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भूषण आर. गवई बने सुप्रीम कोर्ट मुख्य न्यायाधीश। भारत में 1950 के बाद अबतक कुल 52 मुख्य न्यायाधीश हुए जिनमें 2007 में बने 37वें मुख्य न्यायाधीश श्री के. जी. बालकृष्णन ही एकमात्र अनुसूचित जाति के वर्ग से ताल्लुक रखते थे और अब बीआर गवई जी दूसरे दलित तथा प्रथम बुद्धिस्ट चीफ जस्टिस होंगे।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/जस्टिस भूषण आर. गवई 2019 में सुप्रीम कोर्ट के जज बने थे। 10 साल के लम्बे इन्तज़ार के बाद सुप्रीम कोर्ट में दलितों का प्रतिनिधित्व हुआ। भारत के इतिहास में आजादी के बाद कुल 5 ही दलित जज हुए। कोलेजियम परंपरा के अनुसार भूषण गवई की सिफारिश वरिष्ठता के आधार भेजी गई थी। हालांकि उनका कार्यकाल महज 7 माह का होगा।

चीफ जस्टिस गवई जी के पिता बीआर अंबेडकर जी की तीसरी एवं अंतिम पार्टी आरपीआई के सदस्य रहे हैं। वह दोनों सदनों के सदस्य तथा कई राज्यों के राज्यपाल भी रहे हैं। जबकि बीआर गवई जी 1985 में नागपुर से वकालत करने और फिर 1992 में बॉम्बे हाईकोर्ट में जज बनने से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक सफर तय किया।

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