वाहनो की निलामी के खेल का हुआ पर्दाफाश

शशि रंजन सिंह-बिहार सरकार और माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वकांक्षी 2016 की मध निषेध अधिनियम के तहत सम्पूर्ण में शराबबंदी की जो एक तरफ वाहवाही लूटी जा रही थी तो दूसरी तरफ इनके विभागीय आलाधिकारी और जिलाधिकारी इस बाबत कालिख पोतते साफ तौरपर नजर आ रहे हैं।
विदित हो कि वर्ष 2016 में जब बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू कि गई थी, तो इस अधिनियिम के तहत शराब के अवैध विक्रेता तथा जिस स्थान पर शराब का सेवन किया जा रहा हो या इसके अवैध व्यापार के लिए जो प्रतियुक्त वाहन का उपयोग किया गया हो को सरकार जप्त कर लेती है। सनद् रहे कि इस दरम्यान पुलिसकर्मियों द्वारा हजारों-लाखों ऐसे वाहनों को जप्त किया गया किन्तु थाने में सड़ रहे इन वाहनों पर ना ही सरकार की कोई चिंता देखी गई और ना ही उन पुलिसकर्मियाें की। जो अनदेखी कर नाजायज तरीके से पकड़े गये उक्त वाहनाें का इस्तेमाल अपने निजी कार्य के लिए उपयोग में लाते रहे हैं। ज्ञात हो कि पकड़ाये ये वाहन जो थानाें में सड़ रहे हैं, उनके अंदर के कई पार्टस पुलिसकर्मियों द्वारा निकाल कर बेच दिये जाते हैं या फिर निजी उपयोग में लाया जाता है। गौरतलब हो कि उक्त नियम के अनुसार इन वाहनों की निलामी करनी होती है पर निलामी तो होती है किन्तु पकड़े गये उक्त गाडि़याें में जो बेहतर कंडीशन में होते हैं, उनका विभाग द्वारा सेटिंग करके अपने प्रियजनों को कम निलामी के कम दामों पर बेच दिये जाते हैं।
बहरहाल, ऐसा ही एक मामला बिहार राज्य के दरभंगा जिला में प्रकाश में आया है। बताते चले कि बिहार राज्य में पूर्ण शराबबंदी के उपरांत शराब के परिवहन में परियुक्त वाहन को समाहर्ता सह जिला दंडाधिकारी, दरभंगा के द्वारा बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 में विहित प्रावधानों के अधिन राज्यादेश आदेश पारित किया गया है। जिसकी निलामी तथा बिक्री किया जाना राज्यहित में आवश्यक है। ज्ञात हो कि उक्त निलामी में 152 वाहन की निलामी होनी थी, लेकिन जिले के बड़े अधिकारी अच्छे-अच्छे वाहनों को अपने सगे-संबंधियों और अपने चेले-चपाठियों के लिए पूर्व में ही तय कर रखा था। जिसकी सूचना केवल सच को लगते ही केवल सच के सहायक संपादक शशि रंजन सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित कई पदाधिकारियों को उक्त संबंध में पत्र लिखा। वही मुख्यमंत्री ने उक्त पत्र को पुलिस महानिदेशक बिहार, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग और जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक को कार्रवाई के लिए अग्रसारित कर दिया। तत्पश्चात पुलिस निदेशक बिहार ने उक्त आवेदन को वरीय पुलिस अधीक्षक, दरभंगा को आवश्यक कार्य हेतु अग्रसारित कर दिया।
बताते चले कि पत्रें के केवल इस खेल से कार्यवाई नहीं होते देख इस कालाबाजारी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने हेतु शशि रंजन सिंह ने दरभंगा जिला के तेज-तर्रार वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेन्द्र चौधरी के माध्यम से मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, दरभंगा के समक्ष दरभंगा के जिलाधिकारी डॉú त्याग राजन एम-एस-, जिला उत्पाद अधीक्षक दरभंगा ओम प्रकाश, थानाध्यक्ष विश्वविद्यालय सत्यप्रकाश झा, थानाध्यक्ष बिरौल आशुतोष झा, थानाध्यक्ष सिमरी हरिकिशोर यादव सहित अन्य पदाधिकारियों पर क्रिमिनल केश कम्पलेन नं–2640/2021 कर दिया। जिसकी सुनवाई दिनांक 07/08/2021 को होनी है। इस मामले को बढ़ता देख जिला प्रशासन में हड़कंप मच गई है और तत्काल प्रभाव से वाहनों की निलामी संबंधित प्रक्रिया स्थगित कर दी गई।