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हर दिव्यांग को मिले सम्मान और पहचान: पोठिया में यूडीआईडी शिविर में 67 दिव्यांगों को मिला प्रमाणपत्र

6 फाइलेरिया रोगियों को भी जारी हुआ दिव्यांग प्रमाणपत्र, 100% डिजिटल पहचान का लक्ष्य

किशनगंज,23जुलाई(के.स.)। हर दिव्यांगजन को सम्मान, पहचान और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के उद्देश्य से पोठिया प्रखंड में यूडीआईडी (Unique Disability ID) शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 93 दिव्यांगजनों की जांच की गई, जिसमें से 67 को दिव्यांग प्रमाणपत्र जारी किया गया। खास बात यह रही कि इनमें 6 फाइलेरिया रोगियों को भी दिव्यांग प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।

डिजिटल पहचान की ओर बढ़ते कदम

शिविर में शामिल सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने बताया कि अब राज्य में ऑफलाइन प्रमाणपत्र मान्य नहीं रहेंगे और सभी दिव्यांगजनों को यूडीआईडी कार्ड के तहत डिजिटल पहचान से जोड़ा जाएगा। इसका उद्देश्य है उन्हें केंद्र और राज्य सरकार की सभी कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ना और जीवन को सुलभ बनाना।

जिलाधिकारी की अपील: “यह सामाजिक आंदोलन है”

जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “यूडीआईडी कार्ड केवल दस्तावेज़ नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के आत्मसम्मान और भविष्य की कुंजी है। यह जिम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, समाज की भी है कि हर दिव्यांग तक यह सेवा पहुंचे।” उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि अपने आसपास के दिव्यांगजनों को ऐसे शिविरों तक लाएं और उन्हें इस प्रक्रिया का लाभ दिलाएं।

शिविर में दी गईं प्रमुख सेवाएं:

  • पात्र दिव्यांगों को प्रमाणपत्र जारी
  • पुराने प्रमाणपत्रों का नवीकरण
  • ऑटिज्म, मानसिक, बौद्धिक और अधिगम अक्षमता से पीड़ित दिव्यांगों को प्राथमिकता
  • ENT, मानसिक स्वास्थ्य, श्रवण एवं दृष्टि जांच विशेषज्ञों द्वारा

यूडीआईडी कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज़:

  • दिव्यांगता प्रमाणपत्र
  • आधार कार्ड
  • मतदाता या राशन कार्ड
  • आवासीय प्रमाणपत्र
  • पासपोर्ट साइज फोटो
    (मूल और छायाप्रति दोनों आवश्यक)

बीबीडीसी सलाहकार अविनाश रॉय ने कहा कि

“यह केवल प्रमाणपत्र देने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि आत्मसम्मान और बराबरी का अधिकार देने की दिशा में एक कदम है।”

दिव्यांगजन को सहायता नहीं, समानता चाहिए

कार्यक्रम के अंत में जिलाधिकारी विशाल राज ने अपने संदेश में दोहराया, “हमारा समाज तभी प्रगतिशील कहलाएगा जब हर व्यक्ति को बराबरी का अवसर और सम्मान मिलेगा। दिव्यांगजन हमारे समाज का गौरव हैं, और उन्हें उनका हक दिलाना हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। आइए, इस मिशन का हिस्सा बनें और हर दिव्यांग को आगे बढ़ने का अवसर दें।”

यूडीआईडी शिविर — डिजिटल क्रांति के साथ सामाजिक समावेशन की पहल।

रिपोर्ट/धर्मेन्द्र सिंह

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