ताजा खबर

*वोटर लिस्ट अपडेट के नाम पर वंचित समाज के मताधिकार को छिनना चाहता है चुनाव आयोग: राजेश राम*

सूबे में पिछड़े वर्ग को मतदान के अधिकार से वंचित करने की चल रही है साजिश: राजेश राम*

*चुनाव आयोग को साजिश में कामयाब नहीं होने देगी कांग्रेस: राजेश राम*

मनीष कुमार कमलिया/चुनाव आयोग के द्वारा बिहार में विधानसभा चुनाव से पूर्व मतदाता सूची के अपडेट करने की कवायद को लेकर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने आयोग को आड़े हाथों लेते हुए दलित, अल्पसंख्यक और गरीबों के मताधिकार और हिस्सेदारी को मिटाने की साजिश करार देते हुए अल्प समय में मतदाता सूची को अपडेट करने की कवायद की खिलाफत की है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने कहा है कि मतदाता सूची अपडेट करने का कार्यक्रम आनन फानन में चलाया जा रहा है और इससे युवा, दलित, गरीब और अल्पसंख्यकों के नाम वोटर लिस्ट से हटाने की साजिश चल रही है। अपडेट के नाम पर उन्हें आगामी चुनाव में मताधिकार के प्रयोग से वंचित रखने की साजिश चुनाव आयोग कर रही है। यह कदम कांग्रेस और महागठबंधन के मतदाताओं को सुनियोजित तरीके से लक्षित करके संचालित की गई है। उन्होंने कहा कि जिन कागजातों की मांग इस प्रक्रिया के तहत की जा रही है वो मेहनतकश परिवार और समाज के पिछड़े वर्ग से आने वाले लोगों के पास इतने कम समय में प्रस्तुत कर पाने में असमर्थता को दरकिनार किया जा रहा है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने चुनाव आयोग को भाजपा के साजिशों में गिरफ्त बताते हुए कहा कि पिछले चुनावों में पांच राज्यों में भी चुनाव आयोग ने इसी प्रक्रिया के तहत लाखों युवाओं, वंचित समाज, दलितों और अल्पसंख्यकों का नाम वोटर लिस्ट से काट दिया था। ऐसा ही मामला पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी किया गया और महाराष्ट्र का मामला तो हमारे शीर्ष नेता राहुल गांधी ने उचित मंचों से बार बार उठाया लेकिन उसे अनसुना कर दिया गया। दूसरी ओर निकाय के उप चुनाव में ई वोटर पंजीकृत करने का कार्य संचालित किया जा रहा है जिसमें घर बैठे वोट डालने की सुविधा दी जा रही है जिसमें 10% का लक्ष्य बीएलओ को दिया गया है जो आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए मददगार होगी क्योंकि वो फिर से छद्म रूप से मतदान प्रतिशत बढ़ाने का खेल खेलेगी और बिहार में चुनाव परिणामों को प्रभावित करेगी।

इस मामले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने जल्द चुनाव आयोग से समय लेकर मिलने की भी बात कही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button