जिलाधिकारी, पटना द्वारा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय भारत सरकार के बालकों के दत्तक ग्रहण के संबंध में जारी मार्गदर्शिका, 2022 के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए दत्तक ग्रहण हेतु तीन बालकों का आदेश जारी किया गया।…

त्रिलोकी नाथ प्रसाद:- पटना जिला में संचालित अरुणोदय विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित एक बालक और एक बालिका तथा सृजनी विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान में आवासित एक बालक के ग्रहण हेतु आदेश जारी किया गया। पूर्व में दत्तक ग्रहण की प्रक्रिया फैमिली कोर्ट से पूर्ण होती थी, परंतु किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 में संशोधन करते हुए जिलाधिकारी को दत्तक ग्रहण आदेश जारी करने हेतु प्राधिकृत किया गया है।
इस अवसर पर श्री तनय सुल्तानिया उप विकास आयुक्त, पटना,
श्री उदय कुमार झा, सहायक निदेशक जिला बाल संरक्षण इकाई पटना , बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष डॉ संगीता कुमारी तथा अन्य कर्मी उपस्थित थे।
*जानिए दत्तकग्रहण के क्या नियम हैं..
कोई भी ऐसा दंपत्ति जिसकी शारीरिक एवं मानसिक स्थिति सुदृढ़ हो बच्चा गोद लेने के लिए पात्र हो सकता है, यदि उन्होंने कम से कम दो वर्ष का स्थिर वैवाहिक जीवन व्यतीत किया हो तथा दत्तक ग्रहण हेतु दोनों की आपसी सहमति जरुरी है। अलग-अलग उम्र वाले दंपत्ति को अलग – अलग उम्र के बच्चे की पात्रता होती है। बच्चा गोद लेने के लिए केन्द्रीय दत्तकग्रहण संसाधन प्राधिकरण के वेबसाइट www.cara.nic.in पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है । जांचोपरांत बच्चा गोद लेने के पात्र माता -पिता को बच्चा गोद दिया जाता है । एकल पुरूष अभिभावक को केवल लड़का गोद दिया जा सकता है जबकि एकल महिला अभिभावक लड़का एवं लड़की दोनों को गोद ले सकती है । देश में किसी अन्य माध्यम से बच्चा गोद लेना और देना कानूनन अपराध है ।