किशनगंज : स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत वार्षिक बजट को ले बैठक आयोजित

एफएम्आर कोड के परिवर्तन पर चर्चा
किशनगंज, 11 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 2023-24 के वार्षिक बजट को ले जिलाधिकारी-सह-अध्यक्ष जिला स्वास्थ्य समिति श्रीकांत शास्त्री की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय सभागार में मासिक समीक्षा बैठक के साथ यह बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता कर रहे डीएम श्रीकांत शास्त्री ने प्रखंडवार मातृत्व स्वस्थ्य, शिशु स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, किशोर-किशोरी कार्यक्रम, वेक्टर जनित रोग, टीबी नियत्रंण, अंधापन, गैर संचारी रोग, एएनसी जांच, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव एवं अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं पर बजट की समीक्षा की। बैठक में परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने, प्रसव कक्ष की बेहतरी सहित अन्य योजनाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ किशोर ने कहा जिले में स्वास्थ्य विभाग की ओर से चलाई जा रही विभिन्न प्रकार की योजनाओं का लाभ जरूरतमंद लोगों को हर हाल में मिलना चाहिए। गर्भवती माताओं एवं नवजात शिशुओं के लिए चलाया जा रहे टीकाकरण अभियान का अनुपालन शत-प्रतिशत होना चाहिए। विदित हो कि जिले के सभी चिकित्सा केन्द्रों में प्रतिदिन दर्जनों की संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्चा-बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा दी जा रही है। जननी बाल सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत उन्हें राशि ससमय प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने सभी प्राथमिकी स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को जानकारी देते हुए कहा सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में सभी बीमारियों की दवा पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। आवश्यकतानुसार दवा का उठाव सुनिश्चित करें। उन्होंने बजट के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को खर्च हेतु दी गई राशि के खर्च की समीक्षा भी की। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच आमजन तक प्रभावी ढंग से हो पा रही है। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में बहुयामी सुधार हुआ है। कई अवरोध भी सामने आये है जिसे दूर करने की आवशकता है। जिला स्वास्थ्य समिति के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 35 करोड़ 94 लाख 95 हजार 528 रुपये का बजट पारित किया गया है। कुल बजट को पांच भागों में विभाजित किया गया।
जिसमें आरसीएच फ्लेक्सिबल पूल के लिए 13.29 करोड़ , एनडीसीपी फ्लेक्सिबल पूल के लिए 2.24 करोड़, एनसीडी फ्लेक्सिबल पूल के लिए 64 लाख, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के लिए 90 हजार, स्वास्थ्य प्रणाली की मजबूती के लिए 19.75 करोड़ से ज्यादा के बजट का प्रावधान किया गया है। डीएम ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं व्ययन पदाधिकारी को निर्देशित किया कि वे नियमानुसार पूरी पारदर्शिता बरतते हुए राशि को खर्च करें। खर्च में कोई कोताही नहीं करें। उन्होंने कहा कि गत वर्ष की अपेक्षा इस बार अधिक आवंटन भी प्राप्त हुआ है। खर्च भी बढ़ा है लेकिन चिकित्सकों की घोर कमी बनी रही है। उन्होंने जिले में कालाजार, टीबी, भ्रूण हत्या आदि के नियंत्रण के लिए कारगर कार्रवाई करने पर बल दिया। जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि बजट में काफी बदलाव किया गया है जिसपर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। साथ ही एफएम्आर कोड में भी परिवर्तन किया गया है जिसकी जानकारी सभी को दी गयी।जिले में स्वास्थ्य सुविधा को सुचारु रूप से क्रियान्वयन करने के लिए डीएम ने सभी प्राथमिक चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।
जिसमें सातों प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में समुचित बिजली की व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत आवश्यक व्यय एवं बजट का आदेश दिया गया। सिविल सर्जन ने कहा स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाना हमारा कर्तव्य है ताकि स्वास्थ्य सुविधा को और मजबूत किया जा सके। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम प्रबंधक डॉ. मुनाज़िम, जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सामुदायिक उत्प्रेरक एवं लेखापाल आदि उपस्थित थे।