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नवादा : गोदभराई रस्म का पीएचसी स्तर पर हुआ आयोजन गर्भावस्था में अच्छे पोषण पर दी गयी जानकारी आखिरी दिनों में बेहतर पोषण शिशु के स्वस्थ के लिए जरुरी..

नवादा/मिथिलेश कुमार जिले के सभी प्रखंड के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गोदभराई की रस्म का आयोजन किया गया।इस दौरान सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गयी।इस दौरान गर्भवती महिलाओं व बच्चों के देखभाल को लेकर कई जानकारी भी दी गयी।

उत्सवी माहौल में की गयी गोदभराई

शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं को लाल चुनरी ओढा कर एवं माथे पर लाल टीका लगा कार्यक्रम की शुरुआत हुई।महिलाओं को विभिन्न व्यंजनों में शामिल सतरंगी फल, सूखे मेवे भी भेंट की गयी।इस दौरान पोषक आहार में फल और मेवे का वितरण हुआ। साथ ही गर्भावस्था के दौरान पोषक आहार सेवन के विषय में गर्भवतियों को भी जागरूक किया गया।इस अवसर पर जिले की डीपीओ रश्मि रंजन ने बतया की गर्भवती महिलाओ को गर्भावस्था मे खान-पान का हमेशा ध्यान रखना चाहिये।रोज हरे साग-सब्जी, मूँग का दाल एवं अगर महिला मांसाहारी हो तो अंडे के साथ मछ्ली का प्रयोग सप्ताह मे दो से तीन बार जरूर करना चाहिये।इस दौरान वसा की भी जरूरत होती है।इसके लिए महिलाओं को चिकनाई पूर्ण खाद्य पदार्थों का सेवन जरुर करना चाहिए।सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में ही प्रसव कराना चाहिए।इसके लिए गाँव की आशा से नियमित सलाह भी गर्भवती महिलाओं को लेते रहना चाहिए ताकि गर्भ के आखिरी दिनों में किसी संभावित जटिलता से बचा जा सके।

आखिरी महीनों में जरुरी है बेहतर पोषण

गर्भ के आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है।इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा होना जरुरी होता है।इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत आंगनवाडी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं को साप्ताहिक पुष्टाहार भी वितरित किया जाता है।इसके साथ महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध भोज्य पदार्थों के सेवन से भी अपने पोषण का ख्याल आसानी से रख सकती हैं।हरी साग-सब्जी, सतरंगी फल, दाल, सूखे मेवे एवं दूध के सेवन से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है।

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