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किशनगंज : ओवरलोड ट्रक, डंपर, कंटेनर के परिचालन से डायमंड का सपना हो रहा है साकार

जिले में परिवहन एक्ट की दिन दहाड़े उड़ाई जा रही है धज्जियां, कौन है जिम्मेवार संबंधित अधिकारी या इंट्री माफिया..?

सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का

किशनगंज, 23 मई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह/फरीद अहमद, जिला के ठाकुरगंज बहादुरगंज रूट और पौआखाली डे मार्केट रूट से होकर प्रतिदिन ओवरलोड वाहनों का जखीरा गुजरता है जो यह दर्शा रहा है कि जिले में डायमंड का सपना साकार हो रहा है और ओवरलोड वाहनों के विराम लगने की कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही है। खबरें लगातार पिछले एक माह से लगातार प्रकाशित की जा रही है लेकिन ओवरलोड वाहनों के परिचालन पर कोई भी ठोस कार्रवाई होती नजर नहीं आ रही है। इंट्री माफिया के हौसले और उनकी उम्मीद बढ़ती जा रही है उनका ये काला गोरखधंधा दिन प्रतिदिन चमकता जा रहा है। गौर करे कि इंट्री का धंधा बिन पूंजी का धंधा है, इंट्री माफिया के गुर्गे जगह-जगह सक्रिय होकर ओवरलोड वाहनों को पास करवाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं। ओवरलोड वाहनों के परिचालन के कारण सड़क खराब हो रही है तो वहीं सरकारी राजस्व में भी भारी क्षति पहुंच रही है। जिलेभर में ओवरलोड वाहनों के तांडव से सरकारी राजस्व को बहुत बड़ा नुकसान हो रहा है। विभाग को जगाने के लिए लगातार खबरें बारीकी के साथ प्रकाशित की जा रही है और हर तरह की सूचना खबरों में लिखी जा रही है लेकिन विभाग के उदासीनता रवैया के कारण ओवरलोड वाहनों को पास करवाने वाले इंट्री माफियाओं का वर्चस्व दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। अब मामले में उच्च स्तरीय जांच की आवश्यकता है ताकि यह पता चल सके कि आखिर ओवरलोड वाहनों का परिचालन क्यों नहीं थम रहा है और किन-किन एंट्री माफियाओं के सहारे यह गोरखधंधा फल फूल रहा है और किन पदाधिकारियों/अधिकारियों के बल बूते इंट्री माफिया द्वारा परिवहन एक्ट की धज्जियां दिन दहाड़े उड़ाई जा रही है। जिले की जनता जानने को व्याकुल हो रहे है। जिले के लोग जानना चाह रहे है कि जब जिले में ओवरलोड वाहन का इंट्री का नमो निशान खत्म हो चुका था तो फिर किनके बल बूते फिर से इंट्री का धंधा फल फूल रहा है। ये डायमंड कौन है ?

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