ब्रेकिंग न्यूज़

एनडीए ने शुरू की बिहार में पूरा बजट एक साथ पारित कराने की परम्परा-सुशील मोदी

* बिहार विधान सभा भवन शताब्दी वर्ष खोलने के लिए प्रबोधन

कार्यक्रम में वित्तीय मामलों से संबंधित प्रक्रिया पर संबोधन

त्रिलोकी नाथ प्रसाद बिहार विधान सभा भवन शताब्दी वर्ष खोलने सह प्रबोधन कार्यक्रम में सदन में वित्तीय मामलों से सबंधित प्रक्रिया पर अपने संबोधन में पूर्व उपमुख्यमंत्री व सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि 2005 के बाद एनडीए 31 मार्च से पहले पूरे बजट को एक साथ पारित कर दिया। बनाने की परम्परा शुरू की ताकि पहली अप्रैल से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के बजट के अनुसार खर्च किया जा सके। पहले दो किस्त में मार्च में शुरू के चार महीने और जुलाई में शेष आठ महीने के लिए लेखानुदान पारित होता था। एनडीए की सरकार ने बजट से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने के साथ ही बजट पूर्व भुगतान, जेंडर और परिणाम बजट के साथ ही स्थानीय निकायों के लिए बजट पेश करना शुरू किया।

श्री मोदी ने बजट पेश करने के इतिहास की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्र में पहले शाम 5 बजे बजट पेश किया जाता था। अंग्रेजों के काल से यह परम्परा जारी था। भारत और इंग्लैंड के समय में लगभग 6 घंटे के अंतर के कारण भारत में जब शाम का 5 बजता था तो इंग्लैंड में दिन का 11 बजता था। आजादी के दशकों के बाद अटल जी की सरकार के दौरान इस परम्परा को संशोधित कर पूर्वाह्न 11 बजे बजट पेश किया जाने वाला लगा। इसी तरह पहले 28 फरवरी को बजट पेश किया गया था, जिसके कारण पूरा बजट 31 मार्च तक पारित नहीं हो पाया था, लेकिन नरेन्द्र मोदी की सरकार ने 2017 में इस परम्परा को तोड़ते हुए 01 फरवरी को बजट पेश करना शुरू किया जिसके कारण 31 मार्च पहले पूरा बजट पारित हो जाता है।

बजट की तैयारी व कई अन्य परम्पराओं की चर्चा करते हुए कहा कि केंद्रीय बजट की छपाई के दौरान 100 कर्मियों से अधिक कर्मियों व अधिकारियों को एक माह तक तहसील में छपाई मशीन वाली जगह पर बंद कर दिया जाता है, और उनके मोबाइल फोन आदि भी बाहर। रखवा लिया जाता है। इसका उद्देश्य बजट की गोपनीयता बनाए रखना होता है। जिस दिन से बजट की छपाई शुरू होती है, तब ‘हलुआ कार्यक्रम’ आयोजित होता है। एक बड़े कड़वाह में वित मंत्री की उपस्थिति में हलुआ बनाया जाता है और मीठे से शुरुआत की तर्ज पर सभी के बीच हलुआ का प्रसाद बांटा जाता है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button