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किशनगंज : सदर अस्पताल में संचालित नशा मुक्ति केंद्र का सिविल सर्जन ने किया निरीक्षण।

सुव्यवस्थित रूप से नशा मुक्ति केंद्र का संचालन सुनिश्चित कराने का दिया आदेश। नशापान के आदी हो चुके लोगों को इस लत से निजात दिलाने का होगा प्रयास।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, जिले में लोगों के स्वास्थ्य को लेकर केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी काफी सक्रिय दिखाई दे रही है। कोरोना संक्रमण के बावजूद भी स्वास्थ्य से जुड़े अन्य कार्यक्रमों को भी बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। ताकि कोरोना संक्रमण के अलावा अन्य तरह की बीमारी पर लगाम लगायी जा सके। इसी के तहत लोगों को नशा से मुक्त करने एवं नशा के दुष्प्रभाव को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से सदर अस्पताल में संचालित नशा मुक्ति केंद्र का सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के क्रम में उन्होंने नशा मुक्ति केंद्र को सुव्यवस्थित करते हुए इसका सफल संचालन सुनिश्चित कराने को लेकर स्वास्थ्य अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिये। निरिक्षण के क्रम में उन्होंने कहा कि नशा किसी भी चीज का हो इसका परिणाम हमेशा हानिकारक होता है। मादक पदार्थों के साथ-साथ शराब ने अनेकों घरों को उजाड़ा है। ऐसे में जरूरत है लोगों को नशा मुक्त करना ताकि नशे की वजह से किसी का घर बर्बाद न हो। इसी उद्देश्य से राज्य सरकार के निर्देश पर सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र का निर्माण किया गया है जहा लोगों को नशा मुक्ति के उपाय के साथ ही साथ उन्हें जागरूक भी करना है। सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने कहा कि अस्पताल में नशा मुक्ति केंद्र का संचालन संक्रमण काल के बाद फिर से शुरू किया गया है। आठ बेड क्षमता वाले इस केंद्र को सुव्यवस्थित करते हुए इसका सफल संचालन सुनिश्चित कराया जाना है। इसके लिये नशा मुक्ति केंद्र में विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ जीएनएम व एएनएम की प्रतिनियुक्ति की गयी है। प्रतिनियुक्ति कर्मियों के लिये रोस्टर का निर्धारण किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के निर्धारित एसओपी के अनुसार कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण उपलब्ध कराने का निर्देश सिविल सर्जन को दिया गया है। जिलाधिकारी ने कहा कि राज्य को नशा मुक्त बनाना सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है। इस लिहाज से केंद्र के सफल संचालन को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया।नोडल पदाधिकारी नशा मुक्ति केंद्र सह गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. देवेन्द्र कुमार ने बताया स्वस्थ जीवन के लिए नशे से दूरी जरूरी है। जो लोग भी किसी प्रकार के नशे की लत में हैं उसका तत्काल त्याग करें। किसी भी प्रकार का नशा शरीर को अंदर से कमजोर करता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। नशा आर्थिक, मानसिक एवं शारीरिक रूप से मनुष्य को कमजोर करता और नशे की लत को मजबूत इच्छाशक्ति से ही छोड़ा जा सकता है। नशामुक्ति रथ लोगों को नशे के दुष्प्रभाव को लेकर जागरूक करेगा ताकि लोग इसकी लत से बच सकें और अविलंब इसका त्याग करें। नशामुक्ति केंद्र के संबंध में जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ सुरेश प्रसाद ने कहा कि नशापान के आदी हो चुके लोगों को इस बुरी लत से निजात दिलाना केंद्र का मुख्य उद्देश्य है। नशापान के आदी हो चुके लोगों को जरूरी इलाज के लिये केंद्र लाया जायेगा। इलाज पूरी होने के बाद उन्हें मुक्त कर दिया जायेगा। अस्पताल में फिलहाल 08 बेड क्षमता वाले नशा मुक्ति केंद्र का संचालन किया जा रहा है। बाद में जरूरत के हिसाब से बेड की संख्या को बढ़ाया जा सकता है। राज्य सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों के आधार पर केंद्र का संचालन किया जायेगा। मौके पर डीआईओ डॉ मंजर आलम, अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर आलम, जिला कार्यक्रम प्रबंन्धक डॉ मुनाज़िम, अस्पताल प्रबंधक बसन्त कुमार सहित संबंधित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी व कर्मी मौजूद थे।

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