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भाकपा के राष्ट्रीय सचिव का॰ अतुल कुमार अंजान एवं प्रख्यात लेखक डा॰ व्रज कुमार पांडेय के निधन पर स्मृति-संकल्प सभा।

कुणाल कुमार/भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एवं अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड अतुल कुमार अंजान एवं चर्चित लेखक डॉ॰ व्रज कुमार पांडेय के निधन पर आज यहां भाकपा द्वारा अदालतगंज स्थित अभियंता भवन में सर्वदलीय स्मृति संकल्प सभा आयोजित की गयी। कार्यक्रम की अध्यक्षता भाकपा के राज्य सचिव एवं पूर्व विधायक राम नरेश पांडेय एवं संचालन पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य रामबाबू कुमार ने की।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बिहार राज्य परिषद की ओर से का॰ अतुल कुमार अंजान के प्रति श्रद्धांजलि शोक प्रस्ताव पार्टी के राज्य सचिव मंडल सदस्य का. प्रमोद प्रभाकर एवं का. डा. व्रज कुमार पांडेय के प्रति प्रगतिशील लेखक संघ के राज्य के उपमहासचिव का. अनीश अंकूर ने पेश की।
सर्वप्रथम उपस्थित लोगों ने दिवंगत नेताओं के तैल चित्र पर पुष्पांजलि कर अपनी श्रद्धांजलि दी। स्मृति सह संकल्प सभा को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय महासचिव कामरेड डी राजा ने कहा कि कामरेड अतुल कुमार अंजान के निधन से देश में न सिर्फ वामपंथी आंदोलन एवं किसान आंदोलन को अपूरणीय क्षति हुई है, बल्कि देश में प्रगतिशील एवं जनवादी आंदोलन को गहरा आघात लगा है। जबकि व्रज कुमार पांडेय के निधन से साहित्य जगत को बड़ी क्षति पहुंची है।

उन्होंने कहा कि संपन्न लोकसभा चुनाव में देश की जनता ने किसी एक पार्टी को जनादेश नहीं दिया है, संविधान एवं लोकतंत्र बचाने की लड़ाई हमारी सफल हुई है। भाकपा महासचिव ने कहा कि अतुल जी ने जिस लड़ाई को जीवन भर लड़ने का काम किया था ,उसे आज बढ़ाने की जरूरत है। आज देश में खेती और किसानी संकट में है, रोजगार संकट में है, गंगा जमुनी तहजीब संकट में है, जरूरत है खेती बचाने, गांव बचाने एवं देश बचाने के लिए संघर्ष तेज करने की।

डी॰ राजा ने केंद्र और राज्य सरकार के जन विरोधी नीतियों कि खिलाफ एवं जनता के ज्वलन्त सवालों को लेकर आंदोलन तेज करने का आह्वान किया। स्मृति सभा को संबोधित करते भाकपा के राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व सांसद नागेंद्र नाथ ओझा ने कहा कामरेड अतुल जी का छात्र आंदोलन से लेकर कम्युनिस्ट आंदोलन तक संघर्षों का इतिहास भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने स्वामीनाथन कमीशन आयोग के सदस्य के रूप में अत्यंत ही महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन किया था।
बिहार विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी ने कहा कि अतुल जी एवं व्रज कुमार पांडेय जैसे प्रतिभावान शख्सियत सदैव हीं प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे।
राजद के राष्ट्रीय महासचिव एवं पूर्व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि अतुल जी छात्र आंदोलन के राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय ख्याती प्राप्त छात्र नेता एवं वाम आंदोलन का एक बड़े चेहरा थे जिसकी क्षति पूर्ति संभव नहीं है।
जदयू के विधान पार्षद एवं प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि मुझे फक्र है कि मैं उनके नेतृत्व में छात्र राजनीति में लंबे समय तक रहा हूँ।
उन्होंने कहा कि अतुल कुमार अंजान के निधन से देश में एक मुखर आवाज सदा के लिए खो गया। उन्होंने कहा कि छात्र आंदोलन से लेकर वाम आंदोलन तक के सफर में उनके द्वारा दिए गए वक्तव्य को समेट कर पुस्तिका प्रकाशित होनी चाहिए।
स्मृति सभा को माकपा के राज्य सचिव ललन चौधरी, अवधेश कुमार, भाकपा माले का नन्द किशोर जी, प्रो॰ दीपक कुमार राय, पूनम भाटिया, बेगूसराय से इंडिया गठबंधन के पूर्व प्रत्याशी अवधेश राय, विधायक राम रतन सिंह, पूर्व विधान पार्षद संजय कुमार, बीकेएमयू के प्रदेश महासचिव जानकी पासवान, भाकपा के राज्य सचिव मंडल सदस्य जब्बार आलम, ओमप्रकाश नारायण, रामचंद्र महतो, रामलाला सिंह, विजय नारायण मिश्र, प्रभा शंकर सिंह,निवेदिता झा, किसान सभा के प्रदेश महासचिव अशोक प्रसाद सिंह, ए. आई. एस. एफ. के राज्य अध्यक्ष अमीन हामजार्, ए. आइ. वाई. एफ. के राष्ट्रीय सचिव रौशन कुमार सिन्हा, तंजीम ए इंसाफ के राष्ट्रीय सचिव इरफान अहमद फातमी, इस्कफ के राज्य सचिव रवींद्रनाथ राय, आदि नेताओं ने अपने संबोधन में दिवंगत नेताओं के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करते हुए कहा कि हम उनके अधूरे कामों को पूरा कर हीं उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि दे सकते हैं।

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