राजनीति

*मोदी ने बचाई अपनी प्रतिष्ठा,खाने वाले के लिए नही माँगने आये वोट।*

*शायद यह कार्यकताओं के लिए हो संकेत।*

नवीन कुमार रौशन/न मैं खाऊंगा और न ही किसी को खाने दूँगा* अपने हरेक चुनावी सभाओं में छाती ठोक अपने भाषणों में चुनौती देने वाले यशस्वी प्रधानमंत्री की नरेंद्र मोदी 1600 करोड़ की राशि का वारा न्यारा करने के आरोपी जहानाबाद के जदयू प्रत्यासी चन्द्रेश्वर चन्द्रवंशी के लिए एक भी सभा नही कर यह साबित कर दिया कि मोदी जो कहता है सो करता है।उन्होंने जहानाबाद नही आकर अपने कार्यकताओं को भी यह संदेश दे दिया कि हमें प्रधानमंत्री तो बनना है लेकिन ऐसे मानवता के हत्यारे सांसदों का समर्थन से नही।जहानाबाद में प्रधानमंत्री का एक भी सभा नही होना तथा राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह का भी नीतीश की प्रतिष्ठा वाले सीट पर कार्यक्रम नही होना बहुत कुछ कहता है।

ज्ञात हो कि जहानाबाद के जदयू प्रत्याशी चन्द्रेश्वर प्रसाद चन्द्रवंशी के बेटे और पुत्रवधु पशुपति डिस्ट्रीब्यूटर प्राइवेट लिमिटेड के संचालक हैं।इस कम्पनी पर 1600 करोड़ का एम्बुलेंस घोटाले का आरोप है।आरोप है कि कोरोना काल में इस डिस्ट्रीब्यूटर कम्पनी के कार्यशैली के कारण जनता एम्बुलेंस और ऑक्सीजन के अभाव में तड़प तड़प कर दम तोड़ दिया।मानवता को शर्मसार करने वाले इस कम्पनी का 102 का लाइसेंस *केवल सच* ने रदद् कराया था।इस घोटाले की गूंज सड़क से लेकर सदन तक भाजपा के लोगों ने हीं उठाया था।वर्तमान बिहार सरकार के उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस मीडिया में इस मुद्दे को उठा कर खूब सुर्खियां बटोरी थी।लेकिन राजनीति की नैतिक पतन तो देखिए आज वही लोग जहानाबाद से जदयू के इस प्रत्यासी की जीत सुनिश्चित कराने के लिए जहानाबाद में डेरा डाल रखा है।जनसभाओं का बाढ़ सा ला रखा है।

डेरा डाले भी क्यों नही भले हीं चन्द्रवंशी पर 1600 करोड़ का एम्बुलैंस घोटाले का आरोप लगा हो लेकिन ईमानदारी के प्रतिमूर्ति बने फिरने वाले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह चहेते प्रत्याशी हैं,और जहानाबाद की सीट इनकी प्रतिष्ठा की सीट।प्रतिष्ठा की सीट इसलिए नही,कि यहाँ से चन्द्रवँशी चुनाव मैदान में हैं बल्कि इस सीट पर इनकी प्रतिष्ठा इस लिए अटकी है, क्योंकि यहाँ से इनके धुर विरोधी बिहार हीं नही बल्कि देश के जाने माने ब्रह्मर्षियों के नेता डॉ अरुण कुमार इनके लाख प्रयासों के बाद भी मैदान में हैं।वह अरुण कुमार हो ब्रह्मर्षि समाज के बाहुबली नेता माने जाने वाले अनन्त सिंह को जेल जाने को राजनैतिक षडयंत्र मानते हुए ब्रह्मर्षि समाज के अस्तित्व की रक्षा के लिए नीतीश की छाती तोड़ने की घोषणा कर दी थी।

हालांकि सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की सोच रखने वाले,सौम्य स्वभाव के डॉ अरुण के स्वभाव में हीं दबंगता नही है।शायद यही कारण है कि सवर्ण समाज से होते हुए भी इनकी छवि सर्वजनप्रिय नेता की है।

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