राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी कामेश्वर चौपाल का निधन..

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ट्रस्टी और पूर्व बिहार विधान परिषद सदस्य कामेश्वर चौपाल का निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के गंगाराम अस्पताल में उपचार के दौरान अंतिम सांस ली। बता दें पिछले एक वर्ष से से बीमार चल रहे थे और उनकी तबीयत में लगातार गिरावट आ रही थी। कामेश्वर चौपाल को राम मंदिर निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए याद किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उनके संघर्ष को देखते हुए उन्हें प्रथम कार सेवक के रूप में सम्मानित किया था। उनका योगदान राम मंदिर आंदोलन में अतुलनीय रहेगा, और उनका नाम हमेशा इतिहास में अमर रहेगा।
कामेश्वर चौपाल का जन्म बिहार के सुपौल जिले के कमरैल गांव में हुआ था। 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में उन्होंने ही राम मंदिर की पहली ईंट रखी थी, जब हजारों साधु-संतों और लाखों कारसेवकों की भीड़ थी। उस समय वे विहिप (विहार हिंदू परिषद) के संयुक्त सचिव थे। राम मंदिर आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को पूरे देश ने सराहा।
शिलान्यास समारोह के बाद, कामेश्वर चौपाल का नाम पूरे देश में गूंजने लगा। इसके बाद उन्होंने भाजपा में शामिल होकर राजनीति में सक्रिय भागीदारी शुरू की। 1991 में रोसड़ा लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा। फिर, 1995 में उन्होंने बेगूसराय के बखरी विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ा, परंतु उन्हें फिर से हार मिली।
2002 में उन्हें बिहार विधान परिषद का सदस्य चुना गया, और वे 2014 तक इस पद पर रहे। इसके अलावा, वह बीजेपी के प्रदेश महामंत्री भी रह चुके थे। उनकी रोटी के साथ राम की आवाज़ 2009 के चुनाव में लोगों तक पहुँची, जब उन्होंने इस नारे को पूरे देश में गूंजाया। राम मंदिर आंदोलन के दौरान 9 नवंबर 1989 को कामेश्वर चौपाल ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए पहली ईंट रखी थी, जिसे एक ऐतिहासिक क्षण माना जाता है। उनके योगदान को याद करते हुए, संघ ने उन्हें प्रथम कार सेवक के रूप में सम्मानित किया।