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डीएम ने की जल-जीवन-हरियाली अभियान की समीक्षा, अधिकारियों को निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त करने के लिए तत्पर रहने का दिया निदेश।।…

योजनाओं के क्रियान्वयन के बारे में पोर्टल पर ससमय डाटा इन्ट्री करने का दिया गया निदेश

जल-जीवन-हरियाली अभियान की सफलता सुनिश्चित सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकताः डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-जिलाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने अधिकारियों को जल-जीवन-हरियाली मिशन में लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त करने के लिए सतत प्रयत्नशील रहने का निदेश दिया है। वे आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में इस अभियान की समीक्षात्मक बैठक कर रहे थे। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान में प्रदत दायित्वों को ससमय सम्पन्न करें।

आज की इस बैठक में डीएम डॉ. सिंह ने विभिन्न विभागों- यथा ग्रामीण विकास विभाग, लघु सिंचाई विभाग एवं नगर विकास विभाग- अंतर्गत जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत योजनाओं की समीक्षा की तथा अद्यतन स्थिति का जायजा लिया। उप विकास आयुक्त श्री तनय सुल्तानिया ने पावर प्वाईंट प्रजेन्टेशन के माध्यम से विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। सार्वजनिक जल संरचनाओं का जीर्णोंद्धार कुओं, सोख्ता, रिचार्ज एवं अन्य जल संरचना का निर्माण, भवनों में छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं का निर्माण, सावर्जनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्ह्ति कर अतिक्रमणमुक्त करना, जैविक खेती एवं टपकन सिंचाई, सौर ऊर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं ऊर्जा संरक्षण सहित विभिन्न बिन्दुओं पर डीएम डॉ. सिंह द्वारा विस्तृत समीक्षा की गई एवं आवश्यक निदेश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप उपलब्धि प्राप्त करने की प्रक्रिया में तेजी लाएँ। उन्होंने योजनाओं का ससमय क्रियान्वयन करते हुए जल-जीवन-हरियाली अभियान पोर्टल पर जियोटैग्ड फोटोग्राफ्स ससमय अपलोड करना सुनिश्चित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने उप विकास आयुक्त को पंचायती राज विभाग द्वारा क्रियान्वित योजनाओं की पंचायतवार सूची के अनुसार साप्ताहिक निरीक्षण के दरम्यान सत्यापन कराने का निदेश दिया। उन्होंने मनरेगा अंतर्गत 309 विद्यालयों में जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत कार्य कराने का निदेश दिया।

लघु सिंचाई प्रमंडल, पटना अन्तर्गत पटना जिला में ‘‘जल-जीवन-हरियाली’’ अभियान के तहत वितीय वर्ष 2019-20 में 119 अदद् एवं वितीय वर्ष 2021-22 में 05 अदद आहर-पईन एवं पोखर का कार्य कराया गया है। योजनाओं के क्रियान्वयन के पूर्व 1838 हेक्टेयर सिंचित एवं 16545 हेक्टेयर असिंचित क्षेत्र था। योजनाओं के क्रियान्वयन के पश्चात 18383 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र एवं 4317942 घनमीटर जल संचयन क्षमता विकसित किया गया है। योजनाओं के क्रियान्वयन से लगभग 130 गॉव के लगभग 195000 जनसंख्या लाभांवित हुआ है।

वितीय वर्ष 2021-22 में मत्स्य विभाग द्वारा 108 नये जल स्रोतों का सृजन किया गया। 2019-20 से 2021-22 में 118 एकड़ में जल स्रोतों का सृजन किया गया है। साथ ही पोर्टल पर शत-प्रतिशत इन्ट्री की गई है। नवीनतम लक्ष्य 60 एकड़ पर मत्स्य विभाग द्वारा कार्य किया जा रहा है।

जल-जीवन-हरियाली पोर्टल पर उपलब्ध सूचना के अनुसार 2019-22 की अवधि में सौर उर्जा उपयोग को प्रोत्साहन एवं उर्जा की बचत अंतर्गत 133 योजनाओं के लक्ष्य के विरूद्ध 117 योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है। शेष योजनाएँ प्रगति पर है। वैकल्पिक फसलों, टपकन सिंचाई, जैविक खेती एवं अन्य नई तकनीकों का उपयोग अंतर्गत 246 योजनाओं को पूर्ण कर लिया गया है।

2019-22 की अवधि में पौधशाला सृजन एवं सघन वृक्षारोपण अन्तर्गत 1889 योजनाओं पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। भवनों पर छत-वर्षा जल संचयन की संरचना का निर्माण अंतर्गत 1251 लक्ष्य के विरूद्ध 726 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

2019-22 अवधि में ग्रामीण विकास विभाग अंतर्गत छोटी-छोटी नदियों/नालों में एवं पहाड़ी क्षेत्रों के जल संग्रहण क्षेत्रों में चेकडैम एवं जल संचयन के अन्य संरचनाओं का निर्माण अंतर्गत 95 लक्ष्य के विरूद्ध 83 का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 12 पर कार्य जारी है।

2019-22 की अवधि में सार्वजनिक कुँओं/चापाकलों के किनारे सोख्ता/रिचार्ज/अन्य जल संचयन संरचना का निर्माण अंतर्गत ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 810 योजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 70 पर कार्य जारी है। नगर विकास विभाग अंतर्गत 685 योजनाओं पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है।

2019-22 की अवधि में सार्वजनिक कुँओं को चिन्ह्ति कर उनका जीर्णोद्धार योजना अंतर्गत पंचायती राज विभाग द्वारा 486 योजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। पीएचईडी द्वारा 138 योजनाओं पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। नगर विकास विभाग द्वारा 307 योजनाओं पर कार्य पूर्ण कर लिया गया है। सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं का जीर्णोद्वार योजना अंतर्गत लघु सिंचाई विभाग द्वारा 126 योजनाओं के लक्ष्य के विरूद्ध 121 योजनाओं का कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 05 पर कार्य जारी है। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा 179 तालाबों, 208 आहरों तथा 858 पईन का जीर्णोद्धार किया गया है।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अंतर्गत सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिन्हित कर अतिक्रमणमुक्त करने की योजना में 612 जल संचयन संरचनाओं को अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया है तथा 41 को अतिक्रमणमुक्त करने का कार्य जारी है।

डीएम डॉ. सिंह ने सभी योजनाओं की प्रगति का नियमित अनुश्रवण करने एवं पूर्ण करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान की सफलता सुनिश्चित सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। इसमें सभी पदाधिकारियों को तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहना होगा।

 

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