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किशनगंज पुलिस के 16 अधिकारी और कर्मचारियों को सोनपुर में किया गया सम्मानित, पुलिस कप्तान कुमार आशीष, तत्कालीन एसडीपीओ डॉo अखिलेश कुमार को भी मिला सम्मान..

DGP गुप्तेश्वर पांडेय द्वारा 33 एसपी, 47 डीएसपी, इंस्पेक्टर, सब इंस्पेक्टर और कॉन्स्टेबल सहित बिहार के 600 पुलिसकर्मियों को उत्कृष्टता ख़ातिर किया गया पुरस्कृत।हाजीपुर/सोनपुर हरिहर क्षेत्र पशु मेले में 12 साल बाद आयोजित हो रहे बिहार पुलिस सम्मान समारोह सह पुलिस पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया।कॉन्स्टेबल से लेकर जिले में तैनात एसपी तक को रविवार दिनांक-17.11.2019 को सोनपुर मेला परिसर में डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने सम्मानित किया।बेहतर औऱ उत्कृष्ट कार्य करनेवाले तैतीस पुलिस अधीक्षकों (SP) जिनमे पटना, नालंदा, किशनगंज, भागलपुर, बेतिया, बांका, कैमूर, रोहतास और एसटीएफ के एसपी के अलावा 47 डीएसपी (DySP) के साथ ही पुलिस इंस्पेक्टर, दारोगा समेत 300 कॉन्स्टेबलों को सम्मानित किया गया।समारोह में एक साथ 600 पुलिसकर्मियों के बहादुरी का परिचय देकर कानून व्यवस्था में सहायक की भूमिका निभाने वाले सूबे के आम लोगों को भी सम्मानित किया गया।किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, पुलिस टीम एवं इसके सफल नेतृत्वकर्ता हर दिल अजीज पुलिस कप्तान, कुमार आशीष को आज बिहार के पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) आलोक राज ने नगद पुरस्कार एवं प्रशस्ति-पत्र देकर विख्यात मेला सोनपूर हरिहर क्षेत्र में सम्मानित किया।जिसमें किशनगंज के अपर लोक अभियोजक सुरेन प्रसाद साहा भी सम्मिलित थे।आपको बताते चले कि भयानक रात, जहाँ जिले के दिघलबैंक प्रखंड के पथरघट्टी गांव में एक सुनसान घर से एक युवती को निकाल कर सात राक्षसों ने बाप के सामने हीं सामुहिक रुप में उसकी इज्जत को तार-तार कर दिया था।उक्त घटना को लेकर पूरे बिहार में हायतौबा मच चुकी थी।सूचना मिलते हीं किशनगंज के पुलिस कप्तान कुमार आशीष ने घटनास्थल का दौरा कर सभी दुष्कर्मियों को शिघ्रातिशिघ्र गिरफ्तार करने का आदेश दिया एवं एक एसआईटी टीम का गठन कर दुष्कर्मियों पर शिकंजा कस दिया।फलतः एक मुख्य आरोपी को छोड़कर सभी 06 को टीम ने पांच दिनों के अन्दर जमीन खोदकर गिरफ्तार कर लिया। जबकि मुख्य आरोपी पुलिस दबिश से डरकर माननीय न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया।वहीँ श्री कुमार का निर्देशन और मनोबल ऊंचा रखने वाली किशनगंज पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल कर इसे त्वरित न्यायालय में भेज कर न्याय की अपील कर डाली।फलस्वरूप अपर लोक अभियोजक सुरेन प्रo साह की दलील और प्रस्तुत साक्ष्यों के सामने दुष्कर्मियों की एक ना चली और महज आठ माह के अंदर सभी सातों को माननीय न्यायालय ने पचास हजार रु. जुर्माना सहित उम्रकैद की सजा सुना दी इसके बाद किशनगंज पुलिस की चहुओर जयजयकार शुरु हो गई।आम नागरिक तत्कालीन कोढो़बाड़ी थानाध्यक्ष सरोज कुमार को फूल मालाओं से लादकर पुलिस कप्तान तक आ पहुंचे थे।इस घटना के बाद पीडिता और उसके पिता के दिल को ठंढक मिली तो दूसरी ओर कमर कस कर मैदान में उतरे पुलिस कप्तान कुमार आशीष और उनके द्वारा गठित एसआईटी के सदस्यों का भी मनोवल काफी ऊंचा हुआ।बताते चलें कि कुमार आशीष ने एसपी किशनगंज के रुप अपने योगदान के बाद, बीते अपने कार्यकाल को संजोकर यादगार बना दिया।जहाँ कई जघन्य डकैती, हत्या के कांडों पर से पर्दा हंटाकर अपराधियों को सलाखों के पीछे ढकेला तो वहीं अपराध नियंत्रण के लिए लोगों को जागरूक कर अपने साथ कर लेने में महत्त्वपूर्ण भूमिका भी निभाते आ रहे हैं।अपराध नियंत्रण, विधि व्यवस्था संधारण, नशीले पदार्थों सहित बहुचर्चित मवेशी तस्करों पर भी सफलता पूर्वक नकेल कस दी।एसएसबी बंगाल एवं नेपाल पुलिस से समन्वय स्थापित कर अपराध और अपराधियों को बाहर का रास्ता दिखाने में सफल प्रयास भी किया।जिसको लेकर आज का दिन पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) बिहार, पटना से प्राप्त पुरस्कार और प्रशस्ति-पत्र, किशनगंज पुलिस के लिए यादगार साबित हो गया।पुलिस महानिदेशक से पुरस्कृत होने वाले पदाधिकारियों में किशनगंज पुलिस कप्तान कुमार आशीष, पुलिस सेवा से शिक्षा सेवा को धारण करने वाले तेजतर्रार किशनगंज एसडीपीओ, डा. अखिलेश कुमार, पुलिस निरीक्षक इरशाद आलम, मनीष कुमार एवं रंजन कुमार सहित पुoअoनिo सरोज कुमार, रामदहिन मोची, पुष्पलता कुमारी, महिला आरक्षी रुपाली, रचना, आभा कुमारी सहित अमरेश रमन, रंजन कुमार, पिंटू कुमार, सुमित कुमार और प्रमोद कुमार शामिल थे।

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