अर्जित चौबे की गिरफ्तारी पुलिस के लिए बनी गले की हड्डी, वारंट लेकर घूम रही है पुलिस…
भागलपुर नाथनगर उपद्रव कांड के आरोपी व केंद्रीय राज्य मंत्री अश्विनी चौबे के बेटे अर्जित शाश्वत चौबे पर प्राथमिकी करके भागलपुर पुलिस फंस गई है।अर्जित चौबे की गिरफ्तारी पुलिस के लिए गले की हड्डी बन गई है।बताया जा रहा है कि अर्जित चौबे पटना में अपने करीबी के यहां हैं।दिखावे के लिये उनकी गिरफ्तारी के लिए भागलपुर पुलिस पटना में कैंप भी कर रही है।पर पुलिस अभी तक अर्जित तक नहीं पहुंच पाई है।प्राथमिकी रद्द कराने को लेकर अर्जित की तरफ से हाईकोर्ट में अर्जी दी गई है।याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है।लिहाजा प्राथमिकी रद्द की जाए।अर्जित के ऊपर रामनवमी पर भागलपुर में निकाली गई संदेश यात्रा और इस दौरान हुए उपद्रव के मामले में नाथनगर थाने में केस दर्ज है। इतना ही
नहीं,जब अर्जित का कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट 24 मार्च 2018 को जारी हुआ था तो ठीक उसके अगले दिन रामनवमी को 25 मार्च को वे पटना में दीघा विधायक के साथ रामनवमी के जुलूस में शामिल हुए थे। भागलपुर पुलिस वारंट लेकर उन्हें खोज रही थी।दबाव बढ़ने के बाद भागलपुर पुलिस की एक टीम पटना गई।भागलपुर एसएसपी ने पटना एसएसपी से गिरफ्तारी में सहयोग मांगा।जब कि इस दौरान 26 मार्च को अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद अर्जित शाश्वत ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल किया था।
कब-क्या हुआ
- 17 मार्च 2018 -भारतीय नववर्ष समिति के बैनर तले नववर्ष जागरण शोभायात्रा का नेतृत्व करने के आरोप में नाथनगर थाने के एएसआई हरिकिशोर सिंह ने आठ अन्य के साथ आरोपियों बनाते हुए केस दर्ज किया।
21 मार्च 2018-अर्जित के खिलाफ अरेस्ट वारंट के लिए कोर्ट पहुंची नाथनगर थानेदार को वारंट प्रपत्र अधूरा बताते हुए अदालत ने लौटा दिया था।उस समय पुलिस ने सिर्फ अर्जित पर ही वारंट की अर्जी लगाई थी।जिस पर कोर्ट ने एतराज जताते हुए कहा कि मामले में अन्य आरोपियों के खिलाफ अर्जी क्यों नहीं डाली ?
22 मार्च 2018-अदालत के आदेश के बाद नाथनगर थानेदार ने सभी आरोपियों के खिलाफ वारंट की अर्जी लगाई लेकिन केस डायरी साथ में नहीं लगाया।जिस पर कोर्ट ने अर्जी वापस कर दी।
23 मार्च 2018-जुलूस में आपत्तिजनक गाना बजाने वाले डीजे संचालक बबलू मंडल व सुखराज हाईस्कूल में बमबाजी मामले में अफवाह फैलाने वाले जानिसार अख्तर उर्फ टिंकू को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
24 मार्च 2018-एसीजेएम कोर्ट ने अर्जित समेत सभी नौ आरोपियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया।
26 मार्च 2018-अरेस्ट वारंट जारी होने के बाद अर्जित शाश्वत ने सेशन कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल किया।27 मार्च 2018-अग्रिम जमानत अर्जी पर बहस के बाद कोर्ट ने पुलिस से केस डायरी की मांग की।
28 मार्च 2018-अर्जित के साथ बवाल मामले के अन्य 8 आरोपियों ने भी अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की।
भागलपुर पुलिस का रवैया इसमें शुरू से ही टालमटोल का रहा।वारंट के लिये आधी-अधूरी तैयारी के साथ पुलिस 21 व 22 को कोर्ट पहुंची।कोर्ट ने फटकारा।इसके बाद 24 को कोर्ट ने सभी नौ आरोपितों के खिलाफ वारंट निर्गत किया।पर सवाल यहाँ यह उठ रहा है की कहीं प्राथमिकी के नाम पर केवल खानापूर्ति तो पुलिस ने नहीं की,अब तक गिरफ्तारी नहीं होने से उठ रहे सवाल।वारंट लेकर भागलपुर में अर्जित को खोज रही थी पुलिस और पटना में रामनवमी जुलूस में हुए थे शामिल,फेसबुक यूज कर रहे और कार्यकर्ताओं से नियमित संपर्क।अरेस्ट वारंट को लेकर भी शुरू से ही भागलपुर पुलिस का रवैया टालमटोल का रहा,दो बार कोर्ट ने फटकारा और अंत में सभी आरोपितों के खिलाफ मिला वारंट।आपको बताते चले की 28 मार्च 2018 को जिला भाजपा की ओर से भाजपाई कचहरी चौक पर मौन धारण कर धरने पर बैठे।इसके बाद कार्यकर्ताओं ने इसकी फोटो फेसबुक पर पोस्ट किया।इसके बाद महज दो घंटे के अंदर अर्जित ने उस पोस्ट को शेयर किया।हालांकि अर्जित कहां है,इस बात को बताने से हर कोई कतरा रहा है।बताया जाता है कि अर्जित पटना स्थित राजेंद्र नगर में अपने एक रिश्तेदार के यहां गए थे।जब पुलिस की दबिश बढ़ी तो उन्होंने अपना ठिकाना बदल लिया।पार्टी कार्यकर्ताओं के मुताबिक घटना के बाद से अर्जित पटना में ही रह रहे हैं।