बिहार ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषद की 13वीं बैठक आज दिनांक-14.11.2023 को श्री श्रवण कुमार, माननीय मंत्री, ग्रामीण विकास विभाग की अध्यक्षता में मुख्य सचिवालय स्थित विभागीय सभागार, पटना में आयोजित हुई ।

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:- महात्मा गांधी नरेगा अधिनियम के तहत प्रत्येक राज्यों में राज्य ग्रामीण रोजगार गांरटी परिषद का गठन किया जाता है । इसके सदस्य विकास आयुक्त, बिहार एवं कई विभागों के अपर मुख्य सचिव/प्रधान सचिव/सचिव के साथ-साथ जिला परिषद के अध्यक्ष एवं पंचायत समिति के प्रमुख भी होते हैं । उपरोक्त सदस्यों के अतिरिक्त मजदूर संगठन एवं समाजिक सेवा के भी प्रतिनिधि इसके सदस्य होते हैं । ज्ञातव्य हो कि प्रसिद्ध समाजसेवी पद्मश्री सिस्टर सुधा वर्गीज भी आज की बैठक में उपस्थित थी ।
उक्त बैठक में उपस्थित नालन्दा, सिवान एवं अररिया के जिला परिषद अध्यक्ष तथा नूरसराय, राजगीर, कौआकोल, शिवाजीनगर, करगहर, महनार एवं मुसहरी प्रखंड के पंचायत समिति प्रमुख ने हिस्सा लिया तथा अपने-अपने सुझावों से परिषद को अवगत कराया ।
माननीय मंत्री श्री श्रवण कुमार ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि जिला परिषद अध्यक्ष, पंचायत समिति प्रमुख, मजदूर संगठन के प्रतिनिधि तथा सिस्टर सुधा वर्गीज से महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए हैं जिस पर विभाग द्वारा अमल किया जाएगा । आगे माननीय मंत्री ने कहा कि पंचायत सरकार भवन, प्रखंड कार्यालय परिसर तथा अस्पताल की सुरक्षा हेतु मनरेगा योजना से चाहरदिवारी के निर्माण की स्वीकृति के लिए केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा जाना चाहिए । यदि केन्द्र सरकार द्वारा उक्त प्रस्ताव पर सहमति मिल जाती है तो परिसर भी सुरक्षित होगें, श्रमिकों के रोजगार के अवसर बढ़ेगें तथा चाहरदिवारी के किनारे-किनारे वृक्षारोपण का भी कार्य किया जा सकता है ।
आज की बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगाने वाले साप्ताहिक हाट/बाजार के स्थल पर स्थानीय व्यापारियों की सुविधा हेतु संरचना का निर्माण, पेयजल की सुविधा एवं शौचालय की सुविधा मनरेगा योजना से प्रदान की जाएगी। इसके लिए उपस्थित जन प्रतिनिधियों से अनुरोध किया गया कि वे अपने बोर्ड से इस आशय का प्रस्ताव पारित कर मुख्यालय को प्राप्त करायें । साथ ही हाट/बाजार लगाने वाले प्रबंधन से इसके रख-रखाव हेतु लिखित करार भी करा लिया जाय । माननीय मंत्री ने निदेश दिया कि सामाजिक अंकेक्षण के लिए जाने वाली टीम के कार्यक्रम की सूचना स्थानीय जन प्रतिनिधि को पूर्व से ही दे दी जाय। ताकि वे भी सामाजिक अंकेक्षण के दौरान उपस्थित रह सकें ।
परिषद की अगली बैठक में श्रम संसाधन विभाग, कृषि विभाग तथा पशु तथा मत्स्य संसाधन विभाग के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित करने का निदेश दिया गया ।