500 से ज्यादा पॉलिथिन शीट्स उपलब्ध है जो पर्याप्त है। बाढ़ के समय नावों के परिचालन को लेकर समस्या नहीं हो इसके लिए जिलाधिकारी द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान एवं पूर्व बैठक में सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया था कि मरम्मती योग्य नावों का मरम्मती कराकर उसको परिचालन योग्य बनाने एवं निजी नावों के सभी मालिकों का पूर्व में लंबित राशि का भुगतान यथाशीघ्र करने के साथ निजी नावों के मालिकों के साथ एकरारनामा करने का निर्देश दिया गया था। उक्त कार्य सभी सीओ के स्तर से किया गया है। सरकारी नावों का मरम्मती कराकर 18 नाव को परिचालन योग्य तैयार कर लिया गया है। साथ ही साथ 55 निजी नावों के मालिकों के साथ एकरारनामा भी करा लिया गया है। संभावित बाढ़ के दौरान चलने वाले राहत शिविरों एवं सामुदायिक रसोई केंद्रों की भी गहन समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान पाया गया कि सभी अंचल अधिकारी द्वारा बाढ़ शरण स्थलों का चयन कर लिया गया है। राहत एवम बचाव दल, राहत शिविर तथा तैराकी प्रशिक्षण के बिंदु पर निर्देश दिए गए। रसोई केंद्रों के संचालन करने हेतु कर्मियों की प्रतिनियुक्ति संबंधित अंचल अधिकारी द्वारा कर लेने का निर्देश दिया गया है। जिले में निर्माणाधीन 8 बाढ़ आश्रय स्थलों में 4 का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है। जिले में एसडीआरएफ की प्रतिनियुक्ति, अति संवेदनशील स्थलों पर करवाए जा रहे बाढ़ निरोधात्मक कार्यों की प्रगति, आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर अपलोड किए गए लाभुकों की सूची के साथ-साथ अन्य आपदा से जुड़े मामलों की गहन समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी डीसीएलआर एवं सभी अंचलाधिकारी को आपदा सम्पूर्ति पोर्टल पर शत प्रतिशत लाभुकों की सूची ससमय अपलोड करने का निर्देश दिया गया ताकि आपदा के समय लाभुकों को मिलने वाले लाभों से ससमय लाभान्वित कराया जा सके।

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