किशनगंज : फाइलेरिया लाइलाज परंतु नियंत्रित होने वाली बीमारी — आत्म-देखभाल और स्वच्छता ही है बचाव का सबसे बड़ा उपाय

किशनगंज,17अक्टूबर(के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, फाइलेरिया मुक्त पंचायत पहल के तहत AAM/HWC धनतोला दिघलबैंक में शुक्रवार को विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें 30 फाइलेरिया प्रभावित मरीजों को MMDP किट वितरित की गई। साथ ही लाइव डेमो वर्कशॉप का आयोजन कर मरीजों को आत्म-देखभाल और स्वच्छता के तरीकों की जानकारी दी गई।
इस अवसर पर मुखिया लखी राम हांसदा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि “यह पहल न केवल बीमारी से राहत का साधन है, बल्कि आत्म-सम्मान और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।”
कार्यक्रम में मरीजों को बताया गया कि फाइलेरिया लाइलाज जरूर है, लेकिन इसे नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित पैरों की धुलाई, सफाई, व्यायाम और MMDP किट के उपयोग से जटिलताओं को काफी हद तक रोका जा सकता है।
किट में साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, तौलिया, टब, मग सहित स्वच्छता से जुड़ी आवश्यक वस्तुएँ दी गईं।
CHO, ANM, ASHA, BCM, VBDC टीम, PF टीम और पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी रही। 11 आशा कार्यकर्ताओं ने मरीजों को आत्म-देखभाल के तरीके सिखाए।
सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि “फाइलेरिया से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका आत्म-देखभाल और सामुदायिक जागरूकता है। अब तक जिले के पोठिया, टेढ़ागाछ और कोचाधामन प्रखंडों में भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं, जहाँ 80 से अधिक मरीजों को MMDP किट वितरित की गई है।”
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा कि “फाइलेरिया उन्मूलन केवल स्वास्थ्य विभाग का नहीं, बल्कि पूरे समाज का दायित्व है। पंचायत स्तर पर चल रहे ऐसे प्रयासों से किशनगंज को फाइलेरिया मुक्त बनाने का लक्ष्य साकार हो रहा है।”
डीवीबीडीसीओ डॉ. मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया को ‘साइलेंट डिजीज’ कहा जाता है क्योंकि इसके लक्षण कई साल बाद दिखते हैं। यदि मरीज समय पर स्वच्छता और व्यायाम को अपनाएँ, तो बीमारी को आगे बढ़ने से रोका जा सकता है।
कार्यक्रम के अंत में स्वास्थ्यकर्मियों ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। यह आयोजन फाइलेरिया उन्मूलन और आत्म-देखभाल की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।