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केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करें कि ऑल इंडिया कोटे के 15 % से मेडिकल नामांकन में ओबीसी को 27 % आरक्षण पर शीघ्र फैसला दें

मंगलवार को शून्य काल के दौरान राज्यसभा में सुशील कुमार मोदी ने इस मुद्दे पर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया

त्रिलोकी नाथ प्रसाद-राज्यसभा में मंगलवार को शून्यकाल के दौरान सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि वह मेडिकल में नामांकन के लिए राज्यों में मिलने वाले केंद्र के 15 % ऑल इंडिया कोटे में एसटी,एससी की तरह ओबीसी को भी 27 % आरक्षण देने के लिए शीघ्र फैसला देने का सुप्रीम कोर्ट से आग्रह करें।

श्री मोदी ने कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर ऑल इंडिया कोटे से मेडिकल में नामांकन के लिए ओबीसी को 27% आरक्षण देने पर पहले ही अपनी सहमति दे चुकी है। मद्रास हाई कोर्ट द्वारा इसी मुद्दे पर गठित 5 सदस्यीय कमेटी ने भी ओबीसी के आरक्षण के पक्ष में अपनी राय दी है।

ओबीसी के आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सलोनी कुमारी बनाम भारत सरकार-2015 का मामला लम्बित है। आगामी 21 सितम्बर, 2021 को मेडिकल में नामांकन के लिए ऑल इंडिया स्तर पर नीट की परीक्षा आयोजित होने वाली है। अगर उसके पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला ओबीसी आरक्षण के पक्ष में आ जाता है तो इससे इस श्रेणी के छात्रों को नामांकन में लाभ मिलेगा।

मालूम हो कि 2017 के बाद से देशभर के मेडिकल कालेजों में एडमिशन के लिए नीट परीक्षा आयोजित की जाती है, जिसकी मेरिट लिस्ट की 85 % सीट राज्यों व 15 % ऑल इंडिया कोटे के तहत केंद्र को दी जाती है। सुप्रीम कोर्ट के 2007 के एक आदेश के तहत ऑल इंडिया कोटे की 15 % सीटों पर होने वाले नामांकन में एससी को 15 और एसटी को 7.5 % आरक्षण का लाभ तो मिलता है, मगर ओबीसी के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। वहीं, राज्य सरकारें 85 % सीटों पर अपनी नीति के तहत एस सी, एस टी और ओबीसी को आरक्षण देती हैं।

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