एक कहावत है कि वक्त से बड़ा कोई नहीं होता है।अगर आपका वक्त सही है तो पूरी दुनिया आपके कदमों के नीचे होती है,लेकिन वक्त बुरा है तो आप किसी के कदमों के नीचे।कुछ ऐसी ही कहानी भारत की एक रॉयल फैमिली की भी है।इस फैमिली के पास एक जमाने में की कीमत वाले डायमंड का यूज पेपरवेट के तौर पर किया करता था।मोतियों को लेकर उसका शौक और उसके घोड़ों के बारे में आज भी हैदराबाद के आसपास कई कहानिया सुनने को मिलती है, मालुम हो की हैदराबाद के निजाम का शासन मुगल सल्तनत के तौर पर 31 जुलाई 1720 में शुरू हुअाा था।इसकी नींव मीर कमारुद्दीन खान ने डाली थी।जबकि उस्मान अली खान इस डाइनेस्टी के आखिरी निजाम था।निजाम उस्मान अली खान को अब तक का सबसे अमीर भारतीय माना जाता
है।टाइम और फॉर्च्यून जैसी मैगजीन्स ने उस्मान को यह खिताब दिया है।एक रिपोर्ट के मुताबिक 1940 के दशक में उस्मान अली खान की कुल संपत्ति करीब 2 अरब डॉलर थी।उस वक्त अमेरिका की इकोनॉमी का करीब 2 फीसदी थी।आजादी के भारत का कुल रेवन्यू महज एक अरब डॉलर था, जबकि निजाम के पास 2 अरब डॉलर की संपत्ति थी।पैलेस में काम करते थे राष्ट्रपति भवन से
ज्यादा कर्मचारी निजाम की लाइफ स्टाइल बेहद आकर्षक थी।निजाम के अपने पैलेस में करीब 6000 लोग काम किया करते थे।जबकि मौजूदा दौर नई दिल्ली स्थित राष्ट्रपति भवन में महज 1500 लोगों का ही स्टाफ काम करता है।यही नहीं निजाम ने महल में सिर्फ 38 लोग कैंडल स्टैंड की धूल साफ करते थे।हालांकि हैदराबाद का निजाम जितना अमीर था उतना ही कंजूस भी था।निजाम ने
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अपनी लाइफ में 35 साल तक एक ही टोपी पहनी।निजाम अपने कपड़े भी कभी प्रेस नहींं करवाता उसके पायजामें में हमेशा सिलवटें पड़ी रहती थीं।वह टिन की एक प्लेट में खाना खाता था और सिगरेट के साथ वह उसकी बट भी पी जाता था।यही नहीं निजाम ने पूरी जिंदगी में सिगरेट का पूरा पैकेट खरीदकर नहीं पिया।जबकि उसके खजाने में पेट्रोलियम बेचकर कमाने वाले अरब के शेखों से
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भी जयादा पैसा था।निजाम एक और चीज के लिए बेहद फेमस था।निजाम की कितनी बीबियां और बच्चे थे इसका हिसाब लगाना मुशिकल है।रिपोर्ट्स के मुताबिक, निजाम की जिस वक्त मौत हुई तब तक दर्जनों बीवियों से उनके करीब 86 बच्चे थे।ये बच्चे उसके हरम में रहने वाली बीवियों से पैदा हुए थे।जबकि इसके अलावा निजाम के करीब 100 से भी ज्यादा अवैध बच्चे भी हुए जो
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उसके हरम की बीवियों से पैदा नहीं हुए थे।निजाम की मौत के बाद उसकी संपत्ति को लेकर काफी विवाद हुआ।1990 के दौर तक आते आते निजाम के कुल वारिसों की संख्या करीब 400 पहुंच चुकी थी।निजाम के दो बेटे और तीन बेटियां अब भी जिंदा हैं।जबकि उसके ग्रैंड चिल्ड्रेन की संख्या करीब 104 है।निजाम के वारिस अब गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं।निजाम ने सैकड़ों औलादों में से
अपने किसी बेटे को अपना वारिस नहीं चुना था।निजाम ने ग्रैंडसन मुकर्रम जहां को अपना वारिस घोषित किया था।मौजूदा समय में मुकर्रम जहां तुर्की के शहर इस्तांबुल के एक फ्लैट में गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं।इससे पहले वह आॅॅस्ट्रेलिया में रहते थे।फिलहाल आखिरी निजाम के ग्रैंडसन मुकर्रम जहां अब गुमनामी की जिंदगी जी रहे हैं।इस्तांबुल में उन्हें कोई नहीं पहचानता है।उनके ग्रैंडफादर ने 1948 में लंदन के नेटवेस्ट बैंक में करीब 10 लाख पाउंड की राशि जमा कराई थी।यह राशि तब जमा कराई गई थी,जब भारत
सरकार हैदराबाद का विलय कराने का प्लान बना रही थी,जबकि निजाम पाकिस्तान के साथ जाना चाह रहे थे।मौजूदा समय में इसकी कीमत करीब 3 अरब डॉलर है।फिलहाल इस पैसे को लेकर भारत और निजाम की फैमिली के अलावा पाकिस्तान भी अपना दावा जाता जाता रहा है।निजाम के ग्रैंडसन के पास अपने दादा की तरह अमीरी नहीं है।एक समय ऐसा आया जब मुकर्रम जहाँ के
पास अपने मुकदमे की पैरवी के लिए वकील की फीस भी भरने के पैसे नहीं रहे।हालांकि इसके बावूजद मुकर्रम ने अपनी लाइफ में कुल 5 शादियां की।उन्होंने तीसरा विवाह मिस तुर्की रह चुकीं महिला से की।मुकर्रम की मां और उनकी पहली भी तुर्की की ही रहने वाली थीं।
निजाम उस्मान अली खान अपने बच्चों के साथ। हैदराबाद पर भारतीय सेना के कब्जे के बाद सरदार पटेल के साथ निजाम।