राजनीति

भाजपा के खिलाफ विभिन्न चरणों में पोल खोल अभियान चलाएगी जद(यू०)

जातीय गणना के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी का चेहरा बेनकाब हुआ - ललन सिंह

त्रिलोकी नाथ प्रसाद –मंगलवार को जनता दल (यू०) मुख्यालय में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह माननीय सांसद श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ‘लल्लन’, प्रदेश अध्यक्ष श्री उमेश सिंह कुशवाहा एवं बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री श्री अशोक चौधरी ने संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता को संबोधित किया।

जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह माननीय सांसद श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ‘ललन’ ने प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि जाति आधारित गणना कराने के लिए 11 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल ने माननीय प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखी थी, बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने प्रदेश के सभी दलों के प्रतिनिधियों के साथ माननीय प्रधानमंत्री से मुलाकात कर देश भर में जातीय गणना कराने की बात कही थी, बिहार विधानमंडल से दो बार सर्वसम्मति प्रस्ताव पारित हुआ जिसमें भारतीय जनता पार्टी भी शामिल थी मगर केंद्र सरकार ने को स्वीकार नहीं किया तब बिहार की सरकार ने स्वयं के संसाधन से जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया। जातीय गणना के साथ-साथ राज्य सरकार ने आर्थिक सर्वेक्षण करने का भी निर्णय लिया ताकि भविष्य में सरकार इन सारी चीज़ो को ध्यान में रखकर जनहित में कोई भी नीति बना सके। 70 फ़ीसदी गणना का काम पूरा होने के बाद भाजपा ने पर्दे के पीछे से इसमें अड़ंगा लगाने की कोशिश की और अपने सहयोगी संगठनों को आगे कर पटना उच्च न्यायालय में लोकहित याचिका दायर करवाई। पटना उच्च न्यायालय यह कहते हुए अपना फैसला सुनाया कि जाति आधारित गणना से किसी को निजता भंग नहीं हो रही है और राज्य सरकार के पास प्रदेश के पिछड़ेपन को खत्म करने के लिए जाति आधारित गणना व सर्वेक्षण कराने का पूरा अधिकार है। हाईकोर्ट से विफलता हाथ लगने के बाद ये लोग सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने चले गए। सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता के पक्ष से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी खड़े हो गए लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने भी स्थगन आदेश देने से साफ़ इनकार कर दिया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सारे हथकंडे अपनाने के बाद जब भाजपा की दाल नहीं गली तो उसे अपना नकाब उतारना पड़ा और और नकाब उतरने के बाद कल सर्वोच्च न्यायालय में भारत सरकार के सॉलिसिटर जनरल से तुषार मेहता जी याचिकाकर्ता के पक्ष में हाजिर हो गए। नगर निकाय चुनाव के दौरान भी भारतीय जनता पार्टी अतिपिछड़ा आरक्षण को खत्म करने की साजिश रच रही थी और उसी साजिश के तहत पटना हाईकोर्ट में अतिपिछड़ा आरक्षण के विरुद्ध याचिका दायर किया गया था मगर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी ने स्पष्ट कह दिया था कि बेगैर आरक्षण के नगर निकाय चुनाव नहीं होगा और अंततोगत्वा अति पिछड़ा आरक्षण के साथ ही बिहार में नगर निकाय चुनाव संपन्न हुआ। भारतीय जनता पार्टी का चेहरा अब खुलकर सामने आ गया है । यह पार्टी गरीब विरोधी, अतिपिछड़ा विरोधी, पिछड़ा विरोधी, दलित विरोधी और जन विरोधी है। और यह साबित हो गया की वोट लेने के समय मोदी जी अतिपिछड़ा बन जाते हैं लेकिन इस बार उनका चेहरा बेनकाब हो गया है इसलिए जनता दल (यू०) ने यह फैसला लिया है कि अब पूरे बिहार भर में भारतीय जनता पार्टी का पोल खोल अभियान चलेगा। पार्टी ने निर्णय लिया है कि पोल खोल अभियान के तहत दिनांक 1 से 5 सितंबर तक संध्या काल में बिहार के सभी जिला मुख्यालयों में मसाल एवं कैंडल मार्च का आयोजन किया जाएगा, तथा दिनांक 7 से 12 सितंबर तक यह आयोजन सभी प्रखंड मुख्यालयों में आयोजित किया जाएगा साथ ही 15 से 20 सितंबर तक जदयू के सभी स्तर के पदाधिकारी गण एवं सक्रिय साथीगण अपने-अपने घरों में काला झंडा लगाकर भारतीय जनता पार्टी के संविधान विरोधी चरित्र को उजागर करेंगे।

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