रामचरित मानस का हर प्रसंग अनुकरणीय -डा. रमेशाचार्य
गुड्डू कुमार सिंह:-आरा । पीरो अनुमंडल अंतर्गत तरारी प्रखंड के डुमरिया गांव में श्री रामचरित मानस प्रचार मंडल बिहार के तत्वावधान में आयोजित संगोष्ठी के दौरान प्रसिद्ध रामकथा वाचक सह प्राध्यापक डा. रमेशाचार्य जी महाराज ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि रामचरित मानस सनातन धर्म का सबसे आदरणीय ग्रन्थ है । इसमें सामाजिक संबंधों को बड़े प्रभावी व प्रेरक तरीके से प्रस्तुत किया गया है। ऐसे में रामचरित मानस धार्मिक ग्रंथ होने के साथ-साथ सामाजिक संबंधों का आचार संहिता है। इसमे भाई का भाई से, पति का पत्नी से, स्वामी का सेवक से, मित्र का अपने मित्र से, पिता का पुत्र से माता का पुत्र से, भक्त का भगवान से, भाई का बहन से, राजा का प्रजा से कैसा संबंध होना चाहिए। इसके आदर्श रूप का उल्लेख किया गया है। हर सनातन परिवार में इस ग्रंथ की एक प्रति उपलब्ध होनी चाहिए। इस ग्रंथ का हर एक प्रसंग अनुकरणीय है। इसलिए हर घर राम हर घर मानस। उन्होंने कहा कि मानस सनातन संस्कृति का सर्वश्रेष्ठ पूज्य ग्रन्थ है। राम का सजीव चित्रण मानस में उपलब्ध है। हर व्यक्ति को राम के चरित्र का अनुकरण करना चाहिए।इसी कड़ी में अन्य वक्ताओं राजेन्द्र सिंह, अरूण राय, दिनेश पाण्डेय, अरूणानंद, उमाशंकर पाण्डेय, चतुर्भुज ओझा ,अरूण सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किये।कार्यक्रम की अध्यक्षता मानस प्रचार मंडल का अध्यक्ष सूर्यदयाल राय तथा मंच संचालन विद्यानंद सिंह ने किया।