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किशनगंज : जिले के छह प्रखंड के कालाजार प्रभावित क्षेत्रों में छिड़काव अभियान जारी, 19 मई तक चलेगा छिड़काव कार्य।

जिले के 26 गांवों में होगा कालाजार से बचाव के लिए छिड़काव।

ये हैं कालाजार के लक्षण :

  • लगातार रुक-रुक कर या तेजी के साथ दोहरी गति से बुखार आना।
  • वजन में लगातार कमी होना।
  • दुर्बलता।
  • मक्खी के काटे हुए जगह पर घाव होना।
  • व्यापक त्वचा घाव जो कुष्ठ रोग जैसा दिखता है।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में कालाजार उन्मूलन की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिले के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विभिन्न स्तर पर प्रयास किये जा रहे है। इसी कड़ी में जिले के छह प्रखंडो में छिड़काव अभियान जारी है। छिड़काव अभियान के सफल क्रियान्वयन को लेकर जिलास्तरीय पदाधिकारियों के द्वारा लगातार निगरानी की जा रही है। इसी क्रम में गुरुवार को जिला वेक्टर जनित सलाहकार अविनाश रॉय के द्वारा एसपी छिड़काव कार्य का अनुश्रवण किया गया। उन्होंने अनुश्रवन के क्रम में बताया कि सिंथेटिक पाइरोथाइराइड छिड़काव के लिए 49 टीम को छिड़काव कार्य में लगाया गया है। जिसमें एक टीम में 6 सदस्यों को शामिल किया गया है। छिड़काव अभियान 16 मार्च से शुरू होकर आगामी 19 मई तक चलेगा। जिसके लिए 6 प्रखंडों के 26 आक्रांत राजस्व गांवों का चयन किया गया है। वहीं 2,44,123 जनसंख्या वाले 48,882 घरों के 1,17949 कमरे में सिंथेटिक पाइरोथाइराइड कीटनाशक दवा का छिड़काव किया जाना है। जिसमे अबतक 14 आक्रांत राजस्व गांवों के 1,38,190 जनसंख्या वाले 27638 घरों में छिड़काव किया जा चूका है। डीएमओ डॉ. मंजर आलम ने बताया कि छिड़काव कार्य योजना के अनुसार सभी कालाजार प्रभावित ग्रामों के सभी घरों, गौशालाओं में छिड़काव कराया जा रहा है।गुणवत्तापूर्ण छिड़काव की दृष्टि से पर्यवेक्षण अत्यंत आवश्यक है। प्रखंड स्तर पर विभिन्न स्तर के पदाधिकारियों के द्वारा पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जा रहा है। प्रत्येक दिन कार्य समाप्ति के बाद दिन भर के छिड़काव कार्य की मानक के अनुरूप समीक्षा की जा रही है एवं आवश्यक सुधार के लिए निर्देश दिया जायेगा। पैची छिड़काव एवं ओवरलैपिंग पर कड़ी निगरानी रखी जायेगी। प्रत्येक दल के दल नायक छिड़काव पंजी का संधारण करेंगे। जिसमें घर-घर छिड़काव की सूचना संधारित की जायेगी। साथ ही साथ पंचायत के सदस्य व मुखिया या वार्ड से छिड़काव के बाद प्रमाण पत्र भी प्राप्त करेंगे। डॉ. मंजर आलम ने बताया कि कालाजार का ईलाज पूर्ण रूप संभव है। लेकिन इसके लिए 12 सप्ताह तक दवा का नियमित सेवन जरूरी है। रोगी के द्वारा बीच में दवा छोड़ देने या समय पर सही खुराक न लेने से इसकी संभवना बढ़ जाती है। प्रभारी डीएमओ डॉ. मंजर आलम ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा कालाजार से पीड़ित रोगी को सरकार द्वारा आर्थिक सहायता दी जाती है। मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में बीमार व्यक्ति को राज्य सरकार द्वारा 6600 रुपए और केंद्र सरकार द्वारा 500 रुपए दिए जाते हैं। यह राशि कालाजार संक्रमित व्यक्ति को संक्रमण के समय में दिया जाता है। वहीं चमड़ी से जुड़े कालाजार संक्रमित रोगी को केंद्र सरकार की तरफ से 4000 रुपए दिए जाते हैं। कालाजार में व्यक्ति को 2 हफ़्तों से ज्यादा बुखार, तिल्ली का बढ़ जाना, भूख नहीं लगना, वजन में कमी, चमड़े पर दाग होना तथा इस बीमारी में खून की कमी बड़ी तेजी से होने लगती है।

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