किशनगंज : प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं की हुई एएनसी जांच

प्रसव संबंधी जटिलता से निजात दिलाना उद्देश्यकिशनगंज, 09 जून (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले के सभी प्रखण्डों के स्वास्थ्य केन्द्रों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व योजना के तहत गर्भवती व धात्री महिलाओं की स्वास्थ्य जांच शुक्रवार को की गई है। जिसके तहत महिलाओं का वजन, बीपी, एचआईवी, ब्लड शुगर जांच भी की गयी है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि जिले में मातृत्व शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिये हर स्तर पर जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं।
सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रसव पूर्व चार जांच जरूरी है। इसे लेकर जिले के प्रमुख चिकित्सा संस्थानों के साथ-साथ सभी पीएचसी, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, हेल्थ सब सेंटरों पर विशेष इंतजाम किये गये थे। अभियान से पूर्व ही संबंधित क्षेत्र की आशा, एएनएम व आंगनबाड़ी सेविकाओं की मदद से जागरूकता अभियान संचालित करते हुए गर्भवती महिलाओं को चिह्नित किया गया था। जिला व प्रखंड स्तर पर गठित स्वास्थ्य अधिकारियों की टीम द्वारा अभियान का लगातार निरीक्षण व अनुश्रवण किया गया।
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोचाधामन में भी प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान अंतर्गत जिले में 300 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं की मुफ्त प्रसव पूर्व जांच की गई। जिले में संस्थागत प्रसव संबंधी मामलों में 20 प्रतिशत वृद्धि को लेकर विभागीय प्रयास तेज हो चुका है। इसके लिये प्रसव संबंधी सेवाओं को विस्तारित करते हुए सेवाओं की बेहतरी का प्रयास किया जा रहा है। कोचाधामन प्रखंड के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा० कुंदन कुमार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को साफ-सफाई के साथ अपनी सेहत का पूरा ख्याल स्वयं रखना चाहिए।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि सभी गर्भवती महिलाओं को सन्तुलित आहार के साथ आयरन एवं कैल्सियम की गोली का उचित मात्रा में सेवन करना जरूरी है। तभी गर्भावस्था के दौरान महिलाओं व उनके गर्भस्थ बच्चे का उचित शारीरिक व मानसिक विकास होता है। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा० उर्मिला ने बताया कि शिशु मृत्यु दर में कमी के लिए बेहतर प्रसव एवं उचित स्वास्थ्य प्रबंधन जरूरी है। प्रसव पूर्व जाँच से ही गर्भस्थ शिशु के स्वास्थ्य की सही जानकारी मिलती है। गर्भावस्था में बेहतर शिशु विकास एवं प्रसव के दौरान होने वाले रक्तस्राव के प्रबंधन के लिए महिलाओं में पर्याप्त मात्रा में खून होना आवश्यक होता है।
जिसमें प्रसव पूर्व जाँच की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एनीमिया प्रबंधन के लिए प्रसव पूर्व जाँच के प्रति महिलाओं की जागरूकता न सिर्फ एनीमिया रोकथाम में सहायक होती है बल्कि सुरक्षित मातृत्व की आधारशिला भी तैयार करती। ऐसे में प्रसव पूर्व जांच की महत्ता और अधिक बढ़ जाती है, क्योंकि यह मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। सिविल सर्जन बताया कि सुरक्षित मातृत्व के लिए प्रसव पूर्व जाँच हर माह की नौ तारीख को सभी पीएचसी एवं सरकारी अस्पतालों में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत की जाती है।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ग्राम स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस आदि कार्यक्रम के माध्यम से एनेमिक गर्भवती महिलाओं की जाँच की जा रही है। सामुदायिक स्तर पर गर्भवती महिलाओं को बेहतर खान-पान के बारे में भी जानकारी दी जा रही। अधिक से अधिक गर्भवती माताओं के प्रसव पूर्व जाँच सुनिश्चित कराने पर बल दिया जा रहा है। इसके लिए सभी एएनएम एवं आशाओं का क्षमतावर्धन भी किया गया है।
गर्भवती महिलाओं की चारों प्रसव पूर्व जांच माता एवं उसके गर्भस्थ शिशु की स्थिति स्पष्ट करती है और संभावित जटिलताओं का पता चलता है। लक्षणों के मुताबिक जरूरी चिकित्सीय प्रबंधन किया जाता है ताकि माता और उसके शिशु दोनों स्वस्थ रहें। सदर अस्पताल में कार्यरत डा० शबनम यास्मिन ने बताया सामान्य व सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देने के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को प्रसव संबंधी किसी तरह की जटिलताओं से निजात दिलाना अभियान का उद्देश्य है। इस क्रम में जरूरी जांच करते हुए गर्भवती महिलाओं को आयरन व कैल्सियम की गोली का नियमित सेवन गर्भवस्था व इसके बाद स्वस्थ व संतुलित पौष्टिक आहार के सेवन के लिये जागरूक व प्रेरित किया जाता है। प्रसव के जटिल मामलों को चिह्नित कर उनका लगातार फॉलोअप किया जाता है। ताकि समय रहते इन जटिलताओं का कुशलता पूर्वक प्रबंधन करते हुए जच्चा व बच्चा की सुरक्षा सुनिश्चित करायी जा सके।