राजनीतिक महत्वकांक्षा के कारण बिहार भाजपा में सिर-फुटव्वल की स्थिति – उमेश सिंह कुशवाहा
2024 लो0स0 चुनाव में हार के डर से भाजपा के कई सांसदों ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है
जद(यू.) की चिंता छोड़ अपने दल और राजनीतिक भविष्य की चिंता करें भाजपाई
त्रिलोकी नाथ प्रसाद –बिहार जद(यू.) के प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा ने भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि हमारी पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े करने से पहले भाजपा को अपने दल के नेताओं के बीच फैले मनमुटाव और अंतर्विरोध को खत्म करने को लेकर आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है। बिहार भाजपा के सभी नेता अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत अभिलाषा के शिकार हो चुके हैं, यही कारण है कि आज बिहार भाजपा में भारी अंतर्कलह मचा हुआ है। नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, राजीव प्रताप रूडी, संजय जयसवाल, रामकृपाल यादव, रविशंकर प्रसाद सहित कई नेताओं के बीच अंदर ही अंदर कशमकश है। अगर यही स्थिति रही तो अगले चंद वर्षों में बिहार के अंदर भाजपा का अस्तित्व नहीं बचेगा।
श्री कुशवाहा ने यह भी कहा कि भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने तो कई मर्तबा खुले मंच से भाजपा के प्रति नाराजगी जाहिर की है, और प्रदेश संगठन द्वारा नजरअंदाज किए जाने का भी आरोप लगाया है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा की आने वाले समय में भाजपा के कई वरिष्ठ नेता पार्टी से खुद को अलग कर लेंगे, पार्टी में खींचतान की बड़ी वजह यह है की वर्तमान समय में जिस व्यक्ति के हाथ में बिहार भाजपा का कमान सौंपा गया है वह व्यक्ति अहंकार, घृणा, महत्वाकांक्षा, व्यक्तिगत हित और बदजुबानी का शिकार है, लिहाजा नेताओं के साथ-साथ भाजपा के आम कार्यकर्ताओं में भी संगठन के प्रति नाराजगी है।
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के कई माननीय सांसद पार्टी छोड़ने वाले हैं, इन्हें इस बात का आभास हो चुका है कि 2024 लोकसभा चुनाव में वापसी नामुमकिन है। जिस मोदी जी के नाम पर ये सारे नेता चुनाव जीतकर आते थे अब वही मोदी जी असली चेहरा और चाल-चरित्र देश की जनता के सामने आ चुका है। प्रधानमंत्री मोदी जी खुद अपने बनारस लो0स0 सीट को लेकर असहज हैं। उनका हर एजेंडा विपक्षी एकता के सामने भी औंधे मुंह गिरने वाला है। यही वजह है कि भाजपा के तमाम सांसद व केंद्रीय मंत्रियों हैं को हार का डर सता रहा है। ये लोग भाजपा से रिश्ता तोड़ने का सही और अवसर और मौके की तलाश में हैं।
आगे उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता अपनी चिंता करें, अपने दल की चिंता करें और अपने राजनीतिक भविष्य की चिंता करें। जदयू की चिंता करना छोड़ दें क्योंकि जदयू प्रखंड स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक एकजुट और मजबूत है।