संविधान दिवस सप्ताह के अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के द्वारा कार्यशाला का आयोजन किया गया।
त्रिलोकी नाथ प्रसाद/ संविधान दिवस सप्ताह के अवसर पर प्रक्षेत्रीय जिला प्रोबेशन कार्यालय, बेउर, पटना द्वारा श्री रूपेश देव, माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पटना की अध्यक्षता में व्यवहार न्यायालय, पटना के सभागार कक्ष में प्रोबेशन ऑफ अफेन्डर्स एक्ट-1958 पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें श्रीमती शिल्पी सोनीराज, सदस्य सचिव, बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना, श्री नितिन त्रिपाठी, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पटना, श्रीमती पूनम रानी, उप निदेशक (प्रोबेशन), पटना प्रमण्डल एवं व्यवहार न्यायालय, पटना के अन्य न्यायाधीशगण, जिला प्रशासन पुलिस अधीक्षक (अपराध इकाई) पटना एवं पटना प्रक्षेत्र के सभी प्रोबेशन पदाधिकारियों की सहभागिता रही। यह कार्यशाला मूल रूप से प्रोबेशन ऑफ अफेन्डर्स एक्ट-1958 के प्रचार प्रसार एवं इसके विषय में जनसाधारण के बीच जागरूकता लाने हेतु आयोजित की गई। विदित हो कि यह अधिनियम 1958 में भारत सरकार द्वारा लागू किया गया था। इस अधिनियम के आधार पर प्रोबेशन ऑफ अफेन्डर्स नियम, 1959 को लागू किया गया। ऐसा करने वाला बिहार देश का प्रथम राज्य था।
माननीय प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश, पटना ने बताया कि प्रोबेशन ऑफ अफेन्डर्स एक्ट-1958 के अंतर्गत कोई व्यक्ति जो प्रथम अपराध करता है अथवा जिससे गैर इरादतन छोटे-मोटे अपराध हो जाते है, उसे न्यायालय द्वारा दोषी पाये जाने के बावजूद भी अच्छे चाल-चलन एवं व्यवहार की शर्त पर उक्त अधिनियम के विभिन्न धाराओं का लाभ देकर मुक्त किया जा सकता है।
सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, पटना ने बताया कि इस अधिनियम के तहत मुक्त हुए व्यक्तियों को किसी पद अथवा रोजगार हेतु अयोग्य नहीं माना जाएगा।
उप निदेशक (प्रोबेशन), पटना प्रमण्डल ने प्रोबेशन ऑफ अफेन्डर्स एक्ट-1958 के तहत आने वाले मामलों के निपटान में आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला।