किशनगंज : स्तन में गांठ या ब्रेस्ट नोट्स है स्तन कैंसर का शुरुआती लक्षण, तत्काल कराएं जांच: सिविल सर्जन

जांच के बाद तत्काल इलाज करवाने पर सम्भव है स्तन कैंसर का इलाज। डॉक्टर की सलाह के अनुसार करें जीवन क्रम को व्यवस्थित तो दूर होगी परेशानी। छत्तरगाछ रेफरल अस्पताल में कैंसर स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित
ओरल कैंसर के लक्षण:
- मुँह में छाले व सफेद दाग का होना।
- मुँह का खुलना कम हो रहा हो।
- तीखा खाने से मुँह में जलन का होना।
स्तन कैंसर के लक्षण:
- स्तन के अंदर या काँख में गांठ होना।
- स्तनाग्र (निपल) से स्राव आना।
- स्तन की बाहरी त्वचा का रंग या पोत में बदलाव (गड्ढा आना, सिकुड़ना/छिलना) स्तनाग्र की दिशा में बदलाव-अंदर की ओर खिंचना।
- गर्भाशय मुख (सर्वाइकल) कैंसर के लक्षण।
- मासिक अवधि के बीच के दिनों में रक्तस्राव।
- संभोग के बाद रक्तस्राव होना।
- रजोनिवृत्ति (मासिक रुकना) के बाद रक्तस्राव।
- अनियमित भारी मासिक धर्म।
- योनि से असाधारण रक्त के धब्बों के साथ स्राव निकलना।
- बिना कारण कमजोरी, थकान, वजन कम होना।
किशनगंज, 11 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, ब्रेस्ट नोट्स या स्तन में गांठ का होना स्तन (ब्रेस्ट) कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकता है। बावजूद इसके स्तन में बनने वाले प्रत्येक गांठ से स्तन कैंसर ही हो यह कोई आवश्यक नहीं है। कभी-कभी ब्रेस्ट में सिस्ट से भी गांठ बन जाता है। हालांकि इसके ब्रेस्ट नोट्स के प्रति लापरवाह होने की कतई आवश्यकता नहीं है। स्तन में गांठ बनने की थोड़ी भी आशंका होने पर महिलाओं को तत्काल डॉक्टर से सलाह लेने के बाद स्तन कैंसर की जांच करवाने की आवश्यकता है।
जांच में स्तन कैंसर के लक्षण पाए जाने के बाद महिलाओं को तत्काल हीं विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच करवानी शुरू कर देनी चाहिए। इसमें थोड़ी भी लापरवाही महिलाओं के लिए जानलेवा साबित हो सकती है। कैंसर एक ऐसी जटिल एवं गंभीर बीमारी है जिसकी जद में आकर पूरे विश्व में हर वर्ष लाखों लोग काल के गर्भ में समा जाते हैं। गुरुवार को सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने सदर अस्पताल परिसर में जानकारी देते हुए बताया कि कैंसर का उपचार शुरुआती लक्षणों को पहचानने के उपरांत ही संभव है। लक्षण नजर आते ही कैंसर की जांच करवाना कई जिंदगी बचा सकता है। कैंसर दुनिया में मौत के दूसरे सबसे बड़े कारणों में से एक है। इसी के अंतर्गत जिले के छत्तरगाछ रेफरल स्वास्थ्य केन्द्र में जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया। इस दौरान कैंसर से बचाव संबंधी कई तरह की जानकारी दी गई। विशेष कैंसर स्क्रीनिंग सह परामर्श शिविर में डॉ फरहीन अहमद, एएनएम सुमित्रा, सहीद अंसारी, अब्दुल वाहिद सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी मौजूद थे।
जागरूकता शिविर में 24 महिला एवं 18 पुरुष की स्क्रीनिंग कर उन्हें जरूरी चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराया गया। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि हमारे समाज में इन दिनों करियर बनाने और जॉब हासिल करने के इंतजार में लड़कियां अधिक उम्र में शादी करती हैं। इसके साथ ही शादी के बाद भी अपने शरीर की फिगर बिगड़ नहीं जाए, इस डर से मां भी देर से बनती हैं। इतना हीं नहीं मां बनने के बाद भी लड़कियां शरीर का फिगर बिगड़ने के डर से अपने बच्चों को स्तनपान कराने से भी परहेज करती हैं। यही कारण है कि आजकल की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा काफी बढ़ गया है। महिलाओं द्वारा अपने बच्चों को सही तरीके से स्तनपान कराने से काफी हद तक वो इस खतरे से बच सकती हैं। यहां सभी उम्र की महिलाओं को इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि यह परेशानी किसी भी उम्र की महिलाओं को हो सकती है। जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि महिलाओं के स्तन के आकार में अचानक भारी बदलाव होने, स्तन या बांह के नीचे छूने पर गाँठ महसूस करने, स्तन छूने पर दर्द होने, स्तन में सूजन या आकार में अचानक भारी बदलाव होने पर उन्हें सावधान हो जाने की आवश्यकता है। इसके बाद किसी भी तरह की आशंका होने पर महिलाओं को विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क कर इसकी जांच करवानी चाहिए।
जांच के बाद स्तन कैंसर के लक्षण मिलने के बाद चिकित्सकीय परामर्श का पालन करना चाहिए। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि लाइफ स्टाइल में बदलाव, नियमित स्वास्थ्य जांच, शुरुआती दौर में रोग की पहचान व उपचार से कैंसर से होने वाली मौत को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। लिहाजा विश्व कैंसर जागरूकता सप्ताह के मौके पर जिले में जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं।