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*सफलतापूर्वक 12 दिवसीय ग्रीष्मावकाश कार्यशाला का समापन*

शास्त्रीय संगीत से लोक नृत्य तक—12 दिन की कार्यशाला में निखरीं बाल प्रतिभाएं।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद/पटना। कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार एवं भारतीय नृत्य कला मंदिर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 12 दिवसीय ग्रीष्मावकाश कार्यशाला का समापन हुआ। विगत 12 दिनों से करीब 130 प्रतिभागियों ने संगीत (गायन,वादन, नृत्य ) के विभिन्न विधाओं में प्रशिक्षण प्राप्त किया। 6 से 16 वर्ष तक के प्रशिक्षुओं ने भारतीय नृत्य कला मंदिर के कुशल गुरुजनों के सान्निध्य में शास्त्रीय संगीत, सुगम संगीत, लोक गीत, बांसुरी वादन, सितार, की बोर्ड,तबला ,गिटार वादन, भरतनाट्यम, कथक, ओडिसी,लोकनृत्य के विषय में प्रशिक्षण प्राप्त किए। समापन के अवसर पर कार्यशाला में भाग लेने वाले प्रशिक्षुओं ने विभिन्न नृत्य,वादन एवं गायन के विभिन्न शैलियों को मंच पर प्रस्तुत कर दर्शकों के तालियों के साथ खूब सराहना प्राप्त किया। कार्यशाला में भाग लेने वाले कई बच्चों ने मच से अपने सुखद अनुभव भी सभी के समक्ष साझा किया।इस अवसर पर कला संस्कृति विभाग की पुरातत्व निदेशालय की निदेशक ,श्रीमती रचना पाटिल,निदेशक , सांस्कृतिक कार्य, श्रीमती रूबी मुख्य अतिथि एवं विशिष्ट अथिति के रूप में पधारकर सभी प्रशिक्षुओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर उत्साहवर्धन किया। संपूर्ण कार्यशाला भारतीय नृत्य कला मंदिर के प्रशासी पदाधिकारी सुश्री कहकशां के नेतृत्व में संयोजित एवं संचालित हुआ। सुश्री कहकशां जी के धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यशाला का औपचारिक समापन हुआ।

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