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किशनगंज : डेंगू और कोविड-19 के लक्षण हैं काफी समान्य, सतर्क रहने की जरूरत-डॉ मंजर आलम

सावधानी हीं डेंगू से बचाव है, अनिवार्य रूप से कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखें। बीमार होने पर बिना विलंब किए डॉक्टर से मिलें और हमेशा सतर्क रहें।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण का रफ्तार भले ही धीमी हो गयी हो, लेकिन खतरा अभी भी बरकरार है। बदलते मौसम में इधर, डेंगू का खतरा भी बढ़ रहा है। इसका उपचार भी चुनौती बन रहा है। कारण है कि इन दोनों बीमारियों का संक्रमण ज्यादातर एक समान होता है और इनके लक्षणों का पता भी प्रयोगशाला में होने वाली जांचों के उपरांत ही चलता है। ऐसे में डेंगू की कोविड-19 के रूप में गलत पहचान अस्पताल के लिए बड़ी परेशानी बन सकती है। वहीं सह-संक्रमित होने की स्थिति में दोनों बीमारियों में अंतर करना बहुत मुश्किल है। इतना जरूर है कि लक्षणों की प्रारंभिक पहचान के आधार पर रोग को गंभीर होने से रोका जा सकता है। इस महामारी के दौरान तेज बुखार आते ही डेंगू और कोविड बीमारी के संकेतों पर विचार करने की आवश्यकता है। हालांकि, दोनों के निदान के लिए उच्च संवेदनशीलता और विशिष्ट परीक्षण की सुविधाएं हैं। जिला मलेरिया पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा कि डेंगू मच्छर जनित बीमारी है। इसको फैलने से रोकने के लिए साफ सफाई पर विशेष ध्यान रखना होगा। खासकर कूलर, पुराने टायर, गमले आदि में अगर पानी इकट्ठा है तो उसे तुरंत साफ करें। इन दिनों मलेरिया फैलने का सबसे अधिक खतरा रहता है। ये खतरा मच्छर की वजह से बढ़ता है। ऐसे में क्षेत्र के लोगों से अपील है कि वह अपने आसपास किसी भी तरह का पानी जमा न होने दें। कूलर, पेड़-पौधों के गमलों आदि की नियमित सफाई करें। पानी की टंकी को पूरी तरह ढक कर रखें। रात में सोते समय पूरी बाजू के कपड़े पहनें मच्छरदानी का प्रयोग करे। बुखार होने पर नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में परामर्श के बाद दवा लेना सुनिश्चित करें। डॉ मंजर आलम ने बताया की कोरोना महामारी का प्रकोप आज हम सभी के सामने है। अब हमारे सामने मलेरिया का खतरा भी मंडरा रहा है। ऐसे में इसके लिए हमें अलर्ट रहने की जरूरत है। स्वास्थ्य विभाग इस बीमारी से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। लेकिन फिर भी सतर्कता बेहद जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग की इस दिशा में जारी की गई तमाम गाइडलाइंस का पालन करना हम सभी के लिए जरूरी है। विभाग अपने स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ बैठक कर मलेरिया व डेंगू के संभावित खतरे को लेकर गंभीरता दिखा रहा है। जिले में डेंगू के इलाज का समुचित इंतजाम उपलब्ध है। डॉ मंजर आलम ने कहा कि जिले के सभी पीएचसी में इसकी सुविधा है। सदर अस्पताल में अलग से डेंगू वार्ड बना हुआ है। दोनों अस्पतालों में प्लेटलेट्स जांच की सुविधा भी उपलब्ध है। डेंगू में एक होता है डेंगू हेमोरेजिक फीवर, जो सबसे अधिक खतरनाक होता है। इसमें प्लेटलेट्स की संख्या बहुत गिर जाती है। इसमें दांत, मुँह, शरीर के अंदर, मल के माध्यम से खून बाहर आना शुरू हो जाता है। ऐसे मरीजों को तत्काल प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है। जो पूर्णिया व भागलपुर मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध है। ऐसे मरीजों को फ्री एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध करायी जाती है।

डेंगू का लक्षण :

बुखार, आंखों में दर्द, मांसपेशियों, जोड़ों-हड्डियों में दर्द, जी मिचलाना-उल्टी, शरीर पर लाल चकत्ते, प्लेटलेट्स की संख्या घटना।

सावधानी ही बचाव :

अनिवार्य रूप से कम से कम एक मीटर की शारीरिक दूरी बनाए रखें एवं हाथों की सौ प्रतिशत स्वच्छता रखें। अनावश्यक तौर पर सार्वजनिक स्थलों पर न जाएं और यदि जरूरी है तो स्वच्छ मास्क अवश्य पहनें। खांसी के दौरान रूमाल का उपयोग करें।अपने आस-पास पूर्ण स्वच्छता रखें। समय-समय पर कीटनाशक छिड़काव कराएं। बीमार होने पर बिना विलंब किए डॉक्टर से मिलें और हमेशा सतर्क रहें।

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