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जदयू प्रवक्ता नवल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस और लालू की कोख से पनपे पलायन की समस्या के समाधान के लिए नीतीश कुमार भागीरथ प्रयास कर रहे।

मुकेश कुमार/ जंगलराज के जातीय संघर्ष और अराजकता तथा कांग्रेस के माल भाड़ा समानीकरण के आर्थिक प्रभावों से उपजे पलायन की समस्या से लड़ते हुए नीतीश कुमार न केवल प्रत्यक्ष रोजगार बल्कि अप्रत्यक्ष रोजगार सृजन दोनों ही तरीकों से पलायन की जड पर प्रहार कर रहे । इसके लिए भारी मात्रा में सरकारी नौकरियां दी जा रहीं, प्रत्येक विभाग में नई नियुक्तियां निकाली जा रहीं, पर्यटन क्षेत्र का अभूतपूर्व विकास किया जा रहा, होटल इंडस्ट्री में फाइव स्टार सहित बडे बडे होटल खुल रहे, उद्योग धंधों का विकास किया जा रहा, निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा। इसके अलावा इंडस्ट्रियल पार्क, औद्योगिक पाॅलिसी, टैक्सटाइल पाॅलिसी, लेदर पाॅलिसी जैसे न जाने कितने तरकीबों से नीतीश कुमार बिहार को पलायन के दंश से मुक्ति दिलाने के लिए भगीरथ प्रयास कर रहे ।

बिहारवासियों के लिए यह जानना महत्वपूर्ण है कि जब केंद्र से लेकर राज्य तक कांग्रेस का एकछत्र राज्य था, तब कांग्रेसवालों ने ऐसे कानून बनाए जिससे बिहार के खनिज संसाधनों का इस्तेमाल कर बिहार के बजाय दूसरे राज्यों में उद्योग धंधे लगे। कांग्रेस के माल भाड़ा समानीकरण ने बिहार के आर्थिक विकास का खून चूस लिया। उसके बाद जब लालू प्रसाद सत्ता में आए तो उनके जंगलराज में जो भय का माहौल निर्मित हुआ उसमें डर के माहौल में नए उद्योग धंधे लगने की बात तो दूर चल रहे उद्योग और व्यवसायों को भी बंद कर लोग भागने लगे। सारे पुराने उद्योग उजड़ गए। यह बिहार का सौभाग्य है कि नीतीश कुमार अपनी दूरदर्शिता से कांग्रेस और लालू के दिए पलायन के जख्म का जड से इलाज कर रहे।

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