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किशनगंज : शतप्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने के लिए नवनियक्त एएनएम को दिया गया प्रशिक्षण।

बच्चों का नियमित टीकाकरण जरूरी।

किशनगंज/धर्मेन्द्र सिंह, बच्चों के जीवन और भविष्य की सुरक्षा के लिए सबसे प्रभावी और किफायती तरीकों में से एक है-टीकाकरण। शिशुओं के जीवित रहने के लिए टीकाकरण जरूरी है। इसकी सफलता एवं शतप्रतिशत नियमित टीकाकरण के लिए जिले के सभी नव नियुक्त एएनएम को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है। यह आयोजन सदर अस्पताल में किया गया। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने प्रशिक्षण को संबोधित करते हुए कहा कि नियमित टीकाकरण को छोड़ने से नवजात के जीवन पर जानलेवा प्रभाव पड़ सकता है। शिशुओं के जीवन और भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी और कम लागत का तरीका है। बच्चों के शरीर में रोग प्रतिरक्षण हेतु टीके लगाए जाते हैं। जिससे बच्चों के शरीर की रोग से लड़ने की शक्ति बढती है। टीकाकरण से बच्चों में कई सक्रांमक बीमारियों की रोकथाम होती है। इससे समुदाय के स्वास्थ्य के स्तर में भी सुधार होता है। जिले में नियमित टीकाकरण के अंतर्गत जन्म से 12 महीने तक के बच्चे को टीबी, पोलियो, डिप्थीरिया, काली खांसी, टेटनेस, हेपेटाइटिस बी, इनफ्लुएंजा, जेई, डायरिया सहित कुल 12 जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए गर्भवती माँ के साथ साथ प्रसव के बाद नवजात को कुल 12 टीके दिए जाते हैं। वहीं गर्भवती माता एवं बच्चों को टेटनेस से बचाव हेतु निःशुल्क टीके लगाये जाते हैं। शतप्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को हासिल करने को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ देवेन्द्र कुमार ने प्रखण्ड स्तर पर कोल्ड चेन में वैक्सीन का रख रखाव करने को कहा। जिले में नियमित टीकाकरण अंतर्गत पूर्ण प्रतिरक्षण एवं सम्पूर्ण प्रतिरक्षण की वर्तमान स्थिति की चर्चा की गई। कोविड 19 टीकाकरण में तीसरे डोज़ से छूटे हुए व्यक्तियों की स्थिति की सुधार की बातें की गई। वीपीडी सर्विलांस में डिप्थीरिया, पलतुसिस, न्यू नेटल टेटनस, पोलियो, एवं खसरा-रूबेला के विषय में विस्तृत चर्चा की गई। डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि पूर्ण टीकाकरण को लेकर अभी भी लोगों में जागरूकता फैलाने की आवश्यकता है। सरकारी अस्पताल में पड़ने वाले सभी टीके की कुल कीमत 26 हज़ार के आसपास है। जो सरकार नि:शुल्क उपलब्ध करा रही है, जबकि यही टीका बाहर में 40 हज़ार के ऊपर के होते हैं। आशा एवं आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से लोगों के बीच सरकारी अस्पतालों में दिए जाने वाले टीकाकरण के प्रति जागरूक करें। साथ ही टीके से होने वाले फायदे भी हर स्तर के लोगों तक पहुंचाएं। उन्होंने बताया कि यह टीका यदि गर्भवती महिला के साथ साथ उसके बच्चों को समय से पड़ जाए तो हम बच्चे को पूरी तरह से सुरक्षित कर पाते हैं।

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