किशनगंज : जिले में सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 कार्यक्रम के दूसरे चरण की हुई शुरुआत
प्रखंडों में मिशन इंद्रधनुष-5.0 के दूसरे अभियान में चिह्नित छूटे हुए बच्चों व गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण शुरू, सुरक्षा के लिए जरूरी है टीकाकरण, दूसरे चक्र में 847 चिह्नित स्थलों पर कुल 9,692 बच्चों एवं 1976 गर्भवती माता को दिया जायेगा टीका

किशनगंज, 09 अक्टूबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, सघन मिशन इंद्रधनुष 5.0 के दूसरे चक्र के तहत टीकाकरण के 100 प्रतिशत आच्छादन की प्राप्ति को लेकर जिले के सभी प्रखंडों में चयनित सत्र स्थलों पर टीकाकरण अभियान सोमवार से शुरू हो गया। इस दौरान कुल 847 सत्र में 1976 गर्भवती महिलाओं एवं 9,692 शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों के विभिन्न जानलेवा बीमारियों से बचाव हेतु निःशुल्क टीकाकरण किया जाना है। जिसका विधिवत उद्धाटन दिघलबैंक प्रखंड के चुरा कुट्टी पंचायत के सरपंच प्रेमलाल सिंह ने बच्ची को खुराक पिलाकर किया व ठाकुरगंज प्रखंड के चुरली पंचायत में बीडीओ सुमित कुमार ने बच्ची को दो बूंद पोलियो की खुराक पिलाकर अभियान की शुरुआत की। वहीं कोचाधामन प्रखंड के काठामाठा पंचायत के मुन्शी टोला में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. देवेन्द्र कुमार ने निरिक्षण के दौरान बताया कि मिशन इंद्रधनुष से बच्चों में होने वाली 7 प्रमुख बीमारियों तपेदिक, पोलियोमाइलाइटिस, हेपेटाइटिस बी, डिप्थीरिया, पर्टुसिस, टेटनस और खसरा का खतरा कम होगा। इसमें खसरा रूबेला, रोटावायरस, हिमोफिलस इन्फ्लूएंजा टाइप-बी और पोलियो के खिलाफ टीकों को शामिल करने के बाद इन टीकों की संख्या 12 हो गई है। अभियान की सफलता के लिये चिह्नित सत्र स्थानों पर घर-घर घूमकर गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का सर्वे कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसे लेकर संबंधित सभी चिकित्सा पदाधिकारियों, स्वास्थ्यकर्मियों, आंगनबाड़ी, आशा, एएन्एम का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है। सत्र के निर्धारण में कम आच्छादन वाले टीकाकरण सत्र व ऐसे जगहों को चिह्नित किया गया जहां बीते छह माह के दौरान कम से कम दो बार नियमित टीकाकरण सत्र संचालित नहीं हो सके हैं। ईंट भट्ठा, दूर-दराज के ग्रामीण इलाके, मलिन बस्तियां सहित अन्य स्थानों पर सत्र संचालन को प्राथमिकता दी गयी है। इस अभियान में अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाएगा। साथ ही जिलास्तरीय स्वास्थ्य विभाग सहयोगी संस्थाओं के पदाधिकारियों के बीच प्रखंडों का विभाजन कर सघन अनुश्रवण एवं पर्यवेक्षण का दायित्व दिया गया है। अभियान की सफलता के लिये सभी प्रखंडों में प्रशिक्षित कर कार्ययोजना एवं कम्युनिकेशन प्लान तैयार किया गया है। प्रत्येक कार्य दिवस को संध्याकालीन बैठक कर कार्य प्रगति की समीक्षा की जाएगी। सेशनवार सभी जरूरी लॉजिस्टिक की उपलब्धता सुनिश्चित कराने व टीकाकरण सत्रों की साज-सज्जा को लेकर संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये गये हैं। सिविल सर्जन डा. कौशल किशोर ने बताया कि जनसाधारण को अभियान के प्रति जागरूक करने हेतु विशेष संचार योजना बनायी गयी है। साथ ही विभिन्न प्रचार माध्यमों का सहयोग लिया जा रहा है। गांव से जिलास्तर पर लगातार लोगों को जागरूक करने हेतु प्रचार प्रसार की गतिविधियाँ सतत जारी हैं। उन्होंने बताया कि हर हालत में सर्वे रजिस्टर एवं ड्यू लिस्ट सभी सभी सत्रों पर शत-प्रतिशत अद्यतन होना चाहिए। बताया गया कि शत प्रतिशत बच्चे एवं गर्भवती का टीकाकरण कराया जाएगा। कार्यक्रम की सफलता के लिए सभी पदाधिकारियों के द्वारा सतत निरीक्षण करने के लिए आवश्यक निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डा. कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाएं व दो वर्ष तक के बच्चों को विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिये नियमित टीकाकरण बेहद जरूरी है। मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत जिला के सभी 7 प्रखंडों के चयनित स्थलों पर गर्भवती महिलाएं व बच्चों के टीकाकरण का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा। यहां दो वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी मिजल्स, विटामीन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज व बूस्टर ओपीवी के टीके लगाये जायेंगे। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को अभियान के क्रम में टेटनेस- डिप्थेरिया के टीके लगाए जायेंगे। उन्होंने बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चों व सभी गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है। डा० कुमार ने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि मिशन इन्द्रधनुष 5.0 के तहत जिलाभर में अभियान का दूसरा चक्र 09 से 14 अक्टूबर के बीच व तीसरा व अंतिम चक्र 27 नवम्बर से 02 दिसंबर के बीच होगा। गौरतलब है कि नियमित टीकाकरण के मामले में फिलहाल जिले की उपलब्धि 87 फीसदी के करीब है। 02 वर्ष उम्र तक के बच्चे व गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष अभियान के तहत 100 फीसद तक ले जाने का प्रयास किया जायेगा।