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यदि परियोजना पूरा नहीं करना चाहती झारखंड सरकार तो बंद कर दे – हाई कोर्ट

नवेंदु मिश्र

रांची: गढ़वा-पलामू जिले की बहुत चर्चित कनहर बराज परियोजना निर्माण मामले की हाई कोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई। कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से 8 वर्षों का और समय मांगा गया। इतना अधिक समय मांगे जाने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई। कहा कि सरकार की ओर से बार-बार समय की मांग की जाती है। इससे ऐसा लगता है की सरकार की नियत ठीक नहीं है । कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि परियोजना पूरा नहीं करना चाहते हैं तो इसे बंद कर दीजिए। बार-बार समय मांग कर समय बर्बाद किया जा रहा है।
हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ने वर्ष 2010 में 5 वर्षों का समय मांगा था। अब फिर 20-24 में 8 वर्ष का समय और मांगा जा रहा है। आखिर कितना समय चाहिए। ऐसा लगता है कि सरकार टाल मटोल कर रही है। जबकि गढ़वा पलामू इलाके के किसान हर वर्ष अकाल व सूखा का सामना कर रहे हैं। लंबे समय से सिंचाई के लिए पानी का इंतजार कर रहे हैं। उन्हें पानी की जरूरत है। यह मामला कई वर्षों से लंबित है।
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि फॉरेस्ट क्लीयरेंस, वन भूमि , भूमि अधिग्रहण एवं मुआवजा और राशि के लिए केंद्र सरकार से अनुमति लेने आदि विषयों पर काफी समय लगेगा। इसलिए 8 वर्ष का और समय दिया जाए। सरकार के रवैया पर कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए यहां तक कह दिया कि यदि नहीं बनना चाहते हैं तो परियोजना बंद कर दीजिए।
ज्ञात हो कि कनहर परियोजना गढ़वा पलामू जिले के लिए बहुप्रतीक्षित परियोजना है। कई दशकों से लोग परियोजना बनाने की मांग कर रहे हैं। कनहर बराज परियोजना को लेकर हाईकोर्ट में य
याचिका दायर करने वाले पूर्व विधायक हेमेंद्र प्रताप देहाती का निधन भी हो चुका है। इस मामले की हाईकोर्ट लंबे समय से मॉनिटरिंग भी कर रहा है। लेकिन अभी तक निर्माण कार्य में कोई प्रगति नहीं दिखाई दे रही है। कोर्ट में सुनवाई पर सुनवाई हो रही है और सरकार हर बार कुछ नया जवाब देती है।

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