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किशनगंज :देश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को लेकर सिविल सर्जन की अध्यक्षता में बैठक आयोजित।

हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के चौथे स्थापना दिवस से पहले टीबी मरीजों की सुविधा के लिए आयोजित किए जा रहे कई कार्यक्रम।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट गोल के तहत 2025 तक जिले को टीबी की बीमारी से मुक्त बनाने के लिए जिलाभर के विभिन्न हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर पर 24 मार्च से 13 अप्रैल तक 21 दिनों का विशेष अभियान चल रहा है। इस दौरान वहां टीबी रोगियों की सुविधा के लिए गुणवत्तापूर्ण सेवाओं के साथ-साथ समाज के लोगों के बीच टीबी को लेकर मनोवैज्ञानिक सामाजिक सपोर्ट भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी अभियान की सफलता के लिए सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर की अध्यक्षता में सभी सीएचओ के साथ समीक्षा बैठक का आयोजन सिविल सर्जन कार्यलय में किया गया। बैठक में जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ मुनाजिम, एनसीडी नवाज शरीफ एवं जिले में कार्यरत सभी सीएचओ शामिल हुए। बैठक में सिविल सर्जन डॉ कौशल किशोर ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अपर सचिव विकासशील के निर्देशानुसार सन 2025 तक देश को टीबी मुक्त बनाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने टीबी सेवाओं को आयुष्मान भारत हेल्थ और वेलनेस सेंटर तक उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। यहां टीबी मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही समुदाय से जुड़ने और लोगों के बीच टीबी के प्रति जन- जागरूकता पैदा करने के साथ-साथ समय रहते टीबी मरीजों को चिह्नित करने, उसका जांच करने और सही उपचार सुनिश्चित कराना है। इसके साथ ही हेल्थ एन्ड वेलनेस सेंटर के माध्यम से टीबी मरीजों और उसके परिवार वालों को मनोवैज्ञानिक सामाजिक सपोर्ट भी उपलब्ध कराना है।

मुहिम से सभी लोग जुड़ें तभी टीबी हारेगा, देश जीतेगा :

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया कि आगामी 14 अपैल को आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के चौथे स्थापना दिवस से पूर्व जिला भर के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आगामी 13 अप्रैल तक विशेष कैम्प आयोजित किया गया है। इस दौरान हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) पर बड़ी जिम्मेवारी है कि वो घर के दरवाजे से बाहर आ रहे लोगों को बेहतर ढंग से टीबी की जांच और इलाज के साथ- साथ इससे बचने के लिए लोगों को टीबी के लक्षण और सावधानियों के बारे में अच्छी तरह से जागरूक करें। जिला के सभी प्रखंडों में टीबी पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से टीबी के लक्षण सहित इलाज के विषय में जानकारी दी जा रही है। मैं यह अपील करूँगा कि इस मुहिम से जुड़े सभी लोग अपनी शत-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करें ताकि हर टीबी रोगी चाहे वह सरकारी अस्पताल या प्राइवेट अस्पताल से इलाज करायें उनकी सभी जाँच एवं दवाएं निःशुल्क मिले और रोगी अकेला महसूस नहीं करे, तभी टीबी हारेगा, देश जीतेगा।

टीबी पीड़ित मरीज को उनके इलाज के दौरान 500 रुपये की पोषण राशि दी जाती है :

जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने बताया की टीबी मरीजों की ससमय पहचान करने एवं उन्हें गुणवत्तापूर्ण निःशुल्क इलाज प्रदान करने के लिए हमारे पास पर्याप्त मात्रा में संसाधन उपलब्ध हैं। इसके साथ ही टीबी पीड़ित मरीज को उनके इलाज के दौरान प्रति माह भारत सरकार की तरफ से 500 रुपये की पोषण राशि भी उनके बैंक अकाउंट में सीधे दी जा रही है। मैं आमजनों से अपील करता हूँ कि यदि आपको दो सप्ताह या अधिक समय से खाँसी हो, बुखार हो या शाम में शरीर गर्म हो रहा हो, वजन में कमी आ रही हो, भूख नहीं लग रही हो, छाती में दर्द हो रहा हो, खांसने पर बलगम में खून आ रहा हो एवं अत्यधिक कमजोरी एवं थकान लगता हो तो बिना देर किए नजदीकी टीबी केंद्र में जाकर संपर्क जरूर करें। लोग पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक आहार नहीं ले पाते हैं। इससे भी लोग टीबी की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। इसलिए अगर किसी के घर में मधुमेह के मरीज हों तो डॉक्टर से पूछकर अपना आहार तालिका बनाएं, ताकि कुपोषण का शिकार होने से बचें और टीबी जैसी बीमारी से बचाव हो सके।

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