अपराधताजा खबरप्रमुख खबरेंब्रेकिंग न्यूज़राज्य

पटना : बीस लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज सिर्फ छलावा है:-डॉ० सुरेश पासवान

पटना/रणजीत कुमार सिन्हा, बिहार सरकार के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ० सुरेश पासवान ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के द्वारा किया गया आर्थिक पैकेज सिर्फ और सिर्फ छलावा से ज्यादा कुछ नहीं है।इसे सर जमीन पर उतारने में वर्षों लग जाएगा।इस पैकेज में बिहार जैसे पिछड़े राज्य के लिए तो कुछ भी नहीं है।वित्त मंत्री के द्वारा जो पांच दिनों से सेक्टर वाइज घंटों घोषणा किया गया है वह देश के किसानों, मजदूरों, बेरोजगार युवाओं एवं स्वास्थ्य तथा शिक्षा के क्षेत्र में निराश करने वाला और निजीकरण को बढ़ावा देने वाला घोषणा है।यानी नई बोतल में पुरानी शराब को परोसा गया है।पहले से चल रही अधिकांश योजनाओं को ही दुहराया गया है।कोरोना वैश्विक महामारी से निपटने के लिए जहां दो महीने से सम्पूर्ण देश में लोक डाउन है, सारे काम धंधा बंद होने से करोड़ों अप्रवासी मजदूरों के सामने भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है, ऐसे वक्त में किसानों मजदूरों को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम के तहत सीधे उन्हें आर्थिक मदद मिलना चाहिए था ताकि वे अपने परिवार को बचाते हुए देश को आत्म निर्भर बनाने में बढ़ चढ़कर अपना योगदान देने में सक्षम साबित होते।लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है।दुनिया के कई देशों ने डीबीटी योजना के तहत अपने देशवासियों को एक मुस्त बड़ा आर्थिक मदद देने का काम किया है।वहीं हमारे देश में इस आर्थिक पैकेज को लोन मेला के रूप में देशवासियों के सामने रखा गया है कि आप बैंक से लोन लेकर अपना कार बार सुरु कर सकते हैं।लोन लेना कितना आसान है अपने देश में सबको पता है।हां इस पैकेज से लोन लेकर फिर कोई नीरव मोदी, मेहुल चौकसी, विजय माल्या जैसे लोग विदेश भागने में जरुर कामयाब हो जाएंगे।और इस देश का किसान, मजदूर, बेरोजगार जहां है वहीं निराश बैठा रह जाएगा।डॉ० पासवान ने भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी से मांग किया है कि अगर सच में भारत को आत्म निर्भर बनाना चाहते हैं तो इस बीस लाख करोड़ रूपए के आर्थिक पैकेज में से देश के अनदाता किसानों का कर्जा माफ किया जाए साथ ही कृषि कार्य हेतु निःशुल्क बिजली दिया जाए, मजदूरों के खाता में कम से कम बीस हजार रुपए ट्रांसफर कीया जाए एवं मसीन के जगह पर अधिक से अधिक मानव दिवस सृजित किया जाए, छात्रों का एजुकेशन लोन माफ किया जाए, वेरोजगार नौजवानों को जब तक रोजगार नहीं मिल जाता तब तक दस हजार रुपए वेरोजगारी भता दिया जाए तथा स्थायी रोजगार सृजित करने का तकनीकी विकास खासकर के पिछड़े प्रदेशो में किया जाना चाहिए, जहां मैन पावर अधिक हो। चूंकि कोरोना भायरस कुछ ही दिनों में नहीं खत्म होने का भविष्य वाणी हो रहा है इसलिए उसके मद्देनजर रोड मैप तैयार किया जाना चाहिए ताकि अपने ही घर प्रदेश में रोजगार कामगारों को आसानी से मिल सके।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button