किशनगंज : जिले के गाछपाडा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में लोगों की हुई कैंसर की स्क्रीनिंग
जिले के सभी आमजन जागरूक होकर करें कैंसर के लक्षणों की पहचान, सजग रहें, अपनी सेहत पर रखें नजर: सिविल सर्जन

किशनगंज, 07 जुलाई (के.स.)। धर्मेन्द्र सिंह, कैंसर एक ऐसी जटिल एवं गंभीर बीमारी है जिसकी जद में आकर पूरे विश्व में हर वर्ष लाखों लोग काल के गर्भ में समा जाते हैं। ज्यादातर मरीजों में जांच के दौरान पाया जाता है कि उनका कैंसर अब आखरी चरण में पहुच चुका है और वैसी स्थिति में उपचार संभव नहीं होता है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने शुक्रवार को बताया कि कैंसर का उपचार शुरुआती लक्षणों को पहचानने के उपरांत ही संभव है। लक्षण नजर आते ही कैंसर की जांच करवाने से कई जिंदगी बचायी जा सकती है। कैंसर सामान्यतः खतरनाक माना जाता लेकिन ससमय लक्षणों की पहचान कर इससे मुक्ति संभव है। इसी क्रम में जिले के किशनगंज प्रखंड के गाछपाडा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में कैंसर की स्क्रीनिंग तथा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में डा० सद्दाम अंसारी, सीएचओ कल्पना कुमारी व एएनएम श्वेता कुमारी उपस्थित रहीं। कैंसर की स्क्रीनिंग तथा जागरूकता कार्यक्रम में डा० सद्दाम अंसारी ने बताया कि कैंसर के 5 प्रकार सामान्यतः नजर आते हैं-कार्सिनोमा-यह मुख्यतः शरीर के फेफड़ों, स्तन, पैंक्रियाज एवं चमड़ी को प्रभावित करता है। सारकोमा- यह सबसे ज्यादा शरीर की हड्डियों, रक्त धमनियों, वसा एवं मांसपेशी को प्रभावित करता है। मेलानोमा-यह शरीर की सेल को प्रभावित करता है। चमड़ी के कैंसर का यह प्रमुख कारण माना जाता है। लिम्फोमा-यह शरीर की सफ़ेद रक्त कोशिकाओं को प्रभावित करता है। ल्यूकेमिया-यह मानव शरीर के रक्त को प्रभावित करता है। ब्लड कैंसर इसी का स्वरूप है। सिविल सर्जन डा० कौशल किशोर ने बताया कि ज्यादातर कैंसर के चार लक्षण पाए जाते हैं। इन्हें स्टेज 1 से लेकर स्टेज 4 तक की श्रेणी में रखा जाता है। स्टेज 1 की स्थिति में कैंसर का संक्रमण एक छोटे क्षेत्र में सीमित रहता और इसका फैलाव शरीर के अन्य हिस्सों में नहीं होता है। स्टेज 2 में कैंसर में वृद्धि देखी जाती लेकिन फैलाव नहीं होता है। स्टेज 3 की स्थिति में कैंसर और फ़ैल जाता और शरीर की अन्य कोशिकाओं को प्रभावित करता है। स्टेज 4 जिसे एडवांस्ड कैंसर की स्थिति भी कहते हैं, कैंसर तेजी से शरीर के कई अंगों में फैलता है और कोशिकाओं को नष्ट करता है। कैंसर के लक्षण-मुंह के अंदर या बाहर फोड़ा, जख्म का नहीं भरना, मुंह के अंदर या जीभ पर सफेद चकता, बलगम, पखाना, पेशाब या जननान्ग मार्ग से खून आना, स्तन में गांठ, स्तन से खून का रिसाव, रजोवृति के बाद रक्तस्राव, जननान्ग मार्ग रिसाव में दुर्गंध, चमड़े पर तिल या गांठ के आकार में इजाफा।
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डा० अनवर आलम ने बताया कि व्यक्ति में कैंसर आनुवांशिक, ख़राब एवं अनियंत्रित दिनचर्या, शराब एवं तंबाकू का सेवन, शरीर पर रेडिएशन का प्रभाव, अंग प्रत्यारोपण आदि से हो सकता है। व्यसनों से दूरी, नियंत्रित दिनचर्या एवं सजगता, कैंसर से बचने का सबसे सरल एवं सुगम तरीका है। सिविल सर्जन ने बताया कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है। जिससे उसे ठीक किया जा सकता है। वहीं, ओरल व ब्रेस्ट कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों जो तंबाकू का सेवन अधिक करते हैं। उसके बाद उन्हें कैंसर के खतरों व उसके पहचान से संबंधित जानकारी होनी चाहिए। स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा। उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है। यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है। इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी। अगर उनमें मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें चिकित्सक की सलाह लेना आवश्यक है ।