राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला (एग्रो बिहार, 2024) में कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उनके बारे में तकनीकी जानकारी तथा अनुदान का लाभ मिल रहा एक ही साथ नये एवं अनोखे प्रकार के कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी।..
मनीष कुमार कमलिया/चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं के बीच पुरस्कार का वितरणमेला में 47 हजार से अधिक किसानों एवं आमजनों ने किया भ्रमण कृषि यंत्रों की बिक्री पर 185 लाख रूपये से अधिक अनुदान
किसान पाठशाला में किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
गाँधी मैदान, पटना में आयोजित राज्यस्तरीय कृषि यांत्रिकरण मेला (एग्रो बिहार, 2024) का आज दूसरा दिन है। इस मेला में किसानों को कृषि यंत्रों का प्रदर्शन, उनके बारे में तकनीकी जानकारी तथा उन्हें कृषि यंत्रों पर अनुदान का लाभ एक ही साथ मिल रहा है। यह मेला 29 नवम्बर से 02 दिसम्बर तक कृषि विभाग, बिहार द्वारा सी॰आई॰आई॰ के सहयोग से आयोजन किया जा रहा है। इस मेला में कृषि यंत्रों के निर्माताओं एवं विक्रेताओं की व्यावसायिक बैठक (B to B Meet) तथा यंत्र निर्माताओं एवं विभागीय पदाधिकारियों के साथ बैठक (B to G Meet) का आयोजन भी किया गया, जिसमें कृषि अभियंत्रण महाविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर तथा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद्, पटना के वरीय वैज्ञानिकगण मौजूद थे।
नये एवं अनोखे प्रकार के कृषि यंत्रों की प्रदर्शनी
इस मेला में कृषि कार्यों को नये तरीके से करने हेतु उन्नत तकनीक के कई कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया है, जिसका विवरण निम्न प्रकार है:-
सोलर बैट्री चालित स्प्रेयर-यह मशीन सौर ऊर्जा चलित है एवं कीटनाशक के छिड़काव में प्रयोग किया जाता है। यह 06-12 कतारों में 02 फीट से लेकर 05 फीट ऊचाई तक आवश्यकतानुसार छिड़काव करती है।
सुगर केन हार्वेस्टर-यह यंत्र गन्ना की खेती करने वाले कृषकों के लिए काफी उपयोगी है। यह मशीन गन्ने की हार्वेस्टिंग कर छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर सीधे ट्रैक्टर के ट्रॉली में लोड कर देता है।
तीन पहिया टैªक्टर-यह ट्रैक्टर मेले के अंदर आकर्षण का केन्द्र है। यह टैªक्टर 10 एच॰पी॰ इंजन के साथ पुराने ट्रैक्टर से संबंधित सभी प्रकार के कृषि कार्य करने में सक्षम है। यह जोताई के साथ-साथ बोआई, कटाई एवं माल ढुलाई कार्य के लिए भी उपयुक्त है। छोटे साइज में होने के कारण यह ट्रैक्टर उद्यानिक फसलों में छोटे खेतों में भी बहुत ही आसानी से कार्य करता है।
मानवचालित प्लांटर-यह यंत्र पंक्ति में बुआई के लिए काफी उपयुक्त है। इससे मक्का, सोयाबीन, चना, मटर आदि फसलों के बीजों की बुआई की जा सकती है।
ट्रैक्टर चालित बंड बनाने की मशीन-यह यंत्र खेतों के मेड़/आरी काफी आसानी से आवश्यकतानुसार बना देता है।
चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं के बीच पुरस्कार का वितरण
सचिव, कृषि विभाग, बिहार श्री संजय कुमार अग्रवाल द्वारा इस मेला में बच्चों के लिए आयोजित चित्रकला प्रतियोगिता के विजेता छात्र-छात्राओं के बीच पुरस्कार का वितरण किया गया। जल ही जीवन है, भूमि बचाओ, कृषि का महत्व, मानव जीवन में पौधों का महत्व, कृषि में यांत्रिकरण का महत्व, टिकाऊ खेती का महत्व, मृद्रा स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव तथा वर्षा जल संचयन विषयों पर चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन सीनियर एवं जूनियर दो बैच के बीच अलग-अलग किया गया, जिसमें पटना शहर के विभिन्न विद्यालयों के जूनियर बैच में 117 तथा सीनियर बैच में 114 अर्थात 231 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।
इस प्रतियोगिता में सीनियर बैच में आर्मी पब्लिक स्कूल, दानापुर कैंट के श्री ऋदम को प्रथम एवं सुश्री रिया को द्वितीय पुरस्कार तथा पी॰एम॰ श्री केन्द्रीय विद्यालय, बेली रोड, पटना के सुश्री स्तुति वर्मा को तृतीय पुरस्कार दिया गया। जूनियर बैच में केन्द्रीय विद्यालय, बेली रोड, पटना के सुश्री श्वाती कुमारी को प्रथम, दिल्ली पब्लिक स्कूल पटना के मोक्षा चौधरी को द्वितीय पुरस्कार एवं सुश्री नव्या रंजन को तृतीय पुरस्कार दिया गया। विजेताओं छात्र-छात्राओं को प्रथम पुरस्कार के रूप मेें 3000 रूपये, द्वितीय पुरस्कार के रूप में 2000 रूपये एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में 1000 रूपये के साथ-साथ प्रमाण-पत्र दिया गया। साथ ही, अन्य सभी प्रतिभागी छात्र/छात्राओं को प्रतिभागी प्रमाण-पत्र दिया गया।
मेला में 47 हजार से अधिक किसानों एवं आमजनों ने किया भ्रमण
आज इस मेला में पटना, सारण, सिवान, गोपालगंज, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चम्पारण, पश्चिमी चम्पारण, सीतामढ़ी, वैशाली एवं शिवहर जिले के 3960 किसानों ने भाग लिया। आज तक इस प्रदर्शनी-सह-मेला में राज्य के 47 हजार से अधिक किसान/आगन्तुक आये। इस मेले में किसी तरह का प्रवेश शुल्क नहीं है। कोई भी किसान/व्यक्ति स्वेच्छा से इस प्रदर्शनी/मेला में भाग ले सकते हैं।
कृषि यंत्रों की बिक्री पर 185 लाख रूपये से अधिक अनुदान
आज इस मेला में 205 कृषि यंत्रों पर सरकार द्वारा 62.807 लाख रूपये अनुदान दिया गया। इन कृषि यंत्रों का बाजार मूल्य लगभग 1.62 करोड़ रूपये है। इस प्रकार 02 दिनों में कुल 306 कृषि यंत्रों का क्रय कुल 185 लाख रूपये से अधिक अनुदान दिया गया।
किसान पाठशाला में किसानों को दिया गया प्रशिक्षण
आज किसान पाठशाला में प्रतिभागी किसानों को कृषि वैज्ञानिकों एवं विभागीय पदाधिकारियों द्वारा बागवानी में कृषि यंत्रों का परिचालन विधि, रख-रखाव और मरम्मति, दलहनी एवं तेलहनी फसलों की वैज्ञानिक खेती तथा कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण में उपयोग में आने वाले मशीनरी की तकनीकी जानकारी दी गई।
संध्या में मुख्य मंच पर दर्शकों के मनोरंजन के लिए मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया।