किशनगंज : सभी स्वाथ्य संस्थानों में मनाया गया विश्व गर्भ निरोधक दिवस, गर्भनिरोधक से संबंधित उपायों पर दिया गया है विशेष बल
किशनगंज : गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में विश्वसनीय जानकारी सभी के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण: सिविल सर्जन

किशनगंज, 26 सितंबर (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में मंगलवार को विश्व गर्भनिरोधक दिवस के रूप में मनाया गया। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनसीडीओ डॉ उर्मिला कुमारी, डीएस डा० अनवर आलम, क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक कैंसर इकबाल, डीपीसी विश्वजीत कुमार, पीरामल के अश्वनी पटेल एवं अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित हुए। सदर अस्पताल में इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि सन 1994 में जनसंख्या और विकास पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में सभी व्यक्तियों को अपने बच्चों की संख्या और अंतर पर स्वतंत्र रूप से और जिम्मेदारी से निर्णय लेने का अधिकार दिया गया था। इसमें कहा गया कि वर्ष 2030 तक परिवार नियोजन, सूचना, शिक्षा, राष्ट्रीय रणनीतियों और कार्यक्रमों में प्रजनन स्वास्थ्य के एकीकरण सहित यौन और प्रजनन स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करें। इसी क्रम में जन्म नियंत्रण विकल्पों और परिवार नियोजन के बारे में आम जनता के बीच जागरूकता बढ़ाने और युवा वयस्कों को उनके यौन और प्रजनन स्वास्थ्य पर सचेत निर्णय लेने में मदद करने के लिए 2007 से हर साल 26 सितंबर को दुनिया भर के लोगों द्वारा विश्व गर्भनिरोधक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि इसका उद्देश्य लोगों को गर्भनिरोधक के बारे में जागरूक करना होता है। प्रजनन आयु (15-49 वर्ष की आयु) की महिलाओं का अनुपात, जिनकी परिवार नियोजन की आवश्यकता आधुनिक तरीकों से संतुष्ट है। यहीं पर विश्व गर्भनिरोधक दिवस अभियान आता है। एक वैश्विक पहल जो सुरक्षित और संरक्षित यौन संबंध से संबंधित बेहतर शिक्षा और ज्ञान पर जोर देती है। ताकि हर गर्भावस्था की योजना बनाई जा सके और वांछित हो। भारत के अलावा कई देशों में गर्भनिरोधक के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समय-समय पर विशेष जानकारी दी जाती है। विश्व गर्भनिरोधक दिवस मनाने का उद्देश्य वर्तमान में युवा पीढ़ी को यौन जागरूक बनाने के लिए किया जाता है। लोगों को समय-समय पर कार्यक्रम का आयोजन कर इस विषय में जानकारी दी जाती है। इस कार्यक्रम में लोगों को गर्भधारण के बचाव के बारे में बताया जाता है। गर्भनिरोधक का महत्व व गर्भनिरोधक तरीकों के बारे में विश्वसनीय जानकारी सभी व्यक्तियों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसलिए डब्ल्यूसीडी का प्रारंभिक लक्ष्य अवांछित गर्भधारण को रोकने में विभिन्न गर्भनिरोधक तरीकों की क्षमता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। अनपेक्षित गर्भधारण की रोकथाम मातृ स्वास्थ्य और मृत्यु की घटनाओं को कम करने, किशोर और अधिक उम्र के गर्भधारण में देरी करने, बच्चों के बीच अंतर रखने और यहां तक की सिफलिस, गोनोरिया, एड्स या एचआईवी जैसे यौन संचारित रोगों के जोखिम को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसके अलावा, अनपेक्षित गर्भधारण की दर को कम करके, गर्भनिरोधक असुरक्षित गर्भपात की आवश्यकता को भी काफी कम कर देता है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने कहा कि आमजनों के सहयोग के बिना जागरूक करना आसान नहीं है। उन्होंने बताया कि छोटा व सीमित परिवार खुशहाली का आधार है। परिवार नियोजन के कई साधन सुलभ होने के बावजूद इसके प्रति आम लोगों में जागरूकता की कमी है। लोगों को इसके प्रति जागरूक करते हुए नियोजन संबंधी उपायों को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिये वीएचएसएनडी साइट पर पहुंचने वाले ग्रामीण दंपतियों को उचित जानकारी उपलब्ध कराना जरूरी है। ताकि उन्हें इसके इस्तेमाल के लिये प्रेरित व प्रोत्साहित किया जा सके। उक्त कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया कि परिवार की खुशहाली के लिये दो बच्चों के बीच पर्याप्त अंतर, परिवार के आकार का छोटा व सीमित होना जरूरी है। इसके लिए योग्य लाभुकों की काउंसिलिंग जरूरी है। आम लोगों को छोटे परिवार के फायदे व परिवार नियोजन संबंधी उपलब्ध विकल्पों के प्रति जागरूक किया जाना जरूरी है। जो बढ़ती जनसंख्या पर प्रभावी नियंत्रण के साथ-साथ परिवार व समाज की खुशहाली के लिहाज से जरूरी है। गर्भनिरोधक संबंधी उपलब्ध साधनों के महत्व से सभी को अवगत कराते हुए इसे अपनाने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिये काउंसिलिंग महत्वपूर्ण है। इस दौरान नियोजन को लेकर उपलब्ध विभिन्न विकल्पों की जानकारी लाभुकों तक पहुंचाना जरूरी है। ताकि वे अपनी पसंद व जरूरत के हिसाब से इसमें से किसी एक का चयन कर सकें।