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डीएम ने किया पटना सदर अंचल का निरीक्षण ; *एक राजस्व कर्मचारी को दाखिल-खारिज में लापरवाही बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से किया निलंबित।।…

भूमि-संबंधी मामलों का ससमय एवं पारदर्शी निष्पादन करेंः डीएम*

सभी तेईस अंचलों में पदाधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया गया, जाँच रिपोर्ट पर कठोर कार्रवाई होगी: डीएम

त्रिलोकी नाथ प्रसाद– समाहर्त्ता-सह-जिला पदाधिकारी, डॉ0 चन्द्रशेखर सिंह आज पटना सदर अंचल कार्यालय का निरीक्षण कर रहे थे। डीएम डॉ0 सिंह ने लोगों से फीडबैक लिया तथा कार्य में लापरवाही के आरोप में एक राजस्व कार्मचारी को तत्काल प्रभाव से निलबित कर दिया।

डीएम डॉ0 सिंह ने अंचल में प्रवेश करते ही सबसे पहले लोक सेवा केंद्र का निरीक्षण किया एवं दी जा रही सेवाओं का जायजा लिया। उन्होंने आवेदकों से सेवाओं की प्राप्ति के बारे में पूछा। उन्होंने अंचलाधिकारी को केंद्र पर प्रदत्त सेवाओं के बारे में *समुचित जानकारी* प्रदर्शित करने का निदेश दिया, ताकि आवेदकों को कोई परेशानी न हो।
इसके बाद डीएम डॉ0 सिंह ने अंचल में ऑनलाइन भूमि दाखिल-खारिज, ऑनलाइन भूमि जमाबंदी का परिमार्जन, सरकारी भूमि/सार्वजनिक तथा जल निकायों से अतिक्रमण हटाना, भूमि दखल-कब्जा प्रमाण-पत्र/जाति/आवासीय/आय प्रमाण-पत्र/क्रीमीलेयर/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण-पत्र निर्गत किया जाना, लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के अंतर्गत पारित आदेशों के अनुपालन की स्थिति, ऑपरेशन भूमि दखल-देहानी, गृहस्थल/वास भूमि बंदोबस्ती तथा भू-मापी के अंतर्गत आवेदनों के निष्पादन की समीक्षा की तथा अद्यतन प्रगति का जायजा लिया।
डीएम डॉ0 सिंह ने निरीक्षण करते हुए पाया कि ऑनलाईन दाखिल खारिज में आरंम्भ तिथि से वर्तमान समय तक 59908 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 53337 आवेदन निष्पादित किया गया है जो कुल प्राप्त आवेदनों का 89.04% है। कुल 6571 आवेदन लंबित हैं, जो प्राप्त आवेदनों का 10.96% है। निर्धारित अवधि 63 दिनों से अधिक 1182 आवेदन लंबित है। डीएम ने यह भी पाया कि 14 अप्रैल, 2022 को समीक्षा के वक्त कुल लंबित आवेदन 10426 थे, जिसमें 63 दिनों से अधिक लंबित मामलों की संख्या 3769 थी। विगत 14 दिनों में प्राप्त आवेदनों की संख्या में 735 वृद्धि के विरूद्ध 4417 आवेदन निष्पादित किये गये हैं।
डीएम ने दाखिल-खारिज अंतर्गत 20 अभिलेखों की रैण्डम जाँच भी किया एवं यह देखा कि भूधारियों को परेशान करने की नियत से कहीं अनावश्यक विलंब तो नहीं किया गया है। उन्होंने किन कारणों से आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है, इसकी जाँच की।
डीएम डॉ0 सिंह ने दाखिल-खारिज के सबसे पुराने लंबित 5 मामलों का गहन अवलोकन किया। उनहोंने पाया कि कर्मचारी श्री राजेश कुमार सिन्हा के पास ये पाँच आवेदन एक साल से अधिक समय से लंबित है। उन्हें श्री कृष्ण कुमार, अभिभावक श्री सुग्रीव राम, पचपोखरी, कुदरा, भभुआ का आवेदन 05 अप्रैल, 2021 को, श्री सोनू कुमार, अभिभावक श्री अनिल सिंह, दीघा, पटना का आवेदन 05 अप्रैल, 2021 को, श्री दर्शन मेविका अभिभावक श्री संजय कुमार नवादा का आवेदन 05 अप्रैल, 2021 को, सुश्री बबीता कुमारी अभिभावक नूतन कुमार सिंह जक्कनपुर का आवेदन 06 अप्रैल, 2021 को तथा श्री दिवाकर प्रसाद अभिभावक ब्रहदेव नारायण यादव एसकेपुरी, पाटलीपुत्रा का आवेदन 10 अप्रैल, 2021 को दायर किया गया था। नियमतः उन्हें अधिकतम 20 दिन में प्रथम प्रतिवेदन समर्पित कर देना था, परन्तु उन्होंने सभी मामलों में प्रथम प्रतिवेदन लगभग छः महीने बाद (प्रथम चार मामलों में 27 सितम्बर 2021 को एवं अंतिम मामले में 29 सितम्बर 2021 को) दिया। इसके बाद इनका अंतिम प्रतिवेदन एक साल बाद अप्रैल 2022 में दिया।परिणाम स्वरूप आवेदकों को दाखिल-खारिज सेवा उपलब्ध कराने में एक साल से अधिक समय लग गया। इस अनावश्यक विलम्ब के लिए वो कोई संतोषजनक कारण नहीं बता सके।अतः डीएम डॉ0 सिंह ने आरोपित राजस्व कर्मचारी श्री राजेश कुमार सिन्हा को दाखिल-खारिज आवेदनों के निष्पादन में *गंभीर लापरवाही, कर्तव्यहीनता एवं आम लोगों की समस्याओं के प्रति असंवेदनशीलता* बरतने के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। उन्होंने कहा कि कार्य में शिथिलता, लापरवाही या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
विदित हो कि डीएम डॉ0 सिंह पुराने मामलों का शीघ्र निष्पादन करने के लिए पिछले चार महीने से अधिक समय से हर बुधवार को समीक्षा करते हैं। उन्होंने पुराने मामलों का शीघ्र निष्पादन करने का बार-बार आदेश दिया था।

