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आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना, आर्थिक एवं साइबर अपराधों के रोकथाम एवं साईबर संबंधित मामलों के अनुश्रवण एवं साइबर जागरूकता हेतु बिहार पुलिस की राज्य स्तरीय नोडल संस्था एवं विशिष्ट इकाई है।

 

 

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/साइबर सुरक्षा के मद्देनजर श्री नैयर हसनैन खान, अपर पुलिस महानिदेशक, आर्थिक अपराध इकाई, बिहार, पटना के अध्यक्षता में दिनांक-05.06.2025 को 12:30 बजे अपराह्नन में एयरटेल टेलिकॉम सर्विस प्रदाता कंपनी के पदाधिकारियों के साथ आर्थिक अपराध इकाई में बैठक की गयी, जिसमें एयरटेल से श्री सुजय चक्रवर्ती, मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी (बिहार/झारखण्ड) अपने टीम के अन्य सदस्य श्री संदीप सहाय (सुरक्षा हेड) एवं अंकुर चोपडा के साथ भाग लिये। इस बैठक में श्री संजय कुमार, पुलिस उप-महानिरीक्षक (साइबर) एवं श्री मानवजीत सिंह ढिल्लों, पुलिस उप-महानिरीक्षक, आर्थिक अपराध इकाई के साथ-साथ अन्य वरीय पुलिस पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

साइबर अपराध एवं साइबर सुरक्षा को लेकर एयरटेल टेलिकॉम कंपनी के पदाधिकारियों के साथ कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा किया गया, जिसमें एयरटेल के पदाधिकारी के समक्ष साइबर सुरक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं को रखा गया। एयरटेल के पदाधिकारी के द्वारा भी साइबर सुरक्षा से संबंधित कई महत्वपूर्ण बातों को जिक्र करते हुये बताया गया कि स्पैम कॉल एवं स्पैम लिंक के माध्यम से होने वाले वाले धोखाधडी से बचाव हेतु एयरटेल के द्वारा AI की मदद से स्पैम कॉल एवं स्पैम लिंक को ब्लॉक करने का नवीनतम् तकनीक शुरू किया गया है, जिसके माध्यम से किसी भी प्रकार के आने वाले स्पैम कॉल एवं स्पैम लिंक को स्वतः ब्लॉक कर दिया जाता है। साथ ही आनेवाले स्पैम कॉल में एलर्ट भी जेनरेट होता है, जिससे कि उपभोक्ता को यह समझ आ जाये कि यह कॉल खतरनाक एवं स्पैम है, और ऐसे कॉल को इग्नोर कर साइबर अपराध से बचाव हो सकता है। एयरटेल के पदाधिकारियों के द्वारा स्पैम लिंक से संबंधित कई वीडियो को प्रस्तुत किया गया, जिसमें स्पैम लिंक पर क्लिक करते ही उक्त लिक AI की मदद से ब्लॉक हो गया।

एयरटेल की नई तकनीक से लोगों को Spam Call एवं Spam Link से बचाव एवं निजात मिलेगा। बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि सभी साइबर थानों को भी इस तकनीक से अवगत कराया जायगा। आर्थिक अपराध इकाई के साइबर सेल के पदाधिकारियों द्वारा एयरटेल के CEO एवं सिकुरिटी हेड को साइबर फ्राड के दिन प्रतिदिन नये तरीके अपनाये जाने के संबंध में अवगत कराते हुए तकनीक को Citizen Centric बनाते हुए सुदूरवर्ती इलाकों में भी जागरूकता कार्यक्रम चलाने का सुझाव दिया गया।

 

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