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किशनगंज : सदर अस्पताल के एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए तैयार हो रही मासिक रणनीति

हर हफ्ते अलग मानकों पर होती है विकासात्मक समीक्षा, शनिवार को कुल 09 मानको पर की गयी समीक्षा बैठक, सदर अस्पताल के लेबर रम में नए अत्याधुनिक लेबर टेबल लगाये गये

किशनगंज, 18 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, सदर अस्पताल के लक्ष्य प्रमाणीकरण के बाद एनक्यूएएस के राष्ट्रीय प्रमाणीकरण पर जोर दिया जा रहा है। इसके लिए माह के हर हफ्ते में एनक्यूएएस के अलग मानकों पर विकासात्मक समीक्षा भी हो रही है। शनिवार को भी सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा. अनवर हुसैन की अध्यक्षता में एसएनसीयु, एनआरसी, पिपियु, ब्लड बैंक, प्रयोगशाला सेवा, सामान्य प्रशाशन एवं औक्सिलियारी सेवा मातृत्व सहित 09 मनको पर समीक्षा बैठक की गयी है। शनिवार को डा. अनवर हुसैन ने बताया की जिले के सदर अस्पताल लक्ष्य और कायाकल्प में लगातार बेहतर प्रदर्शन करता रहा है। अब नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) के पैमाने पर भी खरा उतरेगा। इसे लेकर जोर-शोर से तैयारी चल रही है। एनक्वास के पैमाने पर खरा उतरने के लिए सदर अस्पताल में किस तरह की तैयारी करनी है, इसे लेकर साप्ताहिक समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया है उन्होंने बताया की अस्पताल में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं, एडमिन, ओटी, लेबर रूम इत्यादि में और क्या बेहतर हो सकता है, उन्होंने बताया की सदर अस्पताल में बहुत सारी चीजें ठीक हैं। यहां मरीजों को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं। हालांकि इसके बावजूद सुधार की कुछ गुंजाइश है, जिसपर लगातार कार्य किया जा रहा है। ओपीडी, ओटी, लेबर रूम इत्यादि पहले से ही बेहतर काम कर रहा है। इसका परिणाम भी सामने आ चुका है। जटिल से जटिल रोगों का यहां पर इलाज हो रहा है। जिले के मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ रहा है और न ही निजी अस्पतालों का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है। सिजेरियन, एक्सरे, किडनी मरीजों के लिए डायलिसिस तक की सुविधा यहां पर है। इन सुविधाओं का लाभ आसपास के जिले के लोग भी उठा रहे हैं। पिछले सालों में लक्ष्य और कायाकल्प में बेहतर प्रदर्शन इसका प्रमाण है। मुझे उम्मीद है कि जल्द ही सदर अस्पताल एनक्वास के पैमाने पर भी खरा उतरेगा और यहां इलाज के लिए आने वाले मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया की सदर अस्पताल को एनक्वास सर्टिफिकेशन मिल जाता है तो एक प्रमाण पत्र के साथ तय राशि भी मिलेगी। साथ ही अस्पताल के छह विभागों को आयुष्मान योजना के तहत प्रतिदिन प्रति बेड 10-10 हजार रुपये तीन सालों तक दिया जाएगा। इससे यहां पर इलाज कराने आने वाले मरीजों को फायदा होगा। उन्हें गंभीर बीमारी के इलाज के लिए पटना या फिर किसी निजी अस्पताल का दरवाजा नहीं खटखटाना पड़ेगा। सिविल सर्जन डा. राजेश कुमार ने बताया की मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के तीन स्तर पर प्रमाणीकरण के लिए लक्ष्य का निर्धारण किया गया है। जिसमें पहले चरण में कायाकल्प, दूसरे चरण में लक्ष्य एवं तीसरे चरण में राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना की शुरुआत की गई है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक कार्यक्रम के तहत महिलाओं और शिशुओं के लिए अस्पताल में उपलब्ध सुविधाओं में लगातार अत्याधुनिक मशीने लगे जा रही है, वर्तमान में लेबर रूम में नए 04 लेबर टेबल लगाया गया है जिसका लाभ मरीजो को अवश्य मिलेगा।

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