प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कोचाधामन से इनका स्थानान्तरण से व्ख्यता प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविधालय,टिकापट्टी कटिहार में स्थानान्तरण हुआ । परन्तु मात्र दो या तीन माह के भीतर ये प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज के पद पर पदस्थापित हो गए। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज से इनका स्थानान्तर 2014 में ही प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कसबा,पूर्णिया के पद पर स्थानान्तरण हुआ परन्तु ये वहां योगदान करने नहीं गये l जिसमे जिला के पदाधिकारीयो को इन्होने मैनेज किया। गौर करे की पुनःइनका स्थानान्तरण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कसबा,पूर्णिया ही मानकर निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार पटना अपने ज्ञापांक-646 दिनाक:-30-06-2016 द्वारा इनका स्थानान्तरण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जमालपुर मुंगेर किया है.….! गौर करे तो इस प्रकार ये मूलतः प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कसबा के पद पर ही पदस्थापित है,परन्तु अवैध रूप से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी शौकत अली जिनका घर मनिहारी कटिहार है एवं इन्होने अपना घर पश्चिम पाली,जिला किशनगंज में बहुत वर्ष पूर्व बनाकर अपने पुरे परिवार के साथ रह रहे है । यही से इनका भोटर कार्ड एवं अन्य पहचान पत्र बना है। इनके सम्बन्ध में कहना है की मो शौकत अली प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कोचाधामन के पद पर पदस्थापित थे,इन्होने यहाँ घोर अनिमियताये बरती जिसके कारण राष्ट्रीय जनता दल के तत्कालीन विधायक श्री अख्तरुल ईमान द्वारा विधान सभा में इनके विरुद्ध प्रश्न उठाये जाना था। जिसकी भनक मिलते ही इन्होने अपना स्थानान्तरण व्यख्यता प्राथमिक शिक्षक शिक्षा मध्य विधालय टिकापट्टी कटिहार करा लिए पुनःमात्र दो से तीन माह के भीतर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज मो० असफाक आलम को किशनगंज से हटाकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज के पद पर काबिज हो गए। पुनःप्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज से इनका स्थानान्तरण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कसबा, पूर्णिया किया गया। परन्तु जिला के पदाधिकारी को मैनेज कर ये कसबा नहीं गए। पुनःवर्ष-2016 के माह जून में निदेशक प्राथमिक शिक्षा अपने कार्यालय ज्ञापांक-646 दिनाक-30.06. 2016 द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कसबा,पूर्णिया से इनका स्थानान्तरण प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी जमालपुर मुंगेर किया गया जहाँ ये मो० शौकत अली पुनःआदेश की अवहेलना कर योगदान नहीं किये।ये जानने का बिषय है की जब आपकेद्वारा ये प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी कसबा,पूर्णिया के पद पर स्थानान्तरित एवं पदस्थापित है तो किस परिस्थिति में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी किशनगंज के पद पर निदेशक प्राथमिक शिक्षा बिहार पटना का आदेश की घोर अवहेलना कर अवैध रूप से अपना कब्ज़ा जमाए हुए है ? कुछ लोगो का कहना था की इन्हें निलंबित किया जाए तथा इस अवधि में किये गए वितीय कार्यो की जांच कराकर एवं उठाए गए वेतन को सरकारी खजाना में जमा कराया जाए। जाहिर है की इनका घर किशनगंज में है इसलिए ये सर्वदा नजायज कार्यो को निर्भीकता के साथ अंजाम देने के लिए यहाँ जमे हुए है।