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सोशल ट्रेडिंग के नाम पर धोखाधड़ी,नोएडा स्थित कंपनी के निदेशक,सीईओ सहित तीन गिरफ्तार…

सोशल ट्रेडिंग यानी सोशल मीडिया पर प्रोडक्ट और पर्सन प्रमोशन के नाम पर साढ़े छह लाख लोगों से 3700 करोड़ की ठगी हुई।लोगों को कंपनी का सदस्य बनाकर सोशल साइट पर प्रति लाइक पांच रुपये देने के नाम पर एकमुश्त निवेश करा ठगी को अंजाम दिया गया।इस कारनामे को नोएडा सेक्टर 63 में एब्लेज इन्फो सॉल्यूशन नाम से कंपनी बनाकर अंजाम दिया जा रहा था।एसटीएफ ने कंपनी के निदेशक,सीईओ और टेक्निकल हेड को गिरफ्तार कर इनके खाते के करीब 550 करोड़ रुपये फ्रीज कराए हैं।कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं।एसटीएफ ने गाजियाबाद और हापुड़ में भी छापेमारी की है।गिरफ्तार आरोपियों की पहचान किशनगंज पिलखुआ के रहने वाले अनुभव मित्तल (निदेशक)विशाखापत्तनम निवासी श्रीधर प्रसाद (सीईओ)और मथुरा के कमई बरसाना निवासी महेश दयाल (टेक्निकल हेड) के रूप में हुई। अनुभव ग्रेटर नोएडा के एक कॉलेज से बीटेक है,जबकि श्रीधर प्रसाद दिल्ली के एनआइए इंस्टीटयूट से एमबीए है।कंपनी के पास कोई वास्तविक विज्ञापन या कोई रियल सर्विस उपलब्ध नहीं थी।ठगी के इस धंधे को जनता का पैसा लेकर जनता के बीच बांटकर बढ़ाया गया। लोगों को सदस्य बनाकर पैसे लिए गए।फिर उनके पैसे को अन्य सदस्यों में मुनाफा बताकर बांट दिया गया।इससे लोगों का कंपनी पर भरोसा बढ़ा और सदस्य बनने वालों की संख्या तेजी से बढ़ी।ज्यादातर ग्राहकों को पैसे नहीं मिलते थे।

आरोपियों ने करीब तीन हजार करोड़ रुपये ग्राहकों को वापस करने का दावा किया है।दो पीड़ितों ने सूरजपुर और कोतवाली फेज तीन में केस दर्ज कराया तो मामला खुला।एसएसपी,एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि आरोपी एफ-471,सेक्टर 63 में एब्लेज इन्फो सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड नाम से कंपनी चला रहे थे। इसमें 100 से अधिक कर्मचारी काम करते थे।इस कंपनी के तहत अगस्त 2015 में सोशल टेड डॉट बिज नामक एक सोशल मीडिया प्लेटफार्म लांच किया गया।पोर्टल से जुड़ने के लिए चार तरह की स्कीम लांच की गई।इसके तहत 5,750 रुपये से 57,500 तक लेकर सदस्य बनाया जाता था।कंपनी यूजर आइडी और पासवर्ड देती थी।लॉग इन करने पर 25 से 125 लिंक लाइक के लिए दिए जाते थे।हर लाइक पर पांच रुपये मिलने का दावा किया गया था।कंपनी दावा करती थी कि एक लाइक के लिए विज्ञापन कराने वाली संस्था से छह रुपये लिए जाते हैं।इसमें से कंपनी एक रुपये खुद लेती थी।ग्राहकों को फर्जी विज्ञापन या एक-दूसरे के पेज लाइक कराते थे।कंपनी आखिर में अपने ही सर्वर पर इन्हें डंप कर देती थी।

रिपोर्ट-न्यूज़ रिपोटर 

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