ब्रेकिंग न्यूज़

*कहाँ गए वो दिन?*

लेखक :- बिहार प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक की कलम से। ..

वाकया 30 वर्ष पूर्व का है। लोक सभा के आम चुनाव हो रहे थे। एक ज़िले के पुलिस अधीक्षक के रूप में, निष्पक्ष चुनाव कराने की ज़िम्म सूची सूची में मेरे कंधे पर थी। उसकी निर्वहन की प्रक्रिया में, मैंने अपने स्तर पर पूरे ज़िले में 107/113 Cr.PC की कार्रवाई को बहुत बड़े पैमाने पर की थी। अधिक राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री को यह कार्यवाई नागवार शुरू हुई। गेह दौर ऐसा था, जब चुनाव आयोग की चर्चा नहीं होती थी। निष्पक्ष चुनाव का दायित्व एसपी, डीएम और राज्य के सीएस, डीजीपी पर ही हुआ था। चुनाव के पूर्व, डीएम और मेरी पेशी सीएस के समक्ष हुई। सीएस ने बड़े प्यार से चाय पिलाई और बताया कि मुख्यंत्री ख़ासेर्नज़लोगों की प्रतिरोधात्मक कार्रवाई के बारे में। सीएस ने पूछा कि वी हू सी कार्रवाई की है।हम दोनों ने उन्हें पूरी प्रक्रिया को और उसके कानूनी पहलू को भी बताया।ध् जब हमने दोनों ने एक स्वर में हाँ में उत्तर दिया तब उनकी सलाह मिली – आप लोग कानून के मुताबिक सही काम करते हैं। मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी चुनाव में एक पक्ष हैं। दोषहीन होना है। चूँकि उन्होंने मुख्यमंत्री की हैसिटी से यह शिकायत की है, आपलोग एक विस्तृत संयुक्त प्रतिवेदन अभी तक रिकॉर्ड के लिए भेज दो।हमने ऐसा ही किया।कहाँ और क्यों चले गए।

Related Articles

Leave a Reply

Back to top button
error: Content is protected !!