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डीएम की अध्यक्षता में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक हुई…..

जिले में उर्वरक की कोई किल्लत नहीं, लोग पैनिक-बाईंग न करें: डीएम

किसानों की सहायता के लिए जिला प्रशासन सजग एवं प्रतिबद्धः डीएम

डीएम ने कहाः सिंचाई के लिए डीजल अनुदान का लाभ किसानों के बैंक खाते में उपलब्ध कराया जाएगा, लंबित आवेदनों को 24 घण्टे के अंदर जिला कृषि पदाधिकारी निष्पादित करेंगे

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –पटना, मंगलवार, दिनांक 16.08.2022ः जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में आज समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक हुई। बैठक में जिला में वर्षापात, फसल आच्छादन, डीजल अनुदान, उर्वरक की उपलब्धता, किसानों को विद्युत आपूर्ति, राजकीय नलकूपों की स्थिति, आकस्मिक फसल योजना का क्रियान्वयन सहित सभी बिन्दुओं पर अनुमंडलवार एवं प्रखंडवार विस्तृत समीक्षा की गई। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि किसानों को कोई परेशानी न हो इसके लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। उन्होंने जिला कृषि पदाधिकारी को डीजल अनुदान हेतु लंबित आवेदनों को 24 घण्टे के अंदर निष्पादित करने का निदेश दिया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जिले में उर्वरक की कोई किल्लत नहीं है। 15 अगस्त तक 23,500 मेट्रिक टन की आवश्यकता के विरूद्ध 23,216 मेट्रिक टन यूरिया पटना जिला को उपलब्ध हो गई है। वर्तमान में जिला के 216 प्रतिष्ठानों 52,443 बैग (2359.925 मेट्रिक टन) यूरिया अवशेष पड़ा हुआ है। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि नियमित अंतराल पर जिला को यूरिया की आपूर्ति की जा रही है। आज भी 2000 मेट्रिक टन प्राप्त हुआ है। दो दिनों के अंदर एक और रैक की आपूर्ति की जाएगी। उन्होंने कहा कि खरीफ मौसम में लक्ष्य के विरूद्ध शत-प्रतिशत यूरिया प्राप्त होगी। उत्पादन एवं आपूर्ति में कोई व्यवधान नहीं है। किसान भाई यूरिया को लेकर घबराएं नहीं। घबराहट में आवश्यकता से अधिक खरीदारी (पैनिक-बाईंग) न करें। सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग एवं सतर्क है।

बैठक में जिला कृषि पदाधिकारी, पटना द्वारा बैठक में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। सम्बद्ध विभागों यथा-सांख्यिकी, सिंचाई, विद्युत इत्यादि के अद्यतन प्रतिवेदन की समीक्षा की गई।

जिला सांख्यिकी पदाधिकारी द्वारा जिले में वर्षापात का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जून माह में सामान्य वर्षापात 127 एमएम के विरूद्ध वास्तविक वर्षापात 123 एमएम रहा। -3.15 प्रतिशत कम वर्षा हुई है। जुलाई माह में 335.4 एमएम वर्षा के विरूद्ध वास्तविक वर्षापात 135.63 एमएम रहा। विचलन -59.56 प्रतिशत है। अगस्त में सामान्य वर्षापात 255.7 एमएम के विरूद्ध वर्तमान समय तक 73.94 एमएम वर्षा हुई है जो सामान्य वर्षापात से 71.08 प्रतिशत कम है। दक्षिण-पश्चिम मॉनसून (01 जून से 30 सितम्बर) के आंकड़ों का मौसमवार अध्ययन करें तो वर्ष 2017 में -33 प्रतिशत, वर्ष 2018 में -39 प्रतिशत, वर्ष 2019 में -13 प्रतिशत, वर्ष 2020 में प्लस 9 प्रतिशत, वर्ष 2021 में -12 प्रतिशत का वर्षापात में विचलन पाया गया। वर्ष 2022 में अभी तक -44 प्रतिशत का विचलन हुआ है। बिहटा, पुनपुन, बिक्रम, फुलवारीशरीफ एवं पटना सदर में अच्छी वर्षा हुई है जबकि बेलछी, अथमलगोला, दनियावॉ में वर्षापात की स्थिति अच्छी नहीं है। भारतीय मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार 17 एवं 18 अगस्त को वर्षा की संभावना नहीं है। 19 अगस्त को सामान्य वर्षापात का 25 प्रतिशत, 20 अगस्त को 50 प्रतिशत एवं 21 अगस्त को शत-प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है। डीएम डॉ. सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई, कार्य अभियंता विद्युत एवं सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारियों को वर्षापात के आंकड़ों के अनुसार योजनाबद्ध ढंग से कार्य करने का निदेश दिया ताकि किसानों को ससमय सहायता प्राप्त हो सके। जिला कृषि पदाधिकारी ने पटना जिला में खरीफ 2022-23 में फसल आच्छादन का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। पटना जिला में वर्तमान समय तक धान आच्छादन के लक्ष्य 1,16,183.40 हेक्टेयर के विरूद्ध उपलब्धि 1,03,037.29 हेक्टेयर है जो लक्ष्य का 88.69 प्रतिशत है। इसी प्रकार मक्का के लक्ष्य 7,912.75 हेक्टेयर लक्ष्य के विरूद्ध 6,876.01 हेक्टेयर में मक्का की खेती हुई है जो लक्ष्य का 86.90 प्रतिशत है। डीएम डॉ. सिंह नेे कहा कि फसल आच्छादन की स्थिति अच्छी है एवं इसमें उत्तरोत्तर सुधार होगी। उन्होंने निदेश दिया कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मद्देनजर जिले में शत-प्रतिशत फसल आच्छादन प्राप्त करने हेतु सभी अधिकारी सतत प्रयत्नशील रहें।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि अल्पवर्षा की स्थिति को देखते हुए किसानों को निरंतर विद्युत आपूर्ति हो इसके लिये दिनांक 20.07.2022 से कृषि फीडर के लिये 16 घंटे की विद्युत आपूर्ति का निदेश दिया गया है। विद्युत कार्यपालक अभियंता को कृषि फीडर को कम से कम 16 घंटे बिजली उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया।

डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 अंतर्गत खरीफ मौसम के फसलों में अनावृष्टि/अल्पवृष्टि के कारण सुखाड़ जैसी स्थिति में डीजल चालित पम्पसेट से पटवन/सिंचाई करने के लिए सरकार द्वारा किसानों को डीजल अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। किसानों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण के माध्यम से डीजल अनुदान योजना के कार्यान्वयन हेतु कृषि विभाग द्वारा क्रियान्वयन अनुदेश उपलब्ध कराया गया है। सिंचाई के लिए डीजल अनुदान का लाभ किसानों के बैंक खाते में उपलब्ध कराया जाएगा। डीएम डॉ. सिंह ने जिला कृषि पदाधिकारी को विहित प्रक्रिया के अनुसार निहित प्रावधानों का अक्षरशः अनुपालन करते हुए डीजल अनुदान का वितरण सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने निदेश दिया कि लंबित आवेदनों को 24 घण्टा के अंदर निष्पादित किया जाए।

डीएम डॉ. सिंह द्वारा लघु सिंचाई प्रमंडल अंतर्गत पटना जिले में राजकीय नलकूप की स्थिति की अनुमंडलवारी समीक्षा की गई। कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल द्वारा बताया गया कि जिले में कुल 975 राजकीय नलकूप हैं। इसमें से कुल 643 नलकूप चालू हालत में है। 332 नलकूप अकार्यरत है जिसमें 128 नलकूप अन्य दोषों के कारण बंद पड़े (डेड) है जिसे ठीक नहीं किया जा सकता है। डीएम डॉ. सिंह ने अन्य दोषों के कारण बंद पड़े (डेड) राजकीय नलकूपों के बारे में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए सूची से विलोपित करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को प्रखंडवार राजकीय नलकूपों की सूची में अकार्यरत नलकूपों की समीक्षा करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने कहा कि जहाँ-जहाँ विद्युत अथवा यांत्रिक दोष के कारण राजकीय नलकूप बंद हैं, वहाँ मरम्मति करवाकर उन्हें चालू करने की निरंतर कार्रवाई की जाय। राजकीय नलकूपों हेतु विद्युत की 16 घंटे प्रतिदिन आपूर्ति करवाने का निदेश दिया गया। डीएम डॉ. सिंह ने उप विकास आयुक्त, पटना को पंचायतों में निरीक्षण दलों के द्वारा सभी राजकीय नलकूपों एवं कृषि फीडर की जाँच दो दिनों-बुधवार एवं वृहस्पतिवार-में कराने का निदेश दिया। निरीक्षण दल द्वारा अकार्यरत नलकूपों के सटीक कारण की जाँच की जाएगी तथा इसके आलोक में नलकूपों को चालू करने की कार्रवाई की जाएगी।

डीएम डॉ. सिंह ने लघु सिंचाई प्रमंडल, विद्युत विभाग एवं ग्राम पंचायतों को समेकित ढंग से आपस में समन्वय करते हुए राजकीय नलकूपों को चालू रखने के लिए सतत प्रत्यनशील रहने का निदेश दिया। उन्होंने कहा कि आम जनता की समस्या को देखते हुए राजकीय नलकूपों की जिम्मेदारी ग्राम पंचायतों की दी गई थी ताकि स्थानीय स्तर पर समस्या का तुरत समाधान किया जा सके। उन्होंने प्रखंड विकास पदाधिकारियोें को राजकीय नलकूपों के छोटे-छोटे दोष को तुरत दूर कर चालू करने का निदेश दिया। डीएम डॉ. सिंह ने लघु सिंचाई प्रमंडल, पटना अंतर्गत राजकीय नलकूपों के रख-रखाव हेतु ग्राम पंचायतों को दिये गये राशि के विरूद्ध उपयोगिता प्रमाण-पत्र शीघ्र समर्पित करने का निर्देश दिया।

जिलाधिकारी ने कहा कि बुधवार एवं वृहस्पतिवार के साप्ताहिक जाँच में पदाधिकारियों द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान कृषि संबंधित बिन्दुओं यथा-वर्षापात, फसल आच्छादन, डीजल अनुदान, नहर में पानी की स्थिति, कृषि फीडर की स्थिति, राजकीय नलकूपों का संचालन आदि की जाँच की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सभी अनुमंडल पदाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र की गतिविधियों का नियमित अनुश्रवण करने का निदेश दिया।

इस बैठक में जिलाधिकारी के साथ समाहरणालय स्थित सभाकक्ष में उप विकास आयुक्त पटना, अपर समाहर्त्ता आपदा प्रबंधन, जिला कृषि पदाधिकारी, प्रभारी पदाधिकारी आपदा प्रबंधन, जिला सांख्यिकी पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल, कार्यपालक अभियंता विद्युत, कार्यपालक अभियंता सोन नहर प्रमंडल खगौल एवं अन्य भी उपस्थित थे। क्षेत्रीय पदाधिकारी यथा-सभी अनुमंडल पदाधिकारी, सभी अनुमंडल कृषि पदाधिकारी, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी विस्वान के माध्यम से जुड़े हुए थे।

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