तालाब में डूबने से चार बच्चो की मौत की मातमपुर्सी करने पहुंचे लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान

राजीव कुमार=वारिसलीगंज (नवादा):_वारिसलीगंज प्रखंड क्षेत्र के मोहिउद्दीनपुर पंचायत की गंभीरपुर गांव में 29 सितम्बर की शाम घटित ह्रदय विदारक घटना में चार बच्चों की मौत की सूचना बाद मंगलवार को लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जमुई सांसद चिराग पासवान गांव पहुंच पीड़ित परिवारों से मिलकर उनकी दुखती रग पर हाथ रखा। इस दौरान सांसद ने बिहार सरकार की खिंचाई करते हुए कहा कि चार मासूम बच्चों की तालाब के गड्ढे में डूबने से हुई मौत स्वाभाविक या सामान्य मौत नहीं है, बल्कि हत्या कही जा सकती है।उन्होंने जिला प्रशासन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि घटना के 12 दिन बीत चुके है और तालाब में गढ्ढा करने के लिए कौन जिम्मेदार है, इसकी पहचान तक जिला प्रशासन नहीं कर पाई है। सांसद ने कहा को घटना में चार मासूमो की मौत हुई है, परंतु अभी तक पीड़ित परिवारों को आपदा की राशि नहीं मिल पाई है। उन्होंने जिलाधिकारी से बच्चों की मौत के जिम्मेदार लोगों की पहचान शीघ्र करवाकर उसके विरुद्ध हत्या का मुकदमा चलाने की मांग किया है। बता दें कि पिछले 29 सितम्बर की शाम 4 बजे के करीब मोहिउद्दीनपुर पंचायत के गंभीरपुर गांव स्थित एक तालाब में नहाने के दौरान चार मासूम बच्चों की मौत हो गई थी। मौत के 12वें दिन गांव पहुंचे लोजपा सांसद चिराग पासवान ने पीड़ित परिजनो से मिलकर ढाढस बंधाया। मौके पर लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने सरकार व प्रशासन को घटना के लिए दोषी ठहराते हुए जांच की मांग किया। अपने समर्थकों के साथ गंभीरपुर गांव पहुंचे राष्ट्रीय अध्यक्ष द्वारा सर्वप्रथम मृतक के बच्चों की तस्वीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बाद में रोते बिलखते परिजनों से मिलकर हर संभव मदद का आष्वासन दिया। इस दौरान पत्रकारों से बात चीत करते हुए सांसद ने कहा कि यह चार बच्चों के तालाब में डूब जाने से हुई आकस्मिक मौत नहीं यह हत्या की श्रेणी में आता है और इस घटना हत्या की श्रेणी में आनी चाहिए। चारों बच्चे की हत्या के लिए अधिकारियों व ठेकेदारों को दोषी मानते हुए कहा कि तालाब की खुदाई जेसीबी से की गई है तथा खुदाई में जानबूझकर लापरवाही बरती गई है। कहा गया की बिहार सरकार की सभी योजनाओं में लूट खसोट तथा भ्रष्टाचार का बोलबाला है। सब कुछ जानते हुए सरकार के अधिकारी चुप है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से मिलकर मामले की जांच करने की मांग करेंगे। लोजपा सांसद ने कहा कि घटना के 12 दिन बाद भी कोई वरीय अधिकारी व नेता घटनास्थल पर नहीं पहुंचे हैं तथा बच्चों की हुई मौत से संबंधित मामले की जांच करने की जरूरत नहीं समझ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारी जानते हैं कि जांच की आंच हम तक ही पहुंचेगी, इसलिए शिथिलता बरत रहे है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से तालाब में गड्ढा किया गया है, जिससे आज बच्चों की मौत हुई है, कल कोई बड़ों की मौत हो सकती है। घटना के लिए जवाबदेह दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले इसके लिए मुख्यमंत्री से मिलकर लिखित आवेदन देकर घटना की जांच कराने की मांग करूंगा।
15वीं वित्त की राशि से बनाई गई थी तालाब में सीढ़ी घाट
गंभीरपुर गांव स्थित तालाब की उड़ाही मनरेगा के अमृत योजना से कराई गई थी, परंतु तालाब की उड़ाही से दो माह बाद पंचायत समिति मद के 15वीं वित्त से घाट बनाने का कार्य शुरू किया गया था। ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सीढ़ी घाट निर्माण के समय पानी की आवश्यकता पूरी करने तथा पानी जमा रखने के लिए तालाब में गड्ढा कर दिया गया था, परंतु कार्य समाप्त होने के बाद कुछ ग्रामीणों द्वारा ठेकेदार से गड्ढा भरने को कहा गया था, लेकिन ठेकेदार ग्रामीणों की बातों पर ध्यान नहीं दिया। परिणाम स्वरूप उक्त गढ्ढे में डूबने से चार बच्चों की मौत हो गई थी।जानकारी हो कि बड़ी घटना के बाद अभी भी गढ्ढा बरकरार है। 29 सितंबर को हुई ह्रदय विदारक घटना की चर्चा सम्पूर्ण नवादा जिला समेत पूरे राज्य में हुई थी। घटना के 12 दिनों बाद भी किस परिस्थिति में तालाब में एक स्थान पर इतनी गहरी खाई बनाई, इसकी जांच अभी तक नहीं हुई है, इसके लिए दोषी अधिकारियों व ठेकेदार के विरुद्ध किसी प्रकार की कार्रवाई अब तक नहीं की गई है, जिससे मृतक के परिजनों में व्यवस्था के प्रति आक्रोश व्याप्त है।