किशनगंज : परिवार नियोजन पखवाड़े में जिला ने हासिल की है ऐतिहासिक उपलब्धि, पुरुष नसबंदी में पोठिया प्रखण्ड रहा अव्वल।

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किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, पिछले महीने 11 से 31 जुलाई तक चले परिवार नियोजन सेवा पखवाड़ा जिला के ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल किये है। कहते हैं कि शिक्षा से लोगों के बीच जागरूकता आती है और इसकी वजह से कई कार्यक्रमों और योजनाओं को सफलता मिलती है। खासकर जब शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता की बात आती है तो उसमें शहरी शिक्षा अहम मायने रखता। खासकर स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर, क्योंकि शिक्षित लोग जल्दी जागरूक होते और सेवाओं के प्रति रुचि लेते हैं। परंतु परिवार नियोजन जैसी योजनाओं की बात करें तो जिले में शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा ग्रामीण क्षेत्र के लोग काफी जागरूक दिखाई दे रहे और परिवार नियोजन को बढ़ावा देने में ग्रामीण पुरुष अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के पुरुष नसबंदी करा कर शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को परिवार नियोजन का संदेश दे रहे हैं। मंगलवार को जिला स्वास्थ्य समिति से मिली जानकारी के अनुसार पिछले महीने 11 से 31 जुलाई तक आयोजित परिवार नियोजन पखवाड़े के दौरान जिले के विभिन्न प्रखंडों में स्थित सरकारी अस्पतालों में कुल 24 पुरुषों ने अपनी नसबंदी करवायी जो काबिले तारीफ है। सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया की स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारियों और कर्मचारियों के अथक प्रयास के बिना संभव नहीं था। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी और कर्मचारी बधाई के पात्र हैं। मैं यह उम्मीद करता हूं कि आगे भी जिला स्वास्थ्य के सभी इंडिकेटर में नए-नए कीर्तिमान स्थापित करेगा। जिला स्वास्थ्य समिति के जिला योजना समन्वयक विश्वजीत कुमार ने बताया की जिले में महिला बंध्याकरण करवाने में 218 महिलाओं का बंध्याकरण करवाकर सफलता हासिल की गई। वहीं आईयूसीडी (कॉपर टी) लगवाने के 287 महिलाओं को कॉपर टी लगवाकर सफलता हासिल की गई है। वहीं 287 महिलाओ को पिपिआईयूसीडी लगाया गया। पुरुष नसबंदी के मामले में कुल 24 लोगो नसबंदी करवाया गया है। 11 से 31 जुलाई तक आयोजित 21 दिवसीय परिवार नियोजन पखवाड़ा के दौरान जिले में पुरुष नसबंदी के मामले में पोठिया प्रखंड अव्वल रहा। पखवाड़े के दौरान पोठिया में कुल 11 पुरुषों ने स्थाई परिवार नियोजन के तहत पुरुष नसबंदी को अपनाया। वहीं अन्य प्रखंडों की बात करें तो ठाकुरगंज दुसरे स्थान में 10 दिघलबैंक में 02 एवं छतरगाछ में 01 लोगों ने पुरुष नसबंदी करा कर समुदाय के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया। जिले के सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि पुरुष नसबंदी सबसे आसान है पुरुष नसबंदी को लेकर अभी भी पुरुषों में कहीं ना कहीं भ्रम फैला हुआ है कि नसबंदी कराने से शरीर में ताकत की कमी होती और पुरुष कई कार्यों को वह संपादित नहीं कर सकता है। साथ ही साथ महिला बंध्याकरण से भी कई गुना आसान होता है। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी करने के बाद तुरंत उन्हें छुट्टी दे दी जाती और जल्द ही वे लोग सभी क्रियाओं को पहले जैसे कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि पुरुष नसबंदी करने से किसी प्रकार की समस्या उत्पन्न नहीं होती है। उन्होंने कहा कि लोगों में अभी भी थोड़ी बहुत जागरूकता की कमी है और अभियान के माध्यम से पुरुष नसबंदी को बढ़ावा देने के लिए कार्य किए जा रहे हैं।