ऑनलाईन भूमि जमाबंदी के परिमार्जन का निरीक्षण करते वक्त डीएम डॉ0 सिंह ने पाया कि कुल प्राप्त आवेदनों की संख्या 22084 के विरूद्ध 12707 आवेदनों को निष्पादित किया गया है एवं 9377 आवेदन लंबित है जो प्राप्त आवेदनों का 57.62% है।डीएम ने यह भी पाया कि 14 अप्रैल, 2022 को समीक्षा के वक्त परिमार्जन के लंबित आवेदन 12563 थे। इस प्रकार विगत 14 दिनों में प्राप्त आवेदनों की संख्या में 384 वृद्धि के विरूद्ध 3570 आवेदन निष्पादित किये गये हैं। दो सप्ताह के अंदर सभी लम्बित आवेदनों को निस्पादित करने का निदेश दिया।उन्होंने ऑनलाईन परिमार्जन अंतर्गत 25 अभिलेखों का रैण्डम जाँच किया एवं किन कारणों से आवेदनों को अस्वीकृत किया गया है, उसकी जाँच की।

डीएम डॉ0 सिंह ने दाखिल-खारिज और परिमार्जन के कालबाधित एवं लंबित आवेदनों को हर हाल में 15 मई 2022 तक निष्पादित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ0 सिंह ने पाया कि बिहार लोक सेवा अधिकार अधिनियम, 2011 के तहत भूमि दखल-कब्जा प्रमाण पत्र हेतु 4449 आवेदन प्राप्त हुए जिसमें 4002 आवेदनों को समय-सीमा के अंदर निष्पादित कर दिया गया है तथा 447 आवेदन समय-सीमा के अंदर लंबित हैं।

ज्ञातव्य है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेश के आलोक में अंचलवार 23 जांच दल का गठन कर कुल 45 पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति निरीक्षण दल में की गई थी। इन दलों के द्वारा अंचल कार्यालयों में भूमि-संबंधी राजस्व विभाग के कार्यों के निबटारे की स्थिति एवं गुणवत्ता की जांच की गई। नागरिकों के महत्व से संबंधित निम्नलिखित आठ विषयों पर जांच की गईः
1. ऑनलाइन भूमि दाखिल-खारिज
2. ऑनलाइन भूमि जमाबंदी का परिमार्जन
3. सरकारी भूमि/सार्वजनिक तथा जल निकायों से अतिक्रमण हटाना
4. भूमि दखल-कब्जा प्रमाण-पत्र/जाति/आवासीय/आय प्रमाण-पत्र/क्रीमीलेयर/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग का प्रमाण-पत्र निर्गत किया जाना
5. लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के अंतर्गत पारित आदेशों के अनुपालन की स्थिति
6.ऑपरेशन भूमि दखल-देहानी
7.गृहस्थल/वास भूमि बंदोबस्ती
8. भू-मापी के अंतर्गत आवेदनों का निष्पादन

पाया गया कि पटना जिले में अब तक ऑनलाईन म्युटेशन हेतु कुल 5,21,115 आवेदन प्राप्त हुए, जिसमें 4,73,200 आवेदन निष्पादित (90.80%) किया गया तथा 47,915 आवेदन लंबित हैं जिसमें निर्धारित समय सीमा से अधिक 6,767 आवेदन हैं ।मार्च 2022 में कुल 60,419 आवेदन लम्बित थे जिसमें निर्धारित समय अवधि से अधिक 14,354 आवेदन थे ।निष्पादन में तेज़ी आयी है । परंतु समयावधि के बाद लम्बित सभी आवेदनों को हर हाल में निस्पादित करने का निर्देश दिया गया ।
इसी प्रकार परिमार्जन हेतु 155916 प्राप्त आवेदनों के विरूद्ध 1,34,853 आवेदनों को निष्पादित किया गया, जो कुल प्राप्त आवेदनों का 86.49% है।लम्बित अवेदनो की संख्या 21,063 है। डॉ0 सिंह ने कहा कि निरीक्षी पदाधिकारियों के जाँच रिपोर्ट के आधार पर *सार्थक एवं समुचित दंडात्मक एवं सुधारात्मक कार्रवाई* की जाएगी।

*डीएम डॉ0 सिंह ने कहा कि राजस्व संबंधी मामलों में नागरिकों को त्वरित एवं गुणवत्तापूर्ण सुविधा उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। पदाधिकारियों को प्रतिबद्धता एवं तत्परता से कार्य करना पड़ेगा।*

डीपीआरओ, पटना

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