District Adminstrationकिशनगंजबिहारब्रेकिंग न्यूज़राज्यस्वास्थ्य

किशनगंज : जिले के सदर अस्पताल में जारी है सर्वाइकल कैंसर की बायोप्सी

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि सदर अस्पताल में एनसीडी सेल के चिकित्सक डा. विजयलक्ष्मी एवं डा. सद्दाम अंसारी द्वारा अब तक मरीजों की 800 से अधिक मुंह कैंसर की स्क्रीनिंग की गयी है। वहीं 3614 महिलाओं के स्तन कैंसर स्क्रीनिंग, 4 महिलाओं की सवाईकल स्क्रीनिंग की गयी। जिसमें 66 मरीज सस्पेक्टेड पाए गए हैं

किशनगंज, 18 फरवरी (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, जिले में मुंह एवं सर्वाइकल के कैंसर के मरीजों के बायोप्सी कार्य जारी है। हालांकि मुंह के कैंसर के मरीजों की  बायोप्सी पूर्व से ही सदर अस्पताल में हो रही है। वहीं अब सर्वाइकल बायोप्सी कराने के लिए सिलीगुड़ी या अन्य बड़े शहरों का चक्कर नहीं लगाना होगा। क्योंकि सदर अस्पताल में 16 फरवरी को चौथा सर्वाइकल बायोप्सी की गई है। अब तक सदर अस्पताल के एनसीडी क्लिनिक में 17 ओरल और 04 सर्वाइकल कैंसर मरीज की बायोप्सी जांच गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी की देख रेख में की गयी। गैर संचारी रोग पदाधिकारी डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि सदर अस्पताल में एनसीडी सेल के चिकित्सक डा. विजयलक्ष्मी एवं डा. सद्दाम अंसारी द्वारा अब तक मरीजों की 800 से अधिक मुंह कैंसर की स्क्रीनिंग की गयी है। वहीं 3614 महिलाओं के स्तन कैंसर स्क्रीनिंग, 4 महिलाओं की सवाईकल स्क्रीनिंग की गयी। जिसमें 66 मरीज सस्पेक्टेड पाए गए हैं। एक महिला संभावित महिला कैंसर मरीज की सर्वाइकल बायोप्सी की गयी। जिसका सैंपल जांच के लिए पटना भेजा गया है। उन्होंने बताया की कैंसर के खतरे व इससे बचाव संबंधी उपायों के प्रति आम लोगों को जागरूक किया गया। इस दौरान सभी स्वास्थ्य संस्थानों में कैंसर स्क्रीनिंग व जरूरी चिकित्सकीय परामर्श संबंधी सेवाएं नि:शुल्क उपलब्ध करायी गई। आमलोगों में कैंसर के प्रति जागरूकता होगी ताकि लोग अपने शरीर में होने वाले असामान्य परिवर्तन को पहचानें। एनसीडीओ डा. उर्मिला कुमारी ने बताया बायोप्सी के माध्यम से आसानी और कम समय में कैंसर की पहचान हो जाती है। इसके लिए मरीज के  प्रभावित इलाकों से टिशू नमूने के रूप में लिए जाते हैं। जिसके बाद मशीन से उसकी जांच होती है। हालांकि, बायोप्सी कई प्रकार की होती है। कई स्थानों पर ऑप्टिकल बायोप्सी की भी सुविधा है। उन्होंने बताया कि कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है। स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा। उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, नहीं भरने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है। यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है। इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी। अगर मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें डॉक्टर की सलाह लेने को कहें। सिविल सर्जन डा. मंजर आलम ने बताया कि मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डाक्टर से मिलकर इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है। यह लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं तो इसे गंभीरता से लेते हुए डाक्टर की सलाह के आधार पर जांच जरूर करा लेनी चाहिए। डा. उर्मिला कुमारी ने बताया कि जिले में नवंबर 2022 से लेकर अभी तक 26 हजार 160 लोगों की कैंसर स्क्रीनिंग की गयी है। जिसमें कैंसर के लक्षण वाले 66 मरीज मिले हैं। जिन्हें फॉलोअप में रखा गया है। इसके अलावा 08 संभावित कैंसर मरीज की जांच के बाद ब्रेस्ट कैंसर की पुष्टि हुई है। जिसका  इलाज मुजफ्फरपुर में चल रहा है। सिविल सर्जन डा. मंजर आलम ने बताया कि कैंसर अब लाइलाज बीमारी नहीं है। बस, इसका सही समय पर पता करना तथा शुरुआती लक्षण पर ध्यान देने की जरूरत है। ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं में इन दिनों स्तन कैंसर एवं पुरुषों में मुंह का कैंसर ज्यादा सामने आ रहा है। उन्होंने बताया कि तंबाकू सेवन मुख के कैंसर का प्रमुख कारण है। इसके लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों की आशा कार्यकर्ता सीएचओ और एएनएम के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